Saturday, 25 February 2012
Friday, 24 February 2012
कर्तव्य विमुख मतदाता
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आखिरकार भद्र कहे जाने वाले ,बात-बात मे अव्यवस्था का शोर मचाने तथा राजनीति और राजनीतिज्ञों को कोसने वाले तथाकथित विशिष्ट जनो ने अपने मतदान कर्तव्य का पालन न करके जतला दिया है की वे केवल ढ़ोल बजाने वाले लोग हैं और उनसे किसी कर्तव्य पालन की अपेक्षा करना व्यर्थ है।
संकलन-विजय माथुर, फौर्मैटिंग-यशवन्त माथुर
(हिंदुस्तान,लखनऊ,22/02/2011) |
संकलन-विजय माथुर, फौर्मैटिंग-यशवन्त माथुर
Sunday, 19 February 2012
अपने कर्तव्य का पालन करें
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आज के हिंदुस्तान मे लखनऊ के स्थानीय संपादक महोदय की यह अपील समसामयिक है। लखनऊ और उत्तर प्रदेश के दूसरे स्थानों पर जहां आज मतदान चल रहा है बुद्धिजीवियों को भी आलसी प्रवृति त्याग कर अपना 'वोट' जरूर डालने जाना चाहिए। ऐसा न करके वे अपने कर्तव्य से विरत रहेंगे ,फिर उन्हें राजनीति और राजनीतिज्ञों को भी नहीं कोसना चाहिए क्योंकि गलत लोगों का चुना जाना उनकी ही कर्तव्य हीनता का नतीजा होगा।
संकलन-विजय माथुर, फौर्मैटिंग-यशवन्त माथुर
Hindustan-Lucknow--19/02/2012 |
संकलन-विजय माथुर, फौर्मैटिंग-यशवन्त माथुर
Sunday, 12 February 2012
अपराधीकरण और भ्रष्टाचार का कारण
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उत्तर प्रदेश मे भी मतदान के दो चरण सम्पन्न हो चुके हैं और खुशी की बात है कि पहले के मुक़ाबले मतदान प्रतिशत बढ़ा है। भद्र जनों द्वारा अपने कर्तव्य (मतदान) का पालन न करने के कारण आज राजनीति पर अपराधी और भ्रष्ट लोग हावी हो चुके हैं। चुनाव आयोग के अथक प्रयासों ने जनता मे जागरूकता उत्पन्न कर दी है इसलिए अधिक लोगों ने वोट डाले हैं।
लेकिन हमारे विद्वानों जैसे कविवर सोम ठाकुर साहब और डॉ जितेंद्र रघुवंशी जो इप्टा के राष्ट्रीय महामंत्री हैं लोगों से निवेदन करते हैं कि जनता अपने प्रतिनिधि के तौर पर 'संस्कृति ' प्रेमियों को चुने जिससे संस्कृति की भी रक्षा हो सके। बाकी चरणों के चुनावों मे जहां कहीं भी ऐसे प्रत्याशी हों बुद्धिजीवी लोग उन्हें जिताने का भरसक प्रयास करें तभी यह संभव हो पाएगा।
संकलन-विजय माथुर, फौर्मैटिंग-यशवन्त माथुर
30/01/2012 |
29/01/2012 |
उत्तर प्रदेश मे भी मतदान के दो चरण सम्पन्न हो चुके हैं और खुशी की बात है कि पहले के मुक़ाबले मतदान प्रतिशत बढ़ा है। भद्र जनों द्वारा अपने कर्तव्य (मतदान) का पालन न करने के कारण आज राजनीति पर अपराधी और भ्रष्ट लोग हावी हो चुके हैं। चुनाव आयोग के अथक प्रयासों ने जनता मे जागरूकता उत्पन्न कर दी है इसलिए अधिक लोगों ने वोट डाले हैं।
लेकिन हमारे विद्वानों जैसे कविवर सोम ठाकुर साहब और डॉ जितेंद्र रघुवंशी जो इप्टा के राष्ट्रीय महामंत्री हैं लोगों से निवेदन करते हैं कि जनता अपने प्रतिनिधि के तौर पर 'संस्कृति ' प्रेमियों को चुने जिससे संस्कृति की भी रक्षा हो सके। बाकी चरणों के चुनावों मे जहां कहीं भी ऐसे प्रत्याशी हों बुद्धिजीवी लोग उन्हें जिताने का भरसक प्रयास करें तभी यह संभव हो पाएगा।
संकलन-विजय माथुर, फौर्मैटिंग-यशवन्त माथुर
Tuesday, 7 February 2012
कम्युनिस्टों ने नही भुलाया गांवों को
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पर्यावरणविद अनिल प्रकाश जोशी साहब ने गवों की उपेक्षा की बात उठाई है। सी पी आई ने अपने घोषणा पत्र मे स्पष्ट रूप से 15 मुद्दों को केवल 'खेती और किसानों के लिए' ही रखा है। यदि बुद्धिजीवी गाँव वालों को समझा कर जाति- वाद से परे हट कर कम्युनिस्ट प्रत्याशियों को जितवाने मे मदद करें तो गाँव वालों को भी खुशी नसीब हो सकती है।
संकलन-विजय माथुर, फौर्मैटिंग-यशवन्त माथुर
HINDUSTAN--07/02/2012 |
संकलन-विजय माथुर, फौर्मैटिंग-यशवन्त माथुर
Saturday, 4 February 2012
भाकपा द्वारा इलेक्ट्रानिक मीडिया की शिकायत
4 फरवरी 2012
