Sunita Verma
मेरे प्यारे भटके हुए सम्मानित भाइयों ! अंधभक्ति में इतना भी न गिरो की इंसानियत भी शर्मसार हो जाये
आप कितना जानते हो इस तेजबहादुर यादव के बारे में ???
मैं बताती हूँ आपको, वो मेरे गांव एवं वार्ड (जिला महेन्द्रगढ़, हरियाणा) से ही है तेजबहादुर, पहले वो भी आपकी तरहं मोदी की अंधभक्ति में आकंठ डूबा हुआ था, इसने पूर्व चुनावों में अपने परिवार के वोट तो मोदी को दिलाये ही और लोगों को भी मोदी को जिताने के लिए प्रेरित किया, इसे सनक थी कि मोदी ईमानदार है, वह आ गया तो भ्र्ष्टाचार खत्म कर देगा,
और जब मोदी जीता तो इस ने सोचा कि अब मैं सेना में जो भी गलत हो रहा है उससे मोदी को अवगत कराऊंगा ताकि सैनिकों की सुध ली जा सके, सेना में व्याप्त भ्रष्टाचार को रोका जा सके।
बस ! इसकी यही मूर्खता इसे ले डूबी, इसने सेना में खराब खाने की वीडियो जारी करने से पहले कई पत्र भी पीएमओ को लिखे लेकिन जब कोई उनका सकारात्मक जवाब नही आया तब उसने ये वीडियो बनाया ताकि ईमानदारी का ढोल पीटने वाला मोदी इस पर संज्ञान ले सके,...उसके बाद क्या हुआ पूरा देश जानता है, इसे बर्खास्त कर दिया गया,,,अब इसके सिर से मोदी भक्ति का भी भूत उतर चुका था,,,एक सैनिक होने के नाते इसने अन्याय के खिलाफ लड़ने की सोची,,इसी दौरान इसका इकलौता पुत्र भी हादसे का शिकार हो गया,,,इस दुख की घड़ी का भी बीजेपी आईटी सैल वालो ने नफरत के रूप में भुनाना शुरू कर दिया, एक साजिश के तहत बीजेपी ने अपनी पारम्परिक गन्दी राजनीति का धर्म निभाते हुए इस बारे झूठ प्रचारित करना शुरू कर दिया कि बेटे ने अपने बाप से दुखी होकर आत्महत्या कर ली, और सुसाइड नोट में ये बात लिख कर मरा...जबकि ये दोनों ही बातें झूठ के रूप में साजिशन फैलाई जा रही थी, इसे मानसिक रूप से परेशान करने के लिए इसे ट्रोल करने के लिए इसे जनता में पागल साबित करने के लिए। सच ही कहा है मूर्ख और असामाजिक तत्वों के सिर पर सिंग नही होते वो अपनी संकीर्ण व औछी बातों से ही अपने नकली मिलावटी खून की पहचान करा देते है...और ऐसा ही तेजबहादुर को ट्रोल करने वालो ने भी किया...
बीजेपी आईटी सैल ने तेजबहादुर यादव के नाम से एक फेसबुक आईडी बनाई जिसमे ज्यादा से ज्यादा पाकिस्तानी फॉलोवर्स जोड़े गए, वजह आप समझ सकते हैं ???
इस फेसबुक से तेजबहादुर को बदनाम करने के लिए मुस्लिम भाइयों को गालियां दी गई ताकि मुस्लिमों की नजर में इसे खराब किया जा सके।।।।।
वो मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने और जितने के लिए नही गया था बल्कि अपना विरोध दर्ज कराने और अन्याय के खिलाफ लड़ाई लड़ने के एक सैनिक का धर्म निभाने गया था।
मगर देश के तथाकथित फर्जी राष्ट्रभक्तों ने उस पर सुनियोजित तरीके से तरह - तरह के आरोप लगाने शुरू कर दिए, ये सब बीजेपी, संघ और उसकी आईटी सैल का पूर्व प्रायोजित काम था,...
उसे कहा जाने लगा कि सेना में और भी तो सैनिक हैं सिर्फ उसे ही खाने की क्यो दिक्कत हुई, तो उन मंधबुद्धि लोगों से मैं बताना चाहूंगी कि और सैनिकों ने भी इस बारे आवाज उठाई थी और इस बारे कुल 16 सैनिक बर्खास्त किये गए थे, वैसे भी इस बात को यों भी समझा जा सकता है कि गुलाम देश भारत मे सिर्फ भगत सिंह को ही क्या जरूरत थी आजादी का बिगुल बजाने की गुलाम तो और भी लोग थे? भगत सिंह ने भी जेल में खराब खाने को लेकर भूख हड़ताल की थी क्या वो भी 'पेटू और गद्दार' था..???
