Tuesday, 14 August 2012

सुंदर,सुखद,समृद्ध जीवन बनाएँ






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'बकवास' कहना और लिखना कितना आसदान है लेकिन क्या ग्रहों की चाल को रोका या टाला जा सकता है?यदि हाँ तो वित्त मंत्रालय,महाराष्ट्र के सी एम आफिस,नेल्लोर मे तामिल नाडू एक्स्प्रेस मे अग्निकांड क्यों नहीं रोके जा सके। ईरान की भूकंप त्रासदी को क्यों नहीं रोका जा सका। ईरान का घोर शत्रु भी आज ईरान को मानवीय मदद का प्रस्ताव दे रहा है पहले उसके वैज्ञानिकों ने चेतावनी देकर आबादी को क्यों नहीं हटवाया या भूकंप को रोक लिया।लेकिन विरोध के लिए विरोध करना फैशन है तो करते हैं जन-कल्याण बाधित करने के लिए।

राजनेताओं मे कैप्टन डॉ  लक्ष्मी सहगल,के बाद केंद्रीय मंत्री विलास राव देशमुख को भी क्यों नहीं बचाया जा सका?

यू पी सरकार के नेताओं मे मतभेदों के बारे मे भी आंकलन पहले ही दिया जा चुका है। 
http://krantiswar.blogspot.in/2012/03/blog-post_16.html?

हाँ बचाव हो सकता है यदि वैज्ञानिक विधि से 'हवन' का सहारा लिया जाये तो। चेतावनी देने का अभिप्राय बचाव के वैज्ञानिक उपाय अपनाने का अवसर प्रदान करना होता है। 'बकवास' नहीं जैसा कि विदेश स्थित प्रो साहब के अनुयाई कहते हैं। 












 संकलन-विजय माथुर, फौर्मैटिंग-यशवन्त माथुर

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