Thursday 28 December 2017

राहुल गांधी जी की गुजरात वाली गलती क्यो दुहराने पर आमादा हैं।अखिलेश जी! ------ Mahesh Donia

Mahesh Donia
28-12-2017
आप ही भ्रम में थे मित्रवर वरना अखिलेशजी ने तो हर जगह अपना हिंदुत्ववादी मुस्लिम-दलित विरोधी चेहरा दिखाया है. ये तो आप ही थे जो उनके भोलेपन पर लहालोट हुए जाते थे. आप ही क्यों कुछ समय पहले तो कुछ सो-कॉल्ड अम्बेडकरवादी यवा अखिलेश भैया से बहुजनो का नेतृत्व सँभालने के लिए मनुहारी कर रहे थे.
उधर लालू भी अपने कहते नहीं थकते की वो भी हिन्दू हैं.
आप लोग ग़लत दरवाजा खटखटा रहे हैं....अखिलेश जी!रेगिस्तान में तपती गर्मी में जैसे हिरन गर्मी की ऊष्मा से उपजे रेखाओं को पानी समझ दौड़ता रहता है पर वह पानी नही पाता वैसे ही आपके लिए हिंदुत्व मृग मरीचिका साबित होगा और आप 2019 एवं 2022 में हिंदुत्व रूपी मृग मरीचिका में झुलस के रह जाएंगे पर सत्ता रूपी पानी नही मिलेगी।.............................
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गजब हैं आप भी श्री अखिलेश यादव जी!
भाजपा के हिंदुत्व का मुकाबला आप सपाई हिंदुत्व से करेंगे?
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क्या अखिलेश जी!आप भी हद कर देते हैं।अब आप भाजपा के हिंदुत्व का मुकाबला 2019 में सपाई हिंदुत्व से करेंगे?मैंने आपका यह बयान जनेश्वर मिश्र पार्क घूमते समय पढा।मै आपके इस बयान "हिंदुत्व की राह पर चलेगी सपा, भाजपा को साबित करेगी हिन्दू विरोधी" पढ़कर बड़ी देर तक हंसा फिर आंखे डबडबा गयीं कि आखिर क्या हश्र होने वाला है पिछड़ो/दलितों/अल्पसंख्यको की राजनीति का?क्या अब कोई दूसरा अम्बेडकर,कांशीराम,लोहिया,पेरियार, ललई सिंह यादव,फुले,छत्रपति शाहू जी,वीपी सिंह,रामस्वरूप वर्मा,जगदेव कुशवाहा आदि नही जन्मेगा?
क्या अब बहुजन की राजनीति करने वाले लोग आप जैसे ही होंगे?क्या अब आरक्षण,सामाजिक न्याय,भागीदारी का सवाल इतिहास बन जायेगा?क्या अब सत्ता के लिए सभी के सभी हिन्दू-हिन्दू ही रटेंगे?क्या अब विचारधारा के लिए कोई जोखिम उठाने की जहमत नही मोल लेगा?क्या कोई अब अम्बेडकर की तरह "आरक्षण" {अनुच्छेद 340,341,342,15(4),16(4)} के प्राविधान जैसा कुछ करने वाला न होगा?क्या अब सवर्ण लोहिया की तरह कोई यह न बोलेगा कि "सोशलिस्टों ने बांधी गांठ,पिछड़े पावें सौ में साठ"?क्या अब कोई कांशीराम की तरह यह नही कहेगा कि "जिसकी जितनी संख्या भारी,उसकी उतनी हिस्सेदारी"?क्या अब कोई वीपी सिंह की तरह "मण्डल" जैसा कोई कानून लागू करने की हिम्मत नही करेगा?
अखिलेश जी! आप विदेश में उच्च शिक्षा प्राप्त कर इंजीनियर व्यक्ति हैं पर आप बिल्ली के रास्ता काटने से डर जांय, सत्ता जाने के डर से नोएडा न जांय,खुद को सबसे बड़ा हनुमान भक्त बताये,हिंदुत्व की डगर अपनाएं,गोभक्त बन जांय तो मुझे लगता है कि अब समाजवाद,लोहियावाद का यह सबसे बुरा दिन होगा।
अखिलेश जी!आप हिंदुत्व की राह चलेंगे पर जब आप मुख्यमंत्री आवास खाली करेंगे तो वह आप जैसे हिन्दू के रहने से अपवित्र होने के कारण गंगाजल व गोमूत्र से उसे धुला जाएगा।क्या आपको अभी भी हिंदुत्व में कुछ शेष बचा दिख रहा है क्या?
