Tuesday, 27 November 2012

शोषण की सत्ता मजबूती के लिए

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हिंदुस्तान,लखनऊ,26-11-2012


उपरोक्त स्कैन  से स्पष्ट होता है कि जिन्हे आनर किलिंग या खाप पंचायतों की सामंती प्रवृत्ति कहा जाता है वे सब हरकतें समाज मे गैर बराबरी बनाए रखने व शोषण को मजबूत करने की तिकड़म हैं।


संकलन-विजय माथुर, फौर्मैटिंग-यशवन्त माथुर

Friday, 23 November 2012

IAS को सजा एक मिसाल

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हिंदुस्तान,लखनऊ,दिनांक -21-11-2012,प्रथम पृष्ठ---


कारपोरेट घरानों तथा IAS आफ़ीसर्स की पत्नियों द्वारा संचालित NGOs ने एक लंबे अरसे से राजनीति और राजनेताओं के विरुद्ध भ्रष्टाचार के नाम पर आंदोलन चला रखा है। जनता भी उनकी चालों को न समझते हुये राजनेताओं को ही दोषी मान लेती है। यू पी के स्वास्थ्य विभाग मे भी एक वरिष्ठ IAS जेल यात्रा भ्रष्टाचार के आरोपों मे कर आए हैं। लेकिन इस बार इस लाबी को कोर्ट से करारा झटका लगा है। वस्तुतः ब्रिटिश दासता के काल से ही पहले ICS जो अब IAS कहलाते हैं अपने अधीनसठों के माध्यम से भ्रष्टाचार को बढ़ावा देते रहे हैं। आज़ादी के बाद इन लोगों ने कुछ भ्रष्ट नेताओं को भी अपने पाले मे शामिल करके सारे के सारे नेताओं को चोर और भ्रष्ट कहलाना शुरू कर दिया जिससे कि इन लोगों की कारगुजारियाँ छिपी रह सकें। आभार एवं धन्यवाद न्यायपालिका को जिसने दूध का दूध और पानी का पानी अलग-अलग कर दिया। यदि IAS तबके पर लगाम कसी जा सके तो कोई भी नेता भ्रष्ट कदम उठाने का दुसाहस कर ही न सकेगा।





 संकलन-विजय माथुर, फौर्मैटिंग-यशवन्त माथुर

Monday, 5 November 2012

सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल-एकू लाल

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हिंदुस्तान,लखनऊ,दिनांक 05 नवंबर 2012 के पृष्ठ 08 पर प्रकाशित यह समाचार भारत के धर्म निरपेक्ष होने एवं मानवता की अद्भुत मिसाल पेश करता है। जब कुछ वर्ष पूर्व इन पिता-पुत्र के बारे मे आगरा मे समाचार पढ़ा था तो कौतूहल एवं आश्चर्य दोनों हुआ था। किन्तु लखनऊ आने पर इन लोगों से व्यक्तिगत मुलाक़ात भी संभव हो गई। एकू साहब बारादरी  के पीछे अपना चाय का ठेला लगाते हैं जो कि भाकपा कार्यालय के निकट ही है। इसलिए हमारे ज़िला मंत्री कामरेड ख़ालिक़ साहब प्रदर्शन,मीटिंग समाप्त होने के बाद सभी कामरेड्स को इनकी दुकान पर ही चाय पिलवाते हैं। एकू साहब भी कामरेड्स के प्रति अपनत्व रखते हैं। उनका सौम्य व्यवहार ही सबको उनके प्रति आकर्षित करता है।

एकू साहब सांप्रदायिक सौहार्द का एक उज्ज्वल प्रतीक हैं। अपने दत्तक पुत्र  'अकबर' के प्रति अतीव लगाव के कारण ही एकू साहब ने खुद अविवाहित रहने का फैसला लिया है ताकि भविष्य मे भी कभी उनके इस पुत्र को कोई समस्या न हो सके। एकू साहब को सम्मान मिला(जिसके वह पात्र थे) उनको बधाई एवं अभिनंदन।


 संकलन-विजय माथुर, फौर्मैटिंग-यशवन्त माथुर

Saturday, 3 November 2012

पूजा क्या,क्यों और कैसे?

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 आए दिन अखबारों मे पढ़ने को मिलता है कि किसी मंदिर,आश्रम आदि मे भगदड़ मचने से जन-धन हानि हो गई। यह भेद-चाल कोई धर्म नहीं है न ही पूजा। वास्तविक पूजा क्या ,क्यों और कैसे हो 7-8 वर्ष पूर्व अग्र मंत्र पत्रिका आगरा मे प्रकाशित इस लेख से समझें---




संकलन-विजय माथुर, फौर्मैटिंग-यशवन्त माथुर