स्पष्ट रूप से पढ़ने के लिए इमेज पर डबल क्लिक करें (आप उसके बाद भी एक बार और क्लिक द्वारा ज़ूम करके पढ़ सकते हैं ) संकलन-विजय माथुर, फौर्मैटिंग-यशवन्त माथुर
श्री उमेश सिन्हा
मुख्य निर्वाचन अधिकारी
उत्तर प्रदेश
लखनऊ
विषय: निजी टी.वी. चैनल्स द्वारा पेड न्यूज प्रसारित किये जाने के सम्बंध में
महोदय,
निर्वाचन आयोग की तमाम सख्ती के बावजूद तमाम निजी टी.वी. चैनलों द्वारा पेड न्यूज का प्रसारण किया जा रहा है। इसके लिये उन्होंने कई तरीके निकाल रखे हैं। न्यूज के नाम पर कांग्रेस, बसपा, भाजपा एवं सपा के नेताओं के भाषणों का लाइव प्रसारण किया जा रहा है और भाषणों को बार-बार दोहरा कर दिखाया जा रहा है। इसी तरह इन दलों के नेताओं के ऊपर 10-10, 15-15 मिनट के फीचर प्रसारित किये जा रहे हैं। 3 फरवरी को एक राष्ट्रीय चैनल ने श्रीमती प्रियंका गांधी का भाषण सीधे प्रसारित किया और बार-बार दोहराया जबकि वे किसी सार्वजनिक पद पर भी नहीं हैं। इसी तरह इसी दिन एक प्रादेशिक चैनल ने मुख्यमंत्री मायावती का भाषण सीधे प्रसारित किया और उसे कई बार दिखाया। इसी तरह के कई अन्य हथकंडे अपनाये जा रहे हैं।
यहां यह उल्लेखनीय है कि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी जो राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त 6 राजनैतिक दलों में से एक है और उत्तर प्रदेश में 51 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, की गतिविधियों को किसी चैनल पर कोई जगह नहीं दी जा रही है।
इस मामले में हमारे द्वारा पहले भी 24 जनवरी को इसकी शिकायत आपको भेजी गयी थी, जिस पर किसी कार्यवाही की सूचना हमें आज तक प्राप्त नहीं हुई है।
यह सीधे तौर पर ‘पेड न्यूज’ का मामला है, जिसकी गंभीरता से जांच करा कर कठोर कार्यवाही की जानी चाहिये।
आशा है कि आप शीघ्र ठोस कदम उठायेंगे।
सधन्यवाद।
भ व दी य
(डा. गिरीश)
राज्य सचिव
प्रतिलिपि: मुख्य निर्वाचन आयुक्त, भारत निर्वाचन आयोग, नई दिल्ली।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी
उत्तर प्रदेश
लखनऊ
विषय: निजी टी.वी. चैनल्स द्वारा पेड न्यूज प्रसारित किये जाने के सम्बंध में
महोदय,
निर्वाचन आयोग की तमाम सख्ती के बावजूद तमाम निजी टी.वी. चैनलों द्वारा पेड न्यूज का प्रसारण किया जा रहा है। इसके लिये उन्होंने कई तरीके निकाल रखे हैं। न्यूज के नाम पर कांग्रेस, बसपा, भाजपा एवं सपा के नेताओं के भाषणों का लाइव प्रसारण किया जा रहा है और भाषणों को बार-बार दोहरा कर दिखाया जा रहा है। इसी तरह इन दलों के नेताओं के ऊपर 10-10, 15-15 मिनट के फीचर प्रसारित किये जा रहे हैं। 3 फरवरी को एक राष्ट्रीय चैनल ने श्रीमती प्रियंका गांधी का भाषण सीधे प्रसारित किया और बार-बार दोहराया जबकि वे किसी सार्वजनिक पद पर भी नहीं हैं। इसी तरह इसी दिन एक प्रादेशिक चैनल ने मुख्यमंत्री मायावती का भाषण सीधे प्रसारित किया और उसे कई बार दिखाया। इसी तरह के कई अन्य हथकंडे अपनाये जा रहे हैं।
यहां यह उल्लेखनीय है कि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी जो राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त 6 राजनैतिक दलों में से एक है और उत्तर प्रदेश में 51 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, की गतिविधियों को किसी चैनल पर कोई जगह नहीं दी जा रही है।
इस मामले में हमारे द्वारा पहले भी 24 जनवरी को इसकी शिकायत आपको भेजी गयी थी, जिस पर किसी कार्यवाही की सूचना हमें आज तक प्राप्त नहीं हुई है।
यह सीधे तौर पर ‘पेड न्यूज’ का मामला है, जिसकी गंभीरता से जांच करा कर कठोर कार्यवाही की जानी चाहिये।
आशा है कि आप शीघ्र ठोस कदम उठायेंगे।
सधन्यवाद।
भ व दी य
(डा. गिरीश)
राज्य सचिव
प्रतिलिपि: मुख्य निर्वाचन आयुक्त, भारत निर्वाचन आयोग, नई दिल्ली।
स्पष्ट रूप से पढ़ने के लिए इमेज पर डबल क्लिक करें (आप उसके बाद भी एक बार और क्लिक द्वारा ज़ूम करके पढ़ सकते हैं ) संकलन-विजय माथुर, फौर्मैटिंग-यशवन्त माथुर
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