१९ मार्च २०११ के हिंदुस्तान ,लखनऊ में यह महत्त्व पूर्ण लेख छपा है जिस पर युवाओं को विशेष ध्यान देना चाहिए -इस सम्बन्ध में एक लेख क्रन्तिस्वर पर भी उपलब्ध है.कुछ दकियानूस और विदेशियों के प्रतिनिधि इसके मर्म को नहीं समझना चाहते और आने वाली पीढ़ियों का भविष्य अंधकारमय बनाना चाहते है उस विषय पर भी क्रन्तिस्वर में 'सुनामी'आदि से सम्बंधित लेखों में उल्लेख है-
संकलन-विजय माथुर, फौर्मैटिंग-यशवन्त माथुर
सुन्दर कविता को पढवाने के लिए मेरी बधाई स्वीकारें
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