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'विद्रोही'साहब का यह आलेख अन्ना की पोल को खोल रहा है और भाजपा के इस ढ़ोल की सच्चाई को उजागर कर रहा है। क्या अब भी अन्ना-भक्त उसके पीछे -पीछे भेड़-बकरियों की तरह चलते रहेंगे?
संकलन-विजय माथुर, फौर्मैटिंग-यशवन्त माथुर
Hindustan-Lucknow-06/10/2011 |
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'विद्रोही'साहब का यह आलेख अन्ना की पोल को खोल रहा है और भाजपा के इस ढ़ोल की सच्चाई को उजागर कर रहा है। क्या अब भी अन्ना-भक्त उसके पीछे -पीछे भेड़-बकरियों की तरह चलते रहेंगे?
संकलन-विजय माथुर, फौर्मैटिंग-यशवन्त माथुर
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