Monday, 16 January 2012

प्रतिबंध और मर्यादा

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15 जनवरी,2012 के हिंदुस्तान मे श्री शशि शेखर ने सोशल साईट्स पर प्रतिबंध की चर्चाओं के बीच मर्यादाओं का प्रश्न उठाया है जो वाजिब है। फेसबुक और ब्लाग्स पर राजनीति और राजनेताओं का जबर्दस्त मखौल उड़ाया जा रहा है। नेताओं के अश्लील कार्टून पेश किए जा रहे हैं। यह सब जान-बूझ कर इसलिए किया जा रहा है जिससे संसदीय लोकतन्त्र को नष्ट किया जा सके। रामदेव/अन्ना आंदोलनों की विफलता के बाद रामदेव स्याही कांड सभी भाजपा की सोची समझी साजिश का हिस्सा हैं।




आर एस एस /भाजपा द्वारा इस प्रकार के आंदोलन/हरकतें लोकतन्त्र को नष्ट करके अर्द्ध-सैनिक तानाशाही स्थापित करने के कुचक्र का अंग हैं। परंतु सोशल साईट्स द्वारा भ्रामक प्रचार करके जनता को गुमराह किया जा रहा है। राष्ट्र-हित मे इस सब को मर्यादित किया उपयुक्त होगा।


संकलन-विजय माथुर, फौर्मैटिंग-यशवन्त माथुर

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