Published On: Mon, May 19th, 2014
इलेक्शन 2014 | By KohraMhindi
ईवीएम घर पर- क्या यह है निष्पक्ष चुनाव का दावा ?
कोहराम न्यूज़ नेटवर्क 20th May ’14
ईवीएम का उपयोग इस चुनाव मे पूरे भारत मे किया गया है और बटन दबाकर वोट डालने का इससे आसान तरीका और किया हो सकता है!
मगर जिस ईवीएम से हम सब को इतनी आसानी हो गयी की वोट्स कैंसिल होने का खतरा ख़त्म हो गया और गिनती भी आसान हो गयी क्या वो वाकई मे सुरक्षित हैं?
कम से कम इस चुनाव मे जिस तरह न्यूज़ आई हैं और कुछ ईवीएम जिस तरह गड़बड़ी पाई गयी हैं उससे चुनाव की ईमानदार कार्य प्रणाली पर सवालिया निशान लग जाता है !
https://www.facebook.com/ankitgaurav.srivastava?fref=photo
यह सब चीज़ें चुनाव के पूरे सिस्टम को सवालों के घेरे मे खड़ा कर देती हैं?
कैसे बनारस लोकसभा चुनाव की गिनती उत्तर प्रदेश से आते आते दिल्ली चुनाव आयोग की वेबसाइट पर बदल जाती है?
यह पहली बार नहीं है की ई वी एम पर यह आरोप लगा है इससे पहले भी पीएमके नेता जी. के. मनी की ओर से दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय के एक खंडपीठ ने मनी से कहा है कि वह 27 अगस्त को निर्वाचन आयोग में साबित करें कि ईवीएम से छेड़छाड़ संभव है। मनी ने अपनी याचिका में कहा था कि कई सॉफ्टवेयर विशेषज्ञों ने ईवीएम में छेड़छाड़ को संभव बताया है। लोकसभा चुनाव में ईवीएम के साथ छेड़छाड़ किए जाने का आरोप लगाते हुए मनी ने अदालत से आग्रह किया था कि वह मामले की जांच के लिए सरकारी और गैर सरकारी सॉफ्टवेयर विशेषज्ञों की एक समिति गठित करे।
और पढ़ें – क्या आपको पता है दिल्ली हाई कोर्ट ने भी ये माना था के ईवीएम से छेड़छाड़ संभव है क्लिक करें - ईवीएम का इतिहास -
पढ़ें Shocking EVMs at Home ? Question mark on Free and Fair Elections ?
ईवीएम का उपयोग इस चुनाव मे पूरे भारत मे किया गया है और बटन दबाकर वोट डालने का इससे आसान तरीका और किया हो सकता है!
मगर जिस ईवीएम से हम सब को इतनी आसानी हो गयी की वोट्स कैंसिल होने का खतरा ख़त्म हो गया और गिनती भी आसान हो गयी क्या वो वाकई मे सुरक्षित हैं?
कम से कम इस चुनाव मे जिस तरह न्यूज़ आई हैं और कुछ ईवीएम जिस तरह गड़बड़ी पाई गयी हैं उससे चुनाव की ईमानदार कार्य प्रणाली पर सवालिया निशान लग जाता है !
अब इस तस्वीर को ही देख लीजिए किस तरह यह नौजवान एक साथ चार पाँच ईवीएम लिए अपने घर क्या कर रहा है? गौरतलब है की ईवीएम में दो सील लगाई जाती है एक सील मशीन पर तथा दूसरी सील उसे ब्रीफकेस में रखने के बाद, ज़ाहिर सी बात है बिना सील खोले मशीन ब्रीफकेस से बाहर नहीं आ सकती, तो ये ईवीएम स्ट्रोंग रूम में कैसे जमा कराइ गयी? यह फ़ोटो वाराणसी मे चुनाव से एक दिन पहले का अपलोड किया हुआ है जैसे की तारीख अंकित है! और जो नौजवान इस फोटो में है वो भी वाराणसी का ही निवासी है |
https://www.facebook.com/ankitgaurav.srivastava?fref=photo
फ़ेसबुक में वायरल हो रही यह तस्वीर अंकित गौरव श्रीवास्तव नामक किसी नौजवान की है जो इस तस्वीर पर आ रहे सवालों के कोई जवाब नहीं दे रहा है !एक बात और ध्यान देने वाली है की अंकित गौरव श्रीवास्तव भाजपा समर्थक भी है! वाराणसी के रहने वाले अंकित श्रीवास्तव की प्रोफाइल मे जो जानकारी दी गयी उसके आधार पर वो नोएडा के जेएसएस अकॅडमी ऑफ टेक्निकल एजुकेशन नोएडा मे कार्यरत है
और पढ़ें -Calculation is not exact in Varanasi Votes?
यह सब चीज़ें चुनाव के पूरे सिस्टम को सवालों के घेरे मे खड़ा कर देती हैं?
पढ़ें Ten Reasons for Banning EVMs
कैसे असम मे ईवीएम सिर्फ़ भाजपा के खाते मे ही वोट दे रही थी ?कैसे बनारस लोकसभा चुनाव की गिनती उत्तर प्रदेश से आते आते दिल्ली चुनाव आयोग की वेबसाइट पर बदल जाती है?
यह पहली बार नहीं है की ई वी एम पर यह आरोप लगा है इससे पहले भी पीएमके नेता जी. के. मनी की ओर से दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय के एक खंडपीठ ने मनी से कहा है कि वह 27 अगस्त को निर्वाचन आयोग में साबित करें कि ईवीएम से छेड़छाड़ संभव है। मनी ने अपनी याचिका में कहा था कि कई सॉफ्टवेयर विशेषज्ञों ने ईवीएम में छेड़छाड़ को संभव बताया है। लोकसभा चुनाव में ईवीएम के साथ छेड़छाड़ किए जाने का आरोप लगाते हुए मनी ने अदालत से आग्रह किया था कि वह मामले की जांच के लिए सरकारी और गैर सरकारी सॉफ्टवेयर विशेषज्ञों की एक समिति गठित करे।
और पढ़ें – क्या आपको पता है दिल्ली हाई कोर्ट ने भी ये माना था के ईवीएम से छेड़छाड़ संभव है क्लिक करें - ईवीएम का इतिहास -
पढ़ें Shocking EVMs at Home ? Question mark on Free and Fair Elections ?
संकलन-विजय माथुर
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