Wednesday 15 April 2020

फुटकर व्यापार का बंटाधार ------ पंकज चतुर्वेदी

फुटकर व्यापार का बंटाधार
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बीस लाख सुरक्षा स्टोर, कॅरोना और फुटकर व्यापार का बंटाधार
कहते हैं ना कि संकट हो या खुशी हो पूंजीपति की चिंता सरकार भी करती है और समाज भी । जब कोरोना वायरस के कारण पूरा देश हताश और परेशान हैं । कई जगह एक एक रोटी के लिए लोग तरस रहे हैं ,उस समय देश के बड़े घराना अंबानी अदानी टाटा बिरला के लिए सरकार एक ऐसी योजना लेकर आई है जिससे उनकी पौवारा होगी ।
आपके मोहल्ले में के लिए छोटे किराने की दुकान है नाई की दुकान में कपड़े की दुकान में लगभग सब पर ताला लग जाएगा।
ऐसे 2000000 स्टोर पूरे देश में खुले जा रहे हैं जिनको सुरक्षा स्टोर कहा जाएगा। उसमें सभी सुविधाएं होंगी जिनमें नाई की दुकान ब्यूटी पार्लर चश्मे की दुकान मेडिकल स्टोर और कपड़े की दुकान आदि सबको शामिल होगा।
लोगों को मजबूरी होगी कि वह वहीं से सामान खरीदें। पता नहीं लॉक डाउन कितना लंबा चलेगा। इस योजना से तो यही लग रहा है क्योंकि यदि 2000000 स्टोर के लिए कोई पूंजी लगाएगा तो उसकी वसूली के लिए उसे एक लंबा चाहिए
सरकार ने ‘सुरक्षा स्टोर’ खोलने की तैयारी की है। अगले 45 दिन में देशभर में ऐसे 20 लाख सुरक्षा स्टोर संचालन में आ जाने की उम्मीद है। इसके लिए सरकार बड़ी एफएमसीजी कंपनियों के साथ मिलकर आसपास के रिटेल स्टोर को ही सुरक्षा स्टोर में बदलने की व्यवस्था कर रही है। सूत्रों को कहना है कि इन्फ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी कुछ शर्तो को पूरा करने वाला कोई भी किराना स्टोर ‘सुरक्षा स्टोर’ बनने के लिए आवेदन कर सकेगा। सुरक्षा स्टोर में सिर्फ किराना दुकानों को ही नहीं बल्कि टिकाऊ उपभोक्ता उत्पाद की दुकानों, कपड़ों और सैलून को भी शामिल करने की योजना है। इन दुकानों पर साफ-सफाई और एक-दूसरे से दूरी बनाए रखने से जुड़ी हर तरह की एहतियात बरती जाएगी। इन दुकानों को डिसइंफेक्टेंट भी किया जाएगा।
दुकानदारों को ग्राहकों के दुकान में घुसने से पहले हैंड सैनिटाइजर या हाथ धोने, सभी स्टाफ के लिए मास्क और ज्यादा छूने में आने वाले स्थानों को दिन में दो बार डिसइंफेक्टेंट करने की व्यवस्था करनी होगी। योजना को लागू करने के लिए सरकार निजी कंपनियों को शामिल करेगी। यह कंपनियां हर तरह के प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित करेंगी। साथ ही अनिवार्य वस्तुओं के विनिर्माता के यहां से सामान लेकर खुदरा दुकानों तक उनकी सुरक्षित पहुंच भी सुनिश्चित करेंगी।
सूत्रों ने बताया कि उपभोक्ता मामलों के सचिव पवन कुमार अग्रवाल के साथ टॉप एफएमसीजी कंपनियां एक दौर की बैठक कर चुकी हैं। यह सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) के साथ लागू की जाने वाली महत्वाकांक्षी योजना है। प्रत्येक एफएमसीजी कंपनी को इस योजना को अमली जामा पहनाने के लिए एक या दो राज्यों की जिम्मेदारी दी जा सकती है। अग्रवाल ने सुरक्षा स्टोर की दिशा में काम करने की जानकारी तो दी है, लेकिन विस्तार से कुछ नहीं बताया। एक प्रमुख एफएमसीजी कंपनी के शीर्ष अधिकारी ने इस योजना की पुष्टि की है। अधिकारी ने बताया कि 50 से ज्यादा बड़ी एफएमसीजी कंपनियों से संपर्क किया गया है। कंपनियां इस योजना में सरकार का साथ देने के लिए तैयार हैं।
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