तेजबहादुर का परिवार ही सैनिक परिवार है इसके दादा भी आजाद हिंद फौज का सिपाही रहा है, तेजबहादुर ने भी अपने परिवार के देशभक्ति संस्कारों का लोहा सेना में मनवाया थे इन्हें कुल 16 अवार्ड सेना की तरफ से मिले थे।
और इसमे कोई दो राय नही की इसका नामांकन साजिशन रद्द कराया गया, क्योंकि मोदी डर गया था अप्रत्याशित चुनावी परिणाम से..
अन्यथा NOC लाने के लिए इतना थोड़ा समय नही दिया जाता, और इसके अलावा भी जानबूझ कर NOC देने वाले अधिकारी को उसकी कुर्सी से गायब रखा गया,,,।
बैगर किसी की पूरी प्रोफाइल जाने नकारात्मक टिप्पणी देना ना सिर्फ अपनी मूर्खता और नासमझी का परिचय देता है अपितु ऐसा करके हम अपने अधकचरे ज्ञान को ही प्रदर्शित करते हैं।
*"तेजबहादुर बिना लड़े ही जीत गया,*
*और कोई लाखों के फूल बरसा कर भी जनता की नजरों में गिर गया*
आप कितना जानते हो इस तेजबहादुर यादव के बारे में ???
मैं बताती हूँ आपको, वो मेरे गांव एवं वार्ड (जिला महेन्द्रगढ़, हरियाणा) से ही है तेजबहादुर, पहले वो भी आपकी तरहं मोदी की अंधभक्ति में आकंठ डूबा हुआ था, इसने पूर्व चुनावों में अपने परिवार के वोट तो मोदी को दिलाये ही और लोगों को भी मोदी को जिताने के लिए प्रेरित किया, इसे सनक थी कि मोदी ईमानदार है, वह आ गया तो भ्र्ष्टाचार खत्म कर देगा,
और जब मोदी जीता तो इस ने सोचा कि अब मैं सेना में जो भी गलत हो रहा है उससे मोदी को अवगत कराऊंगा ताकि सैनिकों की सुध ली जा सके, सेना में व्याप्त भ्रष्टाचार को रोका जा सके।
बस ! इसकी यही मूर्खता इसे ले डूबी, इसने सेना में खराब खाने की वीडियो जारी करने से पहले कई पत्र भी पीएमओ को लिखे लेकिन जब कोई उनका सकारात्मक जवाब नही आया तब उसने ये वीडियो बनाया ताकि ईमानदारी का ढोल पीटने वाला मोदी इस पर संज्ञान ले सके,...उसके बाद क्या हुआ पूरा देश जानता है, इसे बर्खास्त कर दिया गया,,,अब इसके सिर से मोदी भक्ति का भी भूत उतर चुका था,,,एक सैनिक होने के नाते इसने अन्याय के खिलाफ लड़ने की सोची,,इसी दौरान इसका इकलौता पुत्र भी हादसे का शिकार हो गया,,,इस दुख की घड़ी का भी बीजेपी आईटी सैल वालो ने नफरत के रूप में भुनाना शुरू कर दिया, एक साजिश के तहत बीजेपी ने अपनी पारम्परिक गन्दी राजनीति का धर्म निभाते हुए इस बारे झूठ प्रचारित करना शुरू कर दिया कि बेटे ने अपने बाप से दुखी होकर आत्महत्या कर ली, और सुसाइड नोट में ये बात लिख कर मरा...जबकि ये दोनों ही बातें झूठ के रूप में साजिशन फैलाई जा रही थी, इसे मानसिक रूप से परेशान करने के लिए इसे ट्रोल करने के लिए इसे जनता में पागल साबित करने के लिए। सच ही कहा है मूर्ख और असामाजिक तत्वों के सिर पर सिंग नही होते वो अपनी संकीर्ण व औछी बातों से ही अपने नकली मिलावटी खून की पहचान करा देते है...और ऐसा ही तेजबहादुर को ट्रोल करने वालो ने भी किया...
बीजेपी आईटी सैल ने तेजबहादुर यादव के नाम से एक फेसबुक आईडी बनाई जिसमे ज्यादा से ज्यादा पाकिस्तानी फॉलोवर्स जोड़े गए, वजह आप समझ सकते हैं ???
