Monday 19 October 2015

क्यों ये हमको उलझाए रखना चाहते हैं --- अरुण सेठी

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Arun Sethi 
18-10-2015 at 3:07pm
ज़रा गौर करिये. मालूम हो तो ठीक, नी तो पढ़िये समझीये. पीछे क्या चल रहा है देश में. क्यों ये खट्टर-पट्टर रोज हमको उलझाए रखना चाहते हैं.
खबर है जिस अमरीका की हम कसमें खाते हैं. उस अमरीका के कुछ लोगों ने ब्रिटेन की महारानी को लिखा है कि आप हमारे देश को अपने हाथ में ले लो. ये सच है आज अमरीका वो अमेरिका नहीं रहा है. आज के अमरीका के बारे में हिलेरी क्लिंटन ने दो साल पहले बोला था. चुनाव लड़ते नेता हैं लेकिन लड़वाते धन-माफिया हैं. रशिया ने हफ्ते भर में बता दिया कि ड्रग, आतंक, केमिकल के खिलाफ जो इराक, अफगान, सीरिया ओमान में हुआ उसके पीछे क्या था. अमरीका में आज तक क़ानून व्यवस्था कोर्ट चुस्त-दुरुस्त है. इसलिए दिखता नहीं है वरना वही सब कुछ हो रहा है. जो हमारे देश में आज बेखौफ खुल्लम-खुल्ला चल रहा है.
मेरी इनसे कोई पुश्तैनी दुश्मनी नहीं, ना इन्होंने कभी मेरे घर पर पत्थर फेंके, ना ये कोई मेरे बाजूवाले केमिस्ट से दवा लेते. ज़रा समझने की कोशिश करो.
इनकी जिद है. दुनियां में सिर्फ दो रहे. इम्प्लायर एंड इम्प्लाई, सेलर एंड बायर... बस. कोई किसान नहीं, कोई दुकानदार नहीं. जमीं इनकी, खेत इनके, दुकान इनकी, पानी इनका, नदी इनकी, पहाड़ इनका, बिजली इनकी, पेट्रोल इनका, गेस इनकी, रेल इनकी और सरकार भी इनकी. सब इनका
खबर है पानी में करोड़ों कमाए.. श्याम बिहारी अग्रवाल कांट्रेक्टर “रेल नीर” नें रेलवे में दस साल में पानी पिलाकर करोड़ों कमाए. घर में नोटों से भरी पेटियां ही पेटियां मिली है.
शायद इसीलिए रेल्वे मंत्री सुरेश प्रभु ने तीन दिन पहले कहा था. देश में रेल चलाना बहुत मुश्किल है. मतलब अब तो अदानी या अंबानी ही चला सकते है.
कुछ दिन पहले रेल्वे का डीजल का ठेका सरकार ने अंबानी को दे दिया कल पॉवर सप्लाई का ठेका अदानी को दे दिया. आप देखीये हमारे पैसों से खड़ी रेल हमारा देश, हमारा कोयले की खदानें, गेस की खदान, हमारी निकालने वाली ONGC, COAL INDIA, हमारी नेशनल थर्मल पॉवर, और सरकार डीजल और बिजली अंबानी और अदानी से लेगी. इन लोगों ने देश की कमाऊ पूत कंपनियों को पिछले दस-पन्द्रह सालों में सिस्टमेटिकली बरबाद किया फिर इनको तबाह किया. ताकि इन्हें बेचा और सस्ते में बेचा जा सके और ये ही इनके सब अदानी अंबानी खरीद कर हमको लूटें
आज की एक और खुश खबर :
उत्तर मध्य रेलवे ने चुनिंदा स्टेशनों को जिसमे आगरा ,इलाहबाद ,कानपूर से लेकर मुरैना ,और उरई तक शामिल रहेंगे ,को हवाई-अड्डों जैसी सुविधाएँ देने का प्लान बनाया है ! ये स्टेशन 45 साल के लिए लीज पर दिए जाएंगे ,ये सुविधाएँ वे देंगे जो स्टेशन को लीज पर लेंगे! ये सब बेवक़ूफ़ बनने के धंधे हैं ये कुछ नहीं देंगे. पानी साफ़, स्वच्छ मिलेगा पर क्या मिल रहा है पूछो खंडवावासियों से
शहडोल नगर में रिलायंस की तमाम मशीनें घूम रही हैं शहर आबादी के बीचों-बीच मीथेन गेस के लिए ड्रिलिंग हो रही है. धूल, धुंआ, आवाज शोर, गेस की स्मेल, आग की वजह से लोगों का जीना दूभर हो गया है कंपन और आग के कारण लोग दहशत में हैं लेकिन कोई नेता, कोई कलेक्टर, कोई पुलीस आफिसर की हिम्मत नहीं कि चुन भी कर ले क्यों...क्योंकि कंपनी विकास के पापा की जो है
दोस्तों गर आप बिजनेसमेन हो तो बैंक से ली लिमिट पर आपको 12.30 से 12.70% रेट ऑफ इंटरेस्ट चार्ज होता है किसानों की तो हर तरफ से मरण है उनको 16% लेकिन कार पर 10% रेडूय्सींग. क्यों? क्योंकि कार बनाने वाला हमको पलका के कर्जे में करने वाला देश पर अहसान कर रहा है. इसलिए अम्बानियों को अदानियों को कर्जे मे, इंटरेस्ट में, टेक्स में, जमीनों में सरकार छूट देती है और नुक्सान हो जाये तो हमारे से टेक्स में वसूले पैसों से उनके नुक्सान की भरपाई करती है.
ये है इनके सबका साथ; सबका विकास का नारा 
अब सब में कौन-कौन हैं. ये आप समझ सकते हो. और विकास तो देख ही रहे है किस किस का हो रहा है. रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड नें इस साल रिकार्ड कमाई करी पहली बार पर गेलन क्रूड से पेट्रोल निकालने में ऐसी भारी कमाई हुई है. लेकिन पेट्रोल डीजल वहीँ खड़े हैं या बड रहे हैं. बाजार, किरसान रो रहा है ये हंस रहे हैं.


संकलन-विजय माथुर, फौर्मैटिंग-यशवन्त यश

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