Friday 23 November 2012

IAS को सजा एक मिसाल

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हिंदुस्तान,लखनऊ,दिनांक -21-11-2012,प्रथम पृष्ठ---


कारपोरेट घरानों तथा IAS आफ़ीसर्स की पत्नियों द्वारा संचालित NGOs ने एक लंबे अरसे से राजनीति और राजनेताओं के विरुद्ध भ्रष्टाचार के नाम पर आंदोलन चला रखा है। जनता भी उनकी चालों को न समझते हुये राजनेताओं को ही दोषी मान लेती है। यू पी के स्वास्थ्य विभाग मे भी एक वरिष्ठ IAS जेल यात्रा भ्रष्टाचार के आरोपों मे कर आए हैं। लेकिन इस बार इस लाबी को कोर्ट से करारा झटका लगा है। वस्तुतः ब्रिटिश दासता के काल से ही पहले ICS जो अब IAS कहलाते हैं अपने अधीनसठों के माध्यम से भ्रष्टाचार को बढ़ावा देते रहे हैं। आज़ादी के बाद इन लोगों ने कुछ भ्रष्ट नेताओं को भी अपने पाले मे शामिल करके सारे के सारे नेताओं को चोर और भ्रष्ट कहलाना शुरू कर दिया जिससे कि इन लोगों की कारगुजारियाँ छिपी रह सकें। आभार एवं धन्यवाद न्यायपालिका को जिसने दूध का दूध और पानी का पानी अलग-अलग कर दिया। यदि IAS तबके पर लगाम कसी जा सके तो कोई भी नेता भ्रष्ट कदम उठाने का दुसाहस कर ही न सकेगा।





 संकलन-विजय माथुर, फौर्मैटिंग-यशवन्त माथुर

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