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पूर्व पी एम मनमोहन सिंह साहब जब मुख्य न्यायाधीश के विरुद्ध महाभियोग चलाने की मुहिम का विरोध करते हैं तब यह सुस्पष्ट समझना चाहिए कि, वह व्यक्तिगत आधार पर ऐसा कर रहे हैं लेकिन उनके द्वारा कांग्रेस - संस्कृति का हवाला दिया गया है। उनको क्या याद नहीं है कि, इलाहाबाद उच्च न्यायालय के निर्भीक न्यायाधीश जगमोहन लाल सिन्हा साहब द्वारा 12 जून 1975 को जब तत्कालीन कांग्रेसी पी एम इन्दिरा गांधी के विरुद्ध निर्णय देने पर सर्वोच्च न्यायालय के छह जजों को सुपरसीड करके ए एन रे साहब को इसलिए प्रधान न्यायाधीश बनाया गया था कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के निर्णय को पलटा जाये। तब क्या वह न्यायपालिका के क्षेत्र में हस्तक्षेप नहीं था ?
वस्तुतः मनमोहन सिंह साहब ही मोदी सरकार के गठन के लिए उत्तरदाई हैं इसलिए उनके द्वारा उठाया हर कदम मोदी सरकार का रक्षा कवच सिद्ध होता है।
------ (विजय राजबली माथुर )
पूर्व पी एम मनमोहन सिंह साहब जब मुख्य न्यायाधीश के विरुद्ध महाभियोग चलाने की मुहिम का विरोध करते हैं तब यह सुस्पष्ट समझना चाहिए कि, वह व्यक्तिगत आधार पर ऐसा कर रहे हैं लेकिन उनके द्वारा कांग्रेस - संस्कृति का हवाला दिया गया है। उनको क्या याद नहीं है कि, इलाहाबाद उच्च न्यायालय के निर्भीक न्यायाधीश जगमोहन लाल सिन्हा साहब द्वारा 12 जून 1975 को जब तत्कालीन कांग्रेसी पी एम इन्दिरा गांधी के विरुद्ध निर्णय देने पर सर्वोच्च न्यायालय के छह जजों को सुपरसीड करके ए एन रे साहब को इसलिए प्रधान न्यायाधीश बनाया गया था कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के निर्णय को पलटा जाये। तब क्या वह न्यायपालिका के क्षेत्र में हस्तक्षेप नहीं था ?
वस्तुतः मनमोहन सिंह साहब ही मोदी सरकार के गठन के लिए उत्तरदाई हैं इसलिए उनके द्वारा उठाया हर कदम मोदी सरकार का रक्षा कवच सिद्ध होता है।
------ (विजय राजबली माथुर )
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