Wednesday, 28 March 2012

पानी 2

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Hindustan-Lucknow-27/03/2012


Hindustan-Lucknow-28/03/2012

प्रसन्न प्रांजल साहब द्वारा प्रस्तुत ये वैज्ञानिक रिपोर्ट्स आप इन स्कैन कापियों मे देख रहे हैं। वैज्ञानिक आज चीख-चीख कर भगवान को बचाने की गुहार कर रहे हैं और पाखंडी उसे नष्ट करने पर तुले हुये हैं। देखें इस लिंक को भी-http://krantiswar.blogspot.in/2012/03/blog-post_28.html


 संकलन-विजय माथुर, फौर्मैटिंग-यशवन्त माथुर

Friday, 23 March 2012

कामरेड सी. के. चन्द्रप्पन दिवंगत





लखनऊ 22 मार्च। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की राष्ट्रीय परिषद के सचिव एवं पार्टी की केरल राज्य परिषद के सचिव कामरेड सी. के. चन्द्रप्पन का केरल की राजधानी स्थित तिरूअनन्तपुरम अस्पताल में कल  दोपहर में निधन हो गया। वे केवल 67 वर्ष के थे। उनके शव को जनता के दर्शनार्थ भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के केरल राज्य मुख्यालय पर रखा गया है, जहां से उसे व्यालार ले जाया जायेगा जहां उनका अंतिम संस्कार आज  दोपहर में होगा।
कामरेड चन्द्रप्पन पुन्नप्रा व्यालार जनसंघर्ष के अप्रतिम योद्धा सी. के. कुमार पनिक्कर तथा अम्मुकुट्टी की संतान थे जो अपने छात्र जीवन से ही राजनीति में आ गये थे। 11 नवम्बर 1936 को जन्मे कामरेड चन्द्रप्पन  1956 में आल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन (एआईएसएफ) के केरल राज्य के अध्यक्ष चुने गये थे। बाद में वे आल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन (एआईवॉयएफ) तथा अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष लम्बे समय तक रहे। वे तीन बार 1971, 1977 तथा 2004 में लोकसभा के सदस्य चुने गये तथा एक बार केरल विधान सभा के भी सदस्य रहे। वनवासियों को वन उपजों का अधिकार देने वाले कानून को ड्राफ्ट करने में तथा उसे संसद में पास करवाने में उनका बहुत बड़ा योगदान रहा।
कामरेड चन्द्रप्पन की शुरूआती शिक्षा चेरथला और थिरूपुंथुरा में हुई। बाद में उन्होंने चित्तूर राजकीय कालेज से स्नातक की उपाधि ली तथा परास्नातक स्तर की शिक्षा थिरूअनंतपुरम के यूनिवर्सिटी कालेज में ग्रहण की।
उन्होंने बहुत कम उम्र में गोवा की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष में हिस्सा लिया था। वे कई बार जनता के लिए संघर्ष करते हुए गिरफ्तार किये गये और जेल भेज गये। जनसंघर्षों में उन्हें दिल्ली की तिहाड़ तथा कोलकाता की रेजीडेंसी जेल में लम्बे समय तक रहना पड़ा।
1970 में वे भाकपा की राष्ट्रीय परिषद के लिए चुने गये और लम्बे समय तक उसकी राष्ट्रीय कार्यकारिणी और सचिव मंडल के सदस्य रहे। मृत्युपर्यन्त वे राष्ट्रीय परिषद के सचिव तथा केरल के राज्य सचिव रहे। जनसंघर्षों के योद्धा कामरेड चन्द्रप्पन के निधन से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी को बड़ा आघात लगा है। उनकी मृत्यु से उत्पन्न शून्य को निकट भविष्य में भरा नहीं जा सकेगा।
उनके निधन का समाचार मिलते ही भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य मुख्यालय पर उनके सम्मान में पार्टी का ध्वज झुका दिया गया। राज्य कार्यालय पर आयोजित एक शोक सभा में भाकपा के वरिष्ठ नेता अशोक मिश्र प्रदीप तिवारी आशा मिश्रा शमशेर बहादुर सिंह मुख्तार अहमद तथा ओ पी अवस्थी आदि ने उन्हें अपने श्रद्धासुमन अर्पित किये।


कार्यालय सचिव
भाकपा उत्तर प्रदेश राज्य काउंसिल,
लखनऊ 


द्वारा जारी प्रेस नोट 

Monday, 19 March 2012

चिराग तले अंधेरा

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1990 मे सप्तदिवा साप्ताहिक,आगरा मे सहायक संपादक के रूप मे संबन्धित था अतः सब लेख अपने नाम से नहीं छ्पवा सकता था। यह स्कैन कापी जिन दो लेखों को दिखा रही है वे मैंने ही लिखे थे।



 संकलन-विजय माथुर, फौर्मैटिंग-यशवन्त माथुर

Tuesday, 13 March 2012

लेखक की साख का बने रहना ज़रूरी

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27/12/11--हिंदुस्तान 


वरिष्ठ साहित्यकार गिरिराज किशोर जी के ये विचार हिंदुस्तान,लखनऊ के 27 दिसंबर 2011 के अंक मे छ्पे थे। पहले साहित्यकारों मे उच्च नैतिकता थी और वे सत्ता से सहायता नाही लेना चाहते थे जिस कारण 'निराला'जी की सहायता हेतु महादेवी वर्मा जी की सहायता लेनी पड़ी। व्याकर्णाचार्य किशोरी दास बाजपाई को पुरस्कार देने उनकी सीट पर तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरार जी देसाई खुद गए थे न कि आचार्य जी मंच पर गए थे। आज कुछ लोग सत्ता की चापलूसी करके अपने लिए सहायता और पुरस्कारों का प्रबंध कर रहे है जो साहित्य साधक के लिए अनुचित है।




 संकलन-विजय माथुर, फौर्मैटिंग-यशवन्त माथुर

Wednesday, 7 March 2012

होली क्या?और कैसे?

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बाजारवाद,ढोंग और पाखंड ने मिल कर सभी पर्वो की वैज्ञानिकता समाप्त कर दी है। कुछ लोग समन्वय का प्रयास कर रहे है लेकिन अहंकारी लोग उनका उपहास उड़ाते और सांप्रदायिक मोड देते हैं। रेलवे का भ्रष्ट सर्जन आदि गत वर्ष ऐसा कर चुके हैं। 


 संकलन-विजय माथुर, फौर्मैटिंग-यशवन्त माथुर