Tuesday, 17 March 2015

पूंजी के बनावटी रिश्ते को अमान्य करना जायज ---सत्य नारायण त्रिपाठी

स्पष्ट रूप से पढ़ने के लिए इमेज पर डबल क्लिक करें (आप उसके बाद भी एक बार और क्लिक द्वारा ज़ूम करके पढ़ सकते हैं )





 संकलन-विजय माथुर, फौर्मैटिंग-यशवन्त यश
************************************************************
फेसबुक कमेन्ट :

No comments:

Post a Comment

कुछ अनर्गल टिप्पणियों के प्राप्त होने के कारण इस ब्लॉग पर मोडरेशन सक्षम है.असुविधा के लिए खेद है.