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वाकई बेहद स्तुत्य एवं अनुकरणीय कार्य किया कल्पना सरोज जी ने जो कर्ज में डूबी कंपनी के कर्मचारियों के अनुरोध पर उस कंपनी को अपना लिया और उनका रोजगार बचा लिया। वरना आजकल तो मजदूर नेता भी मालिक से बिक कर मजदूरों/कर्मचारियों का ख्याल नहीं रखते हैं जिस कारण मजदूर आंदोलन रसातल को चला गया है। उनको पद्म श्री से सम्मानित करना तत्कालीन सरकार व राष्ट्रपति का सराहनीय कदम है।
संकलन-विजय माथुर, फौर्मैटिंग-यशवन्त यश
वाकई बेहद स्तुत्य एवं अनुकरणीय कार्य किया कल्पना सरोज जी ने जो कर्ज में डूबी कंपनी के कर्मचारियों के अनुरोध पर उस कंपनी को अपना लिया और उनका रोजगार बचा लिया। वरना आजकल तो मजदूर नेता भी मालिक से बिक कर मजदूरों/कर्मचारियों का ख्याल नहीं रखते हैं जिस कारण मजदूर आंदोलन रसातल को चला गया है। उनको पद्म श्री से सम्मानित करना तत्कालीन सरकार व राष्ट्रपति का सराहनीय कदम है।
संकलन-विजय माथुर, फौर्मैटिंग-यशवन्त यश
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