अखिलेश जी!आप हिंदुत्व की राह चलेंगे।जानते हैं हिंदुत्व मतलब क्या होता है?हिंदुत्व का मतलब प्रभु वर्ग के लिए सुरक्षा,सम्मान,सम्पत्ति,शिक्षा,ब्यापार,सत्ता आदि की गारन्टी।
अखिलेश जी!आपने अपनी पिछली 5 साल की सरकार में हिंदुत्व पर चलने में कोई कोर-कसर छोड़ा था क्या?आपने हिंदुत्व के लिए सम्पूर्ण पिछड़ों को समाजवादी पेंशन,लैपटॉप,कन्या विद्याधन,जनेश्वर मिश्र व लोहिया गांव व आवास में आरक्षण से विरत कर सामान्य कटेगरी में डाल दिया था।आपने हिंदुत्व को खुश रखने के लिए पिछडो के पीसीएस में त्रिस्तरीय आरक्षण को खत्म कर दिया था।आपने हिंदुत्व की हिफाजत के लिए पदोन्नति में आरक्षण की ऐसी की तैसी कर डाली थी।आपने सरकारी खर्चे से तीर्थयात्राएं करवायीं थीं।पिछडो की बैक लाग नियुक्ति नही की गई।सिद्धार्थ विश्वविद्यालय-सिद्धार्थनगर में सारी नियुक्तियां ब्राह्मण की कर दी गईं।आरक्षित पदों में 1.5 या इससे आगे 1.99 तक को 2 की बजाय एक ही पद मानने का सर्कुलर आपकी सरकार ने ला दिया था। अयोध्या,मथुरा,बनारस,कुम्भ आदि में सरकारी धन हिंदुत्व हित मे पानी की तरह बहाया था लेकिन अखिलेश जी! आपको अभिजात्य वर्गो ने कितना वोट दिया?आपने पिछडो और दलितों का जितना नुकसान अपने सरकार में किया उससे लाभान्वित कितना अगड़ा आपको वोट दिया?क्या इतना सब करने के बावजूद आप अहीर से कुछ और बन सके?
अखिलेश जी!आपने अभिजात्य समाज को 5 साल सर पर बिठाए रखा,अभी भी आपके अगल-बगल मौजूद ये अभिजात्य लोग आपको हिंदुत्व की राह चल करके सत्ता दिलाने का स्वप्न दिखा रहे हैं।अखिलेश जी! आप मृग मरीचिका से वाकिफ होंगे क्योंकि लायन सफारी बनाने वाले लायन के डियर डीयर की कहानी जरूर सुने होंगे।अखिलेश जी!रेगिस्तान में तपती गर्मी में जैसे हिरन गर्मी की ऊष्मा से उपजे रेखाओं को पानी समझ दौड़ता रहता है पर वह पानी नही पाता वैसे ही आपके लिए हिंदुत्व मृग मरीचिका साबित होगा और आप 2019 एवं 2022 में हिंदुत्व रूपी मृग मरीचिका में झुलस के रह जाएंगे पर सत्ता रूपी पानी नही मिलेगी।
अखिलेश जी! मैंने सुना है कि लोग गलतियों से सीखते हैं पर आप पता नही क्यो गलतियों से सीखने की बजाय उसे ही दुहराते जा रहे हैं।अखिलेश जी!आपने 5 साल की अपनी सरकार में पिछड़ा शब्द का नाम तक नही लिया,दलित को अपने दरवाजे से खदेड़ दिया,अल्पसंख्यको के मसायल को हल करने से बचते रहे लेकिन क्या आप यह सब करने के बावजूद 2012 में सरकार बनाने के बाद शहरों में अधिकाधिक अभिजात्य वर्गो की उपस्थिति वाले नगर निकाय चुनावों में कुछ कर पाए,2014 लोकसभा चुनाव में अभिजात्य वर्गो का दुलारा बन पाए,2017 विधानसभा चुनाव में सवर्ण परस्ती की हद करने के बावजूद सवर्ण वोट पाए या अभी 2017 में सम्पन्न नगर निकाय चुनाव में इन अभिजात्य वर्ग के वोटों को अपने पाले में अपनी सवर्ण परस्ती,नोटबन्दी,जीएसटी आदि के बावजूद अपनी तरफ ला पाए?
अखिलेश जी! अभी गुजरात चुनाव सम्पन्न हुआ है।राहुल गांधी जी गुजरात मे हिंदुत्व का काट हिंदुत्व से करने चले थे।राहुल जी के मंदिर-मन्दिर परिक्रमा तथा नोटबन्दी,जीएसटी,व्यवसायिक मंदी आदि के बावजूद भाजपा का हिंदुत्व जीत गया क्योंकि हिंदुत्व का पेटेंट अहीर,चमार या पारसी/ईसाई आदि से जन्मे स्वयम्भू जनेऊधारी राहुल गांधी जी के पास नही है,वह नागपुर के सावरकर/गोलवरकर व भागवत को प्राप्त है।
अखिलेश जी!आप भाजपा को हिंदुत्व विरोधी साबित करेंगे?क्या है आपके पास?कोई वैचारिक पाठशाला है आपके पास?कोई कैडराइज फोर्स है आपके पास सिवाय दिशाहीन जवानी कुर्बान गैंग के?बालू की भीत पर बिना विचार,कैडर के चले हैं भाजपा को हिंदुत्व विरोधी सिद्ध करने आप?
