Monday 19 June 2017

उनकी अकर्मण्यता या मिलीभगत से कितने निर्दोष लोग कितना बड़ा अन्याय झेलते हैं ? ------ सुधांशु रंजन

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सुधांशु रंजन जी का यह लेख नौकरशाही की अंदरूनी असलियत को उजागर करता है। दोषी नौकरशाह को बचाने के लिए वर्तमान और निवर्तमान नौकरशाह एकमत हैं। लेकिन जिस ईमानदार महिला IAS को हत्या की धमकियाँ माफिया खुलेआम दे रहा है उसके पक्ष में नौकरशाही मौन है उसके लिए क्यों आवाज़ नहीं उठ रही ?  
(विजय राजबली माथुर )

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