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आखिरकार भद्र कहे जाने वाले ,बात-बात मे अव्यवस्था का शोर मचाने तथा राजनीति और राजनीतिज्ञों को कोसने वाले तथाकथित विशिष्ट जनो ने अपने मतदान कर्तव्य का पालन न करके जतला दिया है की वे केवल ढ़ोल बजाने वाले लोग हैं और उनसे किसी कर्तव्य पालन की अपेक्षा करना व्यर्थ है।
संकलन-विजय माथुर, फौर्मैटिंग-यशवन्त माथुर
(हिंदुस्तान,लखनऊ,22/02/2011) |
संकलन-विजय माथुर, फौर्मैटिंग-यशवन्त माथुर
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