अखिलेश जी!आप जान रहे होंगे कि भाजपा के पास कट्टर 10 करोड़ हिन्दू सदस्य हैं।केंद्र के साथ 19 राज्यो में उनकी सरकार है।प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति,उपराष्ट्रपति,सभी राज्यपाल,लोकसभा/राज्यसभा सभापति उनके कैडराइज हिन्दू स्वयंसेवक हैं।भाजपा के पास 1631 विधायक,283 सांसद हिंदुत्व वाले हैं।भारतीय जनता पार्टी की मातृ संस्था राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ हिंदुत्व की यूनिवर्सिटी है जिसके पास भारतीय मजदूर संघ,राष्ट्रीय सेविका समिति,सेवा भारती,दुर्गा वाहिनी,बजरंग दल,अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद,विश्व हिंदू परिषद,स्वदेशी जागरण मंच,सरस्वती शिशु मंदिर, विद्या भारती,बनवासी कल्याण आश्रम,मुस्लिम राष्ट्रीय मंच,अनुसूचित जाति मोर्चा,लघु उद्योग भारती,भारतीय विचार केंद्र,विश्व सम्बाद केंद्र,गायत्री पीठ,सन्त अखाड़ा परिषद,सिख संगठन,विवेकानन्द केंद्र,महिला मोर्चा आदि सैकड़ो अनुसांगिक संगठन हैं अफलेटेड महाविद्यालयों की तरह हैं।
अखिलेश जी!भाजपा के पास 28500 सरस्वती विद्या मंदिर,2 लाख 80 हजार आचार्य,49 लाख छात्र,600 प्रकाशन समूह,1लाख पूर्व सैनिक,6 लाख 90 हजार कारसेवा करने वाले जंगजू बजरंगी व विहिप के सदस्य हैं।भाजपा के पास 4000 अविवाहित पूर्णकालिक/ईमानदार/मिशनरी हिंदुत्व को समर्पित स्वयंसेवक हैं जिन्होंने अपना सारा जीवन भाजपा/संघ को दान दे रखा है।भाजपा की मातृ संस्था रोजाना सुबह हथियार सहित निश्चित ड्रेस में पूर्ण अनुशासन के साथ 56 हजार 859 शाखाये लगाती है जहां 55 लाख 20 हजार स्वयंसेवक रोजाना भाजपा/संघ के लिए मरने-जीने की कसमें खाते हैं।
अखिलेश जी!देश भर के लाखों मंदिरों के समस्त साधु,सन्त,महात्मा,शंकराचार्य,जगतगुरु भाजपा के साथ हैं।सारी प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया,सभी उद्योगपति भाजपा के साथ हैं।देश का सम्पूर्ण सवर्ण,प्रभु वर्ग,अभिजात्य तबका भाजपा के साथ है फिर आप किस गफलत के शिकार हैं?कौन आप जैसे "अहीर" के हिंदुत्व की बात सुनेगा।किसके जरिये भाजपा के इस जाल से आप मुकाबला करेंगे?
