Monday, 28 May 2012
Wednesday, 16 May 2012
क्रांतिस्वर मे 19 अप्रैल का ज्योतिषयात्मक विश्लेषण सही सिद्ध हुआ
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http://krantiswar.blogspot.in/2012/04/blog-post_19.html
उपरोक्त लिंक पर 19-04-2012 को 'क्रांतिस्वर' पर एक लेख द्वारा 'रेखा जी' की जन्म कुंडली का ज्योतिषयात्मक विश्लेषण दिया था और उसे दिग्विजय सिंह जी एवं राहुल गांधी साहब की फेसबुक वाल पर पेस्ट कर दिया था। राष्ट्रपति महोदया ने 26-04-2012 को 'रेखा जी' को राज्य सभा मे मनोनीत किया था और उन्होने 15-05-2012 को सदस्यता की शपथ भी ग्रहण कर ली है। अभी उनके राजनीतिक योग प्रबल हैं और हम उनके उज्ज्वल राजनीतिक भविष्य की कामना करते हैं।
सहूलियत के वास्ते उस लेख को यहाँ पुनः उद्धृत किया जा रहा है-
सुप्रसिद्ध फिल्म अभिनेत्री 'रेखा' किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं। उनके पिता सुप्रसिद्ध फिल्म अभिनेता 'जेमिनी' गनेशन ने उनकी माता सुप्रसिद्ध फिल्म अभिनेत्री पुष्पावल्ली से विधिवत विवाह नहीं किया था। उन्हें पिता का सुख प्राप्त नहीं हुआ और न ही पिता का धन ही प्राप्त हुआ। कुल-खानदान से भी लाभ नहीं मिला और समाज से भी आलोचनाओ का सामना करना पड़ा। इतनी जानकारी पत्र-पत्रिकाओं मे छ्पी है। किन्तु ऐसा क्यों हुआ हम ज्योतिष के आधार पर देखेंगे।
धनु लग्न और कुम्भ राशि मे जन्मी रेखा घोर 'मंगली'हैं और उनके द्वादश भाव मे 'शुक्र'ग्रह स्थित है जिसने उन्हे परिवार व समाज से लाभ नहीं प्राप्त होने दिया है। उनके दशम भाव मे जो पिता,कर्म व राज्य का हेतु होता है -कन्या राशि का सूर्य है। इस भाव मे सूर्य की स्थिति उनकी माता और पिता के विचारों मे असमानता का द्योतक है। इसी सूर्य ने उनकी माता को उनके पिता से अलग रखा और इसी सूर्य ने उन्हें खुद को पिता,परिवार व कुल से लाभ नहीं मिलने दिया। तृतीय भाव मे चंद्र ने बैठ कर कुटुंब सुख को और कम किया तथा पति भाव-सप्तम मे बैठ कर 'केतू' ने पति-सुख से वंचित रखा। द्वादश भाव मे 'शुक्र' मंगल की वृश्चिक राशि मे स्थित है जो जीवन भर 'उपद्रव'कराने वाला है और इसी ने उन्हें व्यसनी भी बनाया।
लग्न मे बैठे 'मंगल' की दृष्टि ने वैवाहिक सुख तो नहीं मिलने दिया किन्तु कला-ज्ञान और धन की प्रचुरता उसी ने उपलब्ध कारवाई। लग्न मे ही बैठे 'राहू' ने उन्हें शारीरिक 'स्थूलता' प्रदान की थी जिसे उन्होने अपने प्रयासों से नियंत्रित कर लिया है। यही 'राहू' उन्हें छोटी परंतु पैनी आँखें ,संकरा तथा अंदर खिचा हुआ सीना,चालाकी तथा ऐय्याशी भी प्रदान कर रहा है।
तृतीय भाव मे बैठा चंद्र 'रेखा' को अल्पभाषी,व म्रदुल व्यवहार वाला भी बना रहा है जिसके प्रभाव से वह कम से कम बोल कर अधिक से अधिक कार्य करके दिखा सकी हैं। अष्टम भाव मे उच्च का ब्रहस्पति उन्हें दीर्घायु भी प्रदान कर रहा है तथा धनवान व स्वस्थ भी रख रहा है।
