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ये दोनों लेख डॉ डंडा लखनवी साहब के ब्लाग 'मानवीय सरोकार' पर प्रकाशित हुये थे । इन प्रतियों को डॉ साहब ने एस एम मासूम साहब को भेंट करना चाहा था किन्तु उन्होने लौटा दिया था। तब डॉ साहब ने मुझे सौंप दिया था। आज स्वाधीनता दिवस की 67 वीं वर्षगांठ के अवसर डॉ साहब के इन लेखों को इस लिए प्रकाशित किया जा रहा है कि ये आज भी उतने ही प्रासांगिक हैं।
संकलन-विजय माथुर, फौर्मैटिंग-यशवन्त माथुर
ये दोनों लेख डॉ डंडा लखनवी साहब के ब्लाग 'मानवीय सरोकार' पर प्रकाशित हुये थे । इन प्रतियों को डॉ साहब ने एस एम मासूम साहब को भेंट करना चाहा था किन्तु उन्होने लौटा दिया था। तब डॉ साहब ने मुझे सौंप दिया था। आज स्वाधीनता दिवस की 67 वीं वर्षगांठ के अवसर डॉ साहब के इन लेखों को इस लिए प्रकाशित किया जा रहा है कि ये आज भी उतने ही प्रासांगिक हैं।
संकलन-विजय माथुर, फौर्मैटिंग-यशवन्त माथुर
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