अखिलेश जी! मुझे समझ नही आता है कि आप राहुल गांधी जी की गुजरात वाली गलती क्यो दुहराने पर आमादा हैं।अखिलेश जी! आपको मेरी बात कितनी अच्छी लगेगी यह तो मैं नही जानता हूँ लेकिन मुझे आप के वैचारिक दरिद्रता पर रोना आता है।जिसके सवर्ण पुरखो ने हिंदुत्व के मुकाबले सोशल जस्टिश,भागीदारी,आरक्षण जैसे अकाट्य,अमोघ हथियार दे रखे हो वह हिंदुत्व का काट हिंदुत्व में ढूंढ रहा हो तो रोना ही आएगा।
अखिलेश जी!2019 मे भाजपा को शिकस्त देना जरूरी है जो सामाजिक न्याय के एजेंडे से ही पूरा होगा।जातिवार जनगढ़ना, आबादी के अनुपात में आरक्षण,प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण,उच्च न्यायपालिका में आरक्षण,पदोन्नति में आरक्षण आदि सवाल जब बलवती तरीके से उठेंगे तो सवर्ण हकमार हिन्दुओ को छोड़ करके 85 प्रतिशत पिछड़ा/दलित हिन्दू तथा अल्पसंख्यक खुद ब खुद हिंदुत्व की ऐसी की तैसी कर डालेगा।
अखिलेश जी!अपनी इन बयानबाजियों से सेक्युलर व सोशल जस्टिश समर्थक ताकतों को निराश न करिए बल्कि बहुजन बुद्धिजीवियों को बुलाइये,परामर्श कीजिये और कम्युनल/अनजस्टिश लोगो से बचिए वरना वे खुद तो नही डूबेंगे पर आपको और समस्त बहुजन नेतृत्व व उनके वर्गीय हितों को नेस्तनाबूद कर डालेंगे।
https://www.facebook.com/mahesh.donia/posts/1182776255188544















Wednesday 27 December 2017

केंद्रीय मंत्री हेगड़े के बयान पर प्रो.अपूर्वानन्द के विचार द वायर के साथ

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वस्तुतः जैसा कि, प्रोफेसर अपूर्वानन्द ने विस्तृत रूप से स्पष्ट किया आर एस एस ने कभी भारतीय संविधान को स्वेच्छा से स्वीकार नहीं किया था उसने गांधी जी की हत्या के बाद अपने पर लगे प्रतिबंध को हटवाने हेतु दिखावे के लिए इसे माना था। संघ और इसके राजनीतिक मंच व अन्य आनुषांगिक संगठनों के माध्यम से निरंतर संविधान पर हमले होते रहे हैं। संविधान सभा की निर्मात्री समिति के चेयरमेन रहे डॉ भीमराव अंबेडकर के परिनिरवाण दिवस पर अयोध्या के विवादास्पद ढांचे को गिराते समय 06 दिसंबर 1992 दिये गए वक्तव्यों में साफ - साफ कहा गया था कि, यह ढांचा किसी बिल्डिंग का नहीं वरन संविधान का ढहाया गया है और शिलान्यास  के समय उसे हिन्दू राष्ट्र की नींव रखना घोषित किया गया था। 
पूर्वर्ती जनसंघ के नेता भारत में अमेरिकी राष्ट्रपति प्रणाली की तर्ज़ पर सीधे प्रधानमंत्री के चुनाव की मांग उठाते रहे थे। मधुकर दत्तात्रेय देवरस का दृष्टिकोण था कि जब ग्रामीण क्षेत्र का तीन प्रतिशत व शहरी क्षेत्र का दो प्रतिशत जनसमर्थन आर एस एस को मिल जाएगा तब वह देश में अपना अधिनायकत्व स्थापित कर सकेगा। 1975 में उन्होने एमर्जेंसी के दौरान इन्दिरा गांधी से कोई तथाकथित गुप्त समझौता भी किया था जिसके अंतर्गत 1980 में संघ के समर्थन से पूर्ण हिन्दू बहुमत से इन्दिरा कांग्रेस सत्तारूढ़ हुई थी उसी के अंतर्गत 1985 के चुनाव में राजीव गांधी को भी संघ के समर्थन से पूर्ण हिन्दू बहुमत के आधार पर सफलता मिली थी। इसी का परिणाम था कि, अयोध्या के विवादास्पद भवन पर 1949 में लगाया गया ताला राजीव गांधी ने खुलवा दिया था। उनकी हत्या के बाद पूर्व संघी रहे कांग्रेसी पी एम  पी वी नरसिंघा राव के शासन में वह विवादास्पद ढांचा ढहाया गया था। अतः केंद्रीय मंत्री हेगड़े का बयान आर एस एस की उसी नीति का प्रफुस्टन है जिसका उद्देश्य जनता की प्रतिक्रिया भाँप कर 2019 के चुनाव की दिशा तय करना है। यदि 2019 के चुनाव में पुनः भाजपा सत्तारूढ़ होती है तब फिर उसे चुनावों के जरिये नहीं हटाया जा सकेगा। जैसा कि, 1951 में संघ नेता लिमये से लिए साक्षात्कार को 1952 मे ' नया  ज़माना ' , सहारनपुर के संस्थापक संपादक कन्हैया लाल मिश्र ' प्रभाकर ' ने प्रकाशित कर खुलासा किया था कि शीघ्र ही दिल्ली की सड़कों पर संघियों और कम्युनिस्टों में सत्ता के लिए निर्णायक रक्त- रंजित  संघर्ष होगा। वह समय अब आ गया लगता है जैसा कि हेगड़े साहब ने कहा भी है - संविधान बदलने का अब समय आ गया है। संविधान समर्थकों और संविधान विरोधियों  के हिंसक संघर्ष को यदि टालना है तो 2019 के चुनावों में भाजपा को सत्ताच्युत करके ही ऐसा किया जा सकता है।                                                                                                         ------(विजय राजबली माथुर )