इस फेसबुक से तेजबहादुर को बदनाम करने के लिए मुस्लिम भाइयों को गालियां दी गई ताकि मुस्लिमों की नजर में इसे खराब किया जा सके।।।।।
वो मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने और जितने के लिए नही गया था बल्कि अपना विरोध दर्ज कराने और अन्याय के खिलाफ लड़ाई लड़ने के एक सैनिक का धर्म निभाने गया था।
मगर देश के तथाकथित फर्जी राष्ट्रभक्तों ने उस पर सुनियोजित तरीके से तरह - तरह के आरोप लगाने शुरू कर दिए, ये सब बीजेपी, संघ और उसकी आईटी सैल का पूर्व प्रायोजित काम था,...
उसे कहा जाने लगा कि सेना में और भी तो सैनिक हैं सिर्फ उसे ही खाने की क्यो दिक्कत हुई, तो उन मंधबुद्धि लोगों से मैं बताना चाहूंगी कि और सैनिकों ने भी इस बारे आवाज उठाई थी और इस बारे कुल 16 सैनिक बर्खास्त किये गए थे, वैसे भी इस बात को यों भी समझा जा सकता है कि गुलाम देश भारत मे सिर्फ भगत सिंह को ही क्या जरूरत थी आजादी का बिगुल बजाने की गुलाम तो और भी लोग थे? भगत सिंह ने भी जेल में खराब खाने को लेकर भूख हड़ताल की थी क्या वो भी 'पेटू और गद्दार' था..???
तेजबहादुर का परिवार ही सैनिक परिवार है इसके दादा भी आजाद हिंद फौज का सिपाही रहा है, तेजबहादुर ने भी अपने परिवार के देशभक्ति संस्कारों का लोहा सेना में मनवाया थे इन्हें कुल 16 अवार्ड सेना की तरफ से मिले थे।
और इसमे कोई दो राय नही की इसका नामांकन साजिशन रद्द कराया गया, क्योंकि मोदी डर गया था अप्रत्याशित चुनावी परिणाम से..
अन्यथा NOC लाने के लिए इतना थोड़ा समय नही दिया जाता, और इसके अलावा भी जानबूझ कर NOC देने वाले अधिकारी को उसकी कुर्सी से गायब रखा गया,,,।
बैगर किसी की पूरी प्रोफाइल जाने नकारात्मक टिप्पणी देना ना सिर्फ अपनी मूर्खता और नासमझी का परिचय देता है अपितु ऐसा करके हम अपने अधकचरे ज्ञान को ही प्रदर्शित करते हैं।
*"तेजबहादुर बिना लड़े ही जीत गया,*
*और कोई लाखों के फूल बरसा कर भी जनता की नजरों में गिर गया*
और हां ! इस घटनाक्रम से चौकीदार ने साबित कर दिया कि वो डरपोक भी है और 'चौकीदार ही ..... है।'
वैसे डरना भी सच्चा था, एक तो 'तेज' ऊपर से 'बहादुर'
धन्यवाद
वैसे डरना भी सच्चा था, एक तो 'तेज' ऊपर से 'बहादुर'
धन्यवाद
शुभेच्छुक :
आलेख : सुनीता वर्मा जिला पार्षद महेन्द्रगढ़ (हरियाणा)
एवं
पूर्व उपजिला प्रमुख व पूर्व बसपा जिला अध्यक्षा महेन्द्रगढ़
एवं
बसपा पूर्व प्रत्याशी अटेली विधानसभा
आलेख : सुनीता वर्मा जिला पार्षद महेन्द्रगढ़ (हरियाणा)
एवं
पूर्व उपजिला प्रमुख व पूर्व बसपा जिला अध्यक्षा महेन्द्रगढ़
एवं
बसपा पूर्व प्रत्याशी अटेली विधानसभा
ट्विटर अकाउंट
https://www.facebook.com/sunita1verma/?__tn__=%2Cd%3C*F-R&eid=ARCui_6q0nYW2Rg3ORMlOr6T9h2MGXozIjE8oT7VvKYoaJ9KuImzjuQxssTRzl5wPhbf14BCtpnsWVul&hc_ref=ARRJiLi0ONGoB4UsAsp757oj4i7jmXsujTwC9d0njFw9phKJm0I6ZeHuAaonhn0dzdw
****************************************************************
Face Book :
06-05-2019 |
No comments:
Post a Comment
कुछ अनर्गल टिप्पणियों के प्राप्त होने के कारण इस ब्लॉग पर मोडरेशन सक्षम है.असुविधा के लिए खेद है.