राज योग
दशम भाव मे कन्या राशि का सूर्य 'रेखा' को 'राज्य-भंग ' योग भी प्रदान कर रहा है। इसका अर्थ हुआ कि पहले उन्हें 'राज्य-सुख 'और 'राज्य से धन'प्राप्ति होगी फिर उसके बाद ही वह भंग हो सकता है। लग्न मे बैठा 'राहू' भी उन्हें राजनीति-निपुण बना रहा है। एकादश भाव मे बैठा उच्च का 'शनि' उन्हें 'कुशल प्रशासक' बनने की क्षमता प्रदान कर रहा है। नवम भाव मे 'सिंह' राशि का होना जीवन के उत्तरार्द्ध मे सफलता का द्योतक है। अभी वह कुंडली के दशम भाव मे 58 वे वर्ष मे चल रही हैं और आगामी जन्मदिन के बाद एकादश भाव मे 59 वे वर्ष मे प्रवेश करेंगी। समय उनके लिए अनुकूल चल रहा है।
राज्येश'बुध' की महादशा मे 12 अगस्त 2010 से 23 फरवरी 2017 तक की अंतर्दशाये भाग्योदय कारक,अनुकूल सुखदायक और उन्नति प्रदान करने वाली हैं। 24 फरवरी 2017 से 29 जून 2017 तक बुध मे 'सूर्य' की अंतर्दशा रहेगी जो लाभदायक राज्योन्नति प्रदान करने वाली होगी।
अभी तक रेखा के किसी भी राजनीतिक रुझान की कोई जानकारी किसी भी माध्यम से प्रकाश मे नहीं आई है ,किन्तु उनकी कुंडली मे प्रबल राज्य-योग हैं। जब ग्रहों के दूसरे परिणाम चरितार्थ हुये हैं तो निश्चित रूप से इस राज्य-योग का भी लाभ मिलना ही चाहिए। हम 'रेखा' के राजनीतिक रूप से भी सफल होने की मंगलकामना करते हैं।
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हिंदुस्तान,लखनऊ के 27-04-2012 अंक मे प्रकाशित सूचना-
शुभ समय ने अपना असर दिखाया और 'रेखा' जी को राज्य सभा मे पहुंचाया। हम उनकी सम्पूर्ण सफलता की कामना करते है और उम्मीद करते हैं कि वह 'तामिलनाडू' की मुख्य मंत्री पद को भी ज़रूर सुशोभित करेंगी।
संकलन-विजय माथुर, फौर्मैटिंग-यशवन्त माथुर
http://krantiswar.blogspot.in/2012/04/blog-post_19.html
उपरोक्त लिंक पर 19-04-2012 को 'क्रांतिस्वर' पर एक लेख द्वारा 'रेखा जी' की जन्म कुंडली का ज्योतिषयात्मक विश्लेषण दिया था और उसे दिग्विजय सिंह जी एवं राहुल गांधी साहब की फेसबुक वाल पर पेस्ट कर दिया था। राष्ट्रपति महोदया ने 26-04-2012 को 'रेखा जी' को राज्य सभा मे मनोनीत किया था और उन्होने 15-05-2012 को सदस्यता की शपथ भी ग्रहण कर ली है। अभी उनके राजनीतिक योग प्रबल हैं और हम उनके उज्ज्वल राजनीतिक भविष्य की कामना करते हैं।
सहूलियत के वास्ते उस लेख को यहाँ पुनः उद्धृत किया जा रहा है-
हिंदुस्तान,आगरा,03 जून 2007 मे प्रकाशित 'रेखा'की जन्म कुंडली |
सुप्रसिद्ध फिल्म अभिनेत्री 'रेखा' किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं। उनके पिता सुप्रसिद्ध फिल्म अभिनेता 'जेमिनी' गनेशन ने उनकी माता सुप्रसिद्ध फिल्म अभिनेत्री पुष्पावल्ली से विधिवत विवाह नहीं किया था। उन्हें पिता का सुख प्राप्त नहीं हुआ और न ही पिता का धन ही प्राप्त हुआ। कुल-खानदान से भी लाभ नहीं मिला और समाज से भी आलोचनाओ का सामना करना पड़ा। इतनी जानकारी पत्र-पत्रिकाओं मे छ्पी है। किन्तु ऐसा क्यों हुआ हम ज्योतिष के आधार पर देखेंगे।
