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यदि भारत नियमित रूप से दालों के उत्पादन के लिये मोजाम्बिक में किसानों का नेटवर्क तैयार कर सकता है तो किसानों का ऐसा नेटवर्क भारत में ही खड़ा क्यों नहीं किया जा सकता। यदि भारत सरकार मोजाम्बिक के किसानों को यह आश्वासन दे सकती है कि वह जो भी उत्पादन करेंंगे वह खरीदेगी तो यह आश्वासन अपने देश के भीतर लगातार आत्महत्याएं कर रहे किसानों को क्यों नहीं दिया जा सकता। अफ्रीकी देशों से भारत की दाल खरीदी देश के किसानों को जड़ से उखाड़ देगी। जब तक सरकार गेहूं—चावल की तर्ज पर दलहन की खरीद नहीं करती तब तक देश के भीतर दलहन का उत्पादन बढ़ने की संभावना नहीं है।
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संकलन-विजय माथुर, फौर्मैटिंग-यशवन्त यश
http://epaper.bhaskar.com/detail/?id=1035292&boxid=7121591125&ch=mpcg&map=map¤tTab=tabs-1&pagedate=07%2F12%2F2016&editioncode=135&pageno=8&view=image Pawan Karan |
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संकलन-विजय माथुर, फौर्मैटिंग-यशवन्त यश
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