नमस्कार
उम्मीद ही नहीं बल्कि पूर्ण विश्वास है कि आप और आपकी आप टीम मज़े में है,शुक्रगुजार है आपकी टीम आपका और भौचक है जनता..क्या दिमाग (जिसमे सिर्फ खुराफातें भरी है ) पाया है आपने,कैसे उल्लू बना लेते हो आप जनता को ?? क्या आप गंगा हो ?? जिसमे कही कि गन्दगी आती है तो वो पवित्र हो जाती है..कितना मीठा बोलते हो आप,झूठ को सच बनाने में तो आपका जवाब नहीं..कैसे कर लेते हो आप ये चीज़े ?? बात करते हो दुनिया भर के भ्रष्टाचार कि पर अपना घर और अपने को नहीं देखते हो...इनकम टैक्स कि नौकरी में रहकर 9 लाख का लोन लिया और बिना चुकाए नौकरी छोड़ दी,क्या ये भ्रष्टाचार नहीं था??आपके मंत्री सोमनाथ 150 करोड़ कि आसामी को बचाने में झूठे सबूत कोर्ट में देते है,क्या ये भ्रष्टाचार नहीं??आपके स्वम्भू राष्ट्र कवि विश्वास जी,शज़िआ इल्मी,खुले आम पैसे के लेनदेन कि स्टिंग में फसते है,और बिना किसी जांच के आप उसे गलत बता देते हो,क्या ये भ्रष्टाचार नहीं??दिल्ली हाई कोर्ट के मांगने पर भी विदेशी चंदे का स्रोत नहीं बताते,क्या ये भ्रष्टाचार नहीं??बिहार के आपके मुखिया कुंदन जी (दर्ज़नो अपराध में लिप्त और वांटेड ) खुले आम धन उगाही करते है,ये भ्रष्टाचार नहीं???
बात करते हो सादगी कि,तो आपके दिल्ली के 70 प्रत्यासियो में 41 कि संपत्ति 5 करोड़ से ऊपर,क्या ये सादगी है??आप और आपके सारे लोग हवाई जहाज़ में सफ़र करते है ये सादगी है ??रामलीला मैदान में शपथ लेकर सरकारी खजाने को सिर्फ 2 करोड़ का चुना लगाया,जबकि यही काम राज भवन में सिर्फ 1 लाख में हो जाता,क्या ये सादगी है??आपके कवि महोदय विश्वास जी 35 महंगी गाडियो के काफिले के साथ अमेठी जाते है,क्या यही सादगी है??
बात करते हो वादे निभाने की..बिजली बिल तकनिकी रूप से सब्सिडी देकर आधा किया,और पब्लिक को मुर्ख बनाया,यही वादा निभाया??पानी मुफ्त किया उसके लिए जिसके घर में मीटर है,पर दिल्ली कि 68 प्रतिशत घरो में मीटर ही नहीं,यही वादा निभाया ?? धरने पर बैठ गए ये कह कर कि मेरे हाथ में कुछ नहीं,अब से कुछ हो जाये तो मुझे मत कुछ कहना ,यही तो शीला दीक्षित भी कहती थी,यही वादा निभाया??आज से बिजली के दाम भी बढ़ गए,क्या यही वादा निभा रहे है आप ??
बात करते हो राजनितिक सुचिता कि,पुलिस को नौकरी छोड़ कर आने कि,सिस्टम बदलने कि,कानून नहीं मानने की,कश्मीर में जनमत संग्रह करवाने कि,नक्सलियो के समर्थन की,खाप पंचायतो को समर्थन की.....आप कहा ले जा रहे हो देश को???
दुनिया भ्रष्ट सिर्फ आप सही,बिना सबूत के आरोप लगाओ....
करना धरना कुछ नहीं है आपको,आपको अब सपने में पागलो कि तरह प्रधानमंत्री कि कुर्सी दिख रही है,सोचा कि जैसे दिल्ली को मुर्ख बनाया वैसे ही अब सारे भारत को बनाना है...
पर भैय्या केजरीवाल भारत दिल्ली नहीं है....आप अति महत्वकाँक्षी हो,और अति हर बात कि बुरी होती है,कही खुद पे झाड़ू ना फिर जाये ....पहले जो जिम्मेदारी मिली है उसको तो ठीक से निभा ले,कही कुछ दिनों के बाद ये ना कहना पड़े- ना खुदा ही मिला ना विशाले सनम,ना इधर के रहे ना उधर के हम.....
आपका अपना
सच का आम आदमी
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National Vice President · 2011 to present
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