धनु लग्न और कुम्भ राशि मे जन्मी रेखा घोर 'मंगली'हैं और उनके द्वादश भाव मे 'शुक्र'ग्रह स्थित है जिसने उन्हे परिवार व समाज से लाभ नहीं प्राप्त होने दिया है। उनके दशम भाव मे जो पिता,कर्म व राज्य का हेतु होता है -कन्या राशि का सूर्य है। इस भाव मे सूर्य की स्थिति उनकी माता और पिता के विचारों मे असमानता का द्योतक है। इसी सूर्य ने उनकी माता को उनके पिता से अलग रखा और इसी सूर्य ने उन्हें खुद को पिता,परिवार व कुल से लाभ नहीं मिलने दिया। तृतीय भाव मे चंद्र ने बैठ कर कुटुंब सुख को और कम किया तथा पति भाव-सप्तम मे बैठ कर 'केतू' ने पति-सुख से वंचित रखा। द्वादश भाव मे 'शुक्र' मंगल की वृश्चिक राशि मे स्थित है जो जीवन भर 'उपद्रव'कराने वाला है और इसी ने उन्हें व्यसनी भी बनाया।
लग्न मे बैठे 'मंगल' की दृष्टि ने वैवाहिक सुख तो नहीं मिलने दिया किन्तु कला-ज्ञान और धन की प्रचुरता उसी ने उपलब्ध कारवाई। लग्न मे ही बैठे 'राहू' ने उन्हें शारीरिक 'स्थूलता' प्रदान की थी जिसे उन्होने अपने प्रयासों से नियंत्रित कर लिया है। यही 'राहू' उन्हें छोटी परंतु पैनी आँखें ,संकरा तथा अंदर खिचा हुआ सीना,चालाकी तथा ऐय्याशी भी प्रदान कर रहा है।
तृतीय भाव मे बैठा चंद्र 'रेखा' को अल्पभाषी,व म्रदुल व्यवहार वाला भी बना रहा है जिसके प्रभाव से वह कम से कम बोल कर अधिक से अधिक कार्य करके दिखा सकी हैं। अष्टम भाव मे उच्च का ब्रहस्पति उन्हें दीर्घायु भी प्रदान कर रहा है तथा धनवान व स्वस्थ भी रख रहा है।
राज योग
दशम भाव मे कन्या राशि का सूर्य 'रेखा' को 'राज्य-भंग ' योग भी प्रदान कर रहा है। इसका अर्थ हुआ कि पहले उन्हें 'राज्य-सुख 'और 'राज्य से धन'प्राप्ति होगी फिर उसके बाद ही वह भंग हो सकता है। लग्न मे बैठा 'राहू' भी उन्हें राजनीति-निपुण बना रहा है। एकादश भाव मे बैठा उच्च का 'शनि' उन्हें 'कुशल प्रशासक' बनने की क्षमता प्रदान कर रहा है। नवम भाव मे 'सिंह' राशि का होना जीवन के उत्तरार्द्ध मे सफलता का द्योतक है। अभी वह कुंडली के दशम भाव मे 58 वे वर्ष मे चल रही हैं और आगामी जन्मदिन के बाद एकादश भाव मे 59 वे वर्ष मे प्रवेश करेंगी। समय उनके लिए अनुकूल चल रहा है।
राज्येश'बुध' की महादशा मे 12 अगस्त 2010 से 23 फरवरी 2017 तक की अंतर्दशाये भाग्योदय कारक,अनुकूल सुखदायक और उन्नति प्रदान करने वाली हैं। 24 फरवरी 2017 से 29 जून 2017 तक बुध मे 'सूर्य' की अंतर्दशा रहेगी जो लाभदायक राज्योन्नति प्रदान करने वाली होगी।
अभी तक रेखा के किसी भी राजनीतिक रुझान की कोई जानकारी किसी भी माध्यम से प्रकाश मे नहीं आई है ,किन्तु उनकी कुंडली मे प्रबल राज्य-योग हैं। जब ग्रहों के दूसरे परिणाम चरितार्थ हुये हैं तो निश्चित रूप से इस राज्य-योग का भी लाभ मिलना ही चाहिए। हम 'रेखा' के राजनीतिक रूप से भी सफल होने की मंगलकामना करते हैं।
