Thursday 28 May 2015

वित्तमंत्री मनमोहन सिंह के उदारीवाद की उपज है मोदी सरकार --- विजय राजबली माथुर

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2011 से ही ब्लाग-पोस्ट्स के माध्यम से सूचित करता रहा हूँ कि मनमोहन सिंह जी ने अपने कार्यकाल में सोनिया जी व राहुल जी पर हज़ारे/केजरीवाल/रामदेव/RSS के सहयोग से भ्रष्टाचार संरक्षण आंदोलन चलवाया था जिसने मोदी साहब को सत्तासीन किया है। यह भेंट अगली कड़ियों पर अमल करने हेतु थी।
Jeevan Yadav यह निष्कर्ष बहुत सी बातों की प्रतीक्षा करेगा




 2011 से ही अपने ब्लाग http://krantiswar.blogspot.in/ के माध्यम से स्पष्ट करता रहा हूँ कि हज़ारे/केजरीवाल/रामदेव के कारपोरेट भ्रष्टाचार संरक्षण आंदोलन को कांग्रेस के मनमोहन सिंह गुट/RSS का समान समर्थन रहा है। जब मनमोहन जी को तीसरी बार पी एम बनाने का आश्वासन नहीं मिला तो मोदी को पी एम बनवा दिया गया है और मोदी के विकल्प के रूप में केजरीवाल को तैयार किया जा रहा है। RSS के कांग्रेस मुक्त भारत की परिकल्पना को अमेरिका प्रवास के दौरान जस्टिस काटजू साहब बखूबी संवार रहे हैं महात्मा गांधी,नेताजी सुभाष और जिन्नाह साहब के विरुद्ध विष-वमन करके। मनमोहन जी के विकल्प के रूप में मोदी व मोदी के विकल्प के रूप में केजरीवाल की ताजपोशी की रूप रेखा व्हाईट हाउस में बराक ओबामा के निर्देश पर तैयार की गई थी और निर्वाचन प्राणाली की खामियों तथा ई वी एम के करिश्मे के जरिये उस पर जनता की मोहर लगवा ली गई है। परंतु साम्यवादियों/वामपंथियों का केजरीवाल की परिक्रमा करना आत्मघाती तो है ही बल्कि देश के लिए भी अहितकर है।
http://krantiswar.blogspot.in/2015/03/blog-post_13.html 
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https://www.facebook.com/aquil.ahmed.7927/posts/458395827647852 


 http://krantiswar.blogspot.in/2015/02/aquil-ahmed.html
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अभी अभी मनमोहन सरकार के वरिष्ठ मंत्री वीरप्पा मोइली ने खुलासा किया है कि मनमोहन सिंह ने हड़बड़ी मे 'उदारवाद' अर्थात आर्थिक सुधार लागू किए थे जिनसे 'भ्रष्टाचार' मे अपार वृद्धि हुई है। 

तो यह वजह है कि मनमोहन सिंह जी ने आर एस एस को ताकत पहुंचाने हेतु अन्ना हज़ारे के आंदोलन को बल प्रदान किया था। सिर्फ और सिर्फ तानाशाही ही भ्रष्टाचार को अनंत काल तक संरक्षण प्रदान कर सकती है और इसी लिए इन आंदोलनकारियों ने लोकतान्त्रिक मूल्यों को नष्ट करने का बीड़ा उठा रखा है। राजनीति और राजनीतिज्ञों के प्रति नफरत भर कर ये लोग जनता को लोकतन्त्र से दूर करना चाहते हैं।
http://krantiswar.blogspot.in/2012/03/blog-post.html

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1962 मे चीनी आक्रमण मे भारत की फौजी पराजय के सदमे से नेहरू जी गंभीर रूप से बीमार पड़ गए तब 1963 मे राधाकृष्णन जी की महत्वाकांक्षा जाग्रत हो गई। के कामराज नाडार ,कांग्रेस अध्यक्ष जो उनके प्रांतीय भाषी थे से मिल कर उन्होने नेहरू जी को हटा कर खुद प्रधान मंत्री बनने और कामराज जी को राष्ट्रपति बनवाने की एक गुप्त स्कीम बनाई। परंतु उनका दुर्भाग्य था कि( वह नहीं जानते थे कि उनके एक बाड़ी गार्ड साहब जो तमिल भाषी न होते हुये भी अच्छी तरह तमिल समझते थे ) नेहरू जी तक उनकी पूरी स्कीम पहुँच गई जिसका खुलासा उस सैन्य अधिकारी ने अवकाश ग्रहण करने के पश्चात अपनी जीवनी मे किया है।..........................आज 48 वर्ष बाद कांग्रेस मे उस कहानी को दूसरे ढंग से दोहराया गया है अब कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया जी गंभीर बीमारी का इलाज करने जब अमेरिका चली गईं तो उनकी गैर हाजिरी मे उनके द्वारा नियुक्त 4 सदस्यीय कमेटी (राहुल गांधी जिसका महत्वपूर्ण अंग हैं)को नीचा दिखाने और सोनिया जी को चुनौती देने हेतु गैर राजनीतिक और अर्थशास्त्री प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह जी ने अपने पुराने संपर्कों(I M F एवं WORLD BANK) को भुनाते हुये फोर्ड फाउंडेशन से NGOs को भारी चन्दा दिला कर और बागी इन्कम टैक्स अधिकारी अरविंद केजरीवाल तथा किरण बेदी (असंतुष्ट रही पुलिस अधिकारी) के माध्यम से पूर्व सैनिक 'अन्ना हज़ारे' को मोहरा बना कर 'भ्रष्टाचार' विरोधी सघन आंदोलन खड़ा  करवा दिया।
http://krantiswar.blogspot.in/2011/09/blog-post.html

 संकलन-विजय माथुर, फौर्मैटिंग-यशवन्त यश

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