Friday 27 March 2015

इस ऑडिटोरियम के बिना अधूरी रहेगी थिएटर की कहानी....रंगमंच हमारी जिद है

स्पष्ट रूप से पढ़ने के लिए इमेज पर डबल क्लिक करें (आप उसके बाद भी एक बार और क्लिक द्वारा ज़ूम करके पढ़ सकते हैं )






 संकलन-विजय माथुर, फौर्मैटिंग-यशवन्त यश

No comments:

Post a Comment

कुछ अनर्गल टिप्पणियों के प्राप्त होने के कारण इस ब्लॉग पर मोडरेशन सक्षम है.असुविधा के लिए खेद है.