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हिंदुस्तान,लखनऊ के 27-04-2012 अंक मे प्रकाशित सूचना-
शुभ समय ने अपना असर दिखाया और 'रेखा' जी को राज्य सभा मे पहुंचाया। हम उनकी सम्पूर्ण सफलता की कामना करते है और उम्मीद करते हैं कि वह 'तामिलनाडू' की मुख्य मंत्री पद को भी ज़रूर सुशोभित करेंगी।
संकलन-विजय माथुर, फौर्मैटिंग-यशवन्त माथुर
Friday, 4 May 2012
फेसबुक के आलोचक ब्लागर्स ध्यान दें-
स्पष्ट रूप से पढ़ने के लिए इमेज पर डबल क्लिक करें (आप उसके बाद भी एक बार और क्लिक द्वारा ज़ूम करके पढ़ सकते हैं )
इधर कुछ दिनों से ब्लाग जगत मे फेसबुक के विरुद्ध भूचाल आया हुआ है। प्रबुद्ध ब्लागर एक के बाद एक पोस्ट फेसबुक लेखन की आलोचना मे लगा रहे हैं। छोटे मियां छोटे मियां,बड़े मियां सुभान अल्लाह की तर्ज पर उन पोस्ट के टिप्पणीकार फेसबुक लेखकों का निर्मम चरित्र हनन कर रहे हैं।
आज के हिंदुस्तान के समपादकीय पृष्ठ पर प्रकाशित डॉ मोहन श्रोत्रिय साहब द्वारा फेसबुक स्टेटस के आधार पर अपने ब्लाग मे लिखा यह लेख पढ़ कर क्या आप कह सकते हैं कि,फेसबुक लेखन निकृष्ट होता है। यदि किसी ब्लागर ने निकृष्ट फेसबुकिया को अपना फ्रेंड बना रखा है तो उसे निकृष्ट लेखन ही मिलेगा।
फेसबुक के माध्यम से ब्लाग लेखन उन लोगों तक आसानी से पहुँच जाता है जो पहले ब्लाग से अपरिचित थे। जाकी रही भावना जैसी ,प्रभु तिन मूरत,तिन्ह तैसी। जो जैसा होगा उसे वैसा ही दीखेगा। वैसे कई ब्लागर्स तो फेसबुकिए लोगों की निकृष्टता से भी गए गुजरे हैं और वे ही दुष्प्रचार मे आगे-आगे हैं।
संकलन-विजय माथुर, फौर्मैटिंग-यशवन्त माथुर
इधर कुछ दिनों से ब्लाग जगत मे फेसबुक के विरुद्ध भूचाल आया हुआ है। प्रबुद्ध ब्लागर एक के बाद एक पोस्ट फेसबुक लेखन की आलोचना मे लगा रहे हैं। छोटे मियां छोटे मियां,बड़े मियां सुभान अल्लाह की तर्ज पर उन पोस्ट के टिप्पणीकार फेसबुक लेखकों का निर्मम चरित्र हनन कर रहे हैं।
आज के हिंदुस्तान के समपादकीय पृष्ठ पर प्रकाशित डॉ मोहन श्रोत्रिय साहब द्वारा फेसबुक स्टेटस के आधार पर अपने ब्लाग मे लिखा यह लेख पढ़ कर क्या आप कह सकते हैं कि,फेसबुक लेखन निकृष्ट होता है। यदि किसी ब्लागर ने निकृष्ट फेसबुकिया को अपना फ्रेंड बना रखा है तो उसे निकृष्ट लेखन ही मिलेगा।
फेसबुक के माध्यम से ब्लाग लेखन उन लोगों तक आसानी से पहुँच जाता है जो पहले ब्लाग से अपरिचित थे। जाकी रही भावना जैसी ,प्रभु तिन मूरत,तिन्ह तैसी। जो जैसा होगा उसे वैसा ही दीखेगा। वैसे कई ब्लागर्स तो फेसबुकिए लोगों की निकृष्टता से भी गए गुजरे हैं और वे ही दुष्प्रचार मे आगे-आगे हैं।
संकलन-विजय माथुर, फौर्मैटिंग-यशवन्त माथुर
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