डॉ राही मासूम रज़ा का स्मरण
आज दिनांक 18 अगस्त 2012 को अप्रान्ह तीन बजे हज़रत गंज ,लखनऊ स्थित उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान मे सुप्रसिद्ध उपन्यासकार डॉ राही मासूम रज़ा के चित्र का अनावरण संस्थान के निदेशक डॉ सुधाकर अदीब द्वारा किया गया। इस अवसर पर एक अनौपचारिक गोष्ठी मे 'डॉ राही मासूम रज़ा साहित्य एकेडमी' की अध्यक्षा डॉ वंदना मिश्रा,महामंत्री कामरेड राम किशोर (प्रदेश अध्यक्ष ,फारवर्ड ब्लाक ),डॉ रमेश दीक्षित (पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एन सी पी ) ने डॉ राही मासूम रज़ा के व्यक्तित्व-कृतित्व पर प्रकाश डालते हुये बताया कि सही अर्थों मे वही एकमात्र भारतीय या हिन्दुस्तानी साहित्यकार थे जो केवल मानव हित का ध्यान रख कर अपनी रचनाएँ करते थे। उनके महाकाव्य-'आधा गाव' का विशेष उल्लेख सभी वक्ताओं ने किया। 'महाभारत' सीरियल की पट -कथा लेखन के लिए भी उनकी सराहना की गई।
एकेडमी की अध्यक्षा और महामंत्री ने निदेशक अदीब साहब को विशेष धन्यवाद दिया कि,उनके पूर्व कार्यकाल मे डॉ रज़ा के चित्र लगाने का जो अभियान शुरू किया गया था वह उनके दूसरे कार्यकाल मे सम्पन्न हो गया। इस बीच इसके लिए काफी संघर्ष और भाग-दौड़ एकेडमी की समिति को करनी पड़ी ,राज्यपाल महोदय से भी हस्तक्षेप करवाना पड़ा तब जाकर आज डॉ रज़ा का चित्र हिन्दी संस्थान मे अनावृत हो सका। निदेशक अदीब साहब ने डॉ रज़ा का चित्र हिन्दी संस्थान मे लगने पर खुशी ज़ाहिर की और समिति की अध्यक्षा और महामंत्री का आभार जताया।
दूसरे साहित्यकारों ने भी डॉ रज़ा के संबंध मे अपने विचार व्यक्त किए। डॉ रज़ा के भांजे साहब भी विशेष रूप से उपस्थित थे और उन्होने बहुत सी व्यतिगत जानकारिया भी डॉ रज़ा के साहित्य-लेखन के बारे मे दी। राम किशोर जी के आह्वान पर मुझे भी चित्र अनावरण तथा गोष्ठी मे भाग लेने का अवसर प्राप्त हुआ।
संकलन-विजय माथुर, फौर्मैटिंग-यशवन्त माथुर
उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान ,लखनऊ मे डॉ रज़ा के चित्र का अनावरण-18-08-2012 |
आज दिनांक 18 अगस्त 2012 को अप्रान्ह तीन बजे हज़रत गंज ,लखनऊ स्थित उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान मे सुप्रसिद्ध उपन्यासकार डॉ राही मासूम रज़ा के चित्र का अनावरण संस्थान के निदेशक डॉ सुधाकर अदीब द्वारा किया गया। इस अवसर पर एक अनौपचारिक गोष्ठी मे 'डॉ राही मासूम रज़ा साहित्य एकेडमी' की अध्यक्षा डॉ वंदना मिश्रा,महामंत्री कामरेड राम किशोर (प्रदेश अध्यक्ष ,फारवर्ड ब्लाक ),डॉ रमेश दीक्षित (पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एन सी पी ) ने डॉ राही मासूम रज़ा के व्यक्तित्व-कृतित्व पर प्रकाश डालते हुये बताया कि सही अर्थों मे वही एकमात्र भारतीय या हिन्दुस्तानी साहित्यकार थे जो केवल मानव हित का ध्यान रख कर अपनी रचनाएँ करते थे। उनके महाकाव्य-'आधा गाव' का विशेष उल्लेख सभी वक्ताओं ने किया। 'महाभारत' सीरियल की पट -कथा लेखन के लिए भी उनकी सराहना की गई।
एकेडमी की अध्यक्षा और महामंत्री ने निदेशक अदीब साहब को विशेष धन्यवाद दिया कि,उनके पूर्व कार्यकाल मे डॉ रज़ा के चित्र लगाने का जो अभियान शुरू किया गया था वह उनके दूसरे कार्यकाल मे सम्पन्न हो गया। इस बीच इसके लिए काफी संघर्ष और भाग-दौड़ एकेडमी की समिति को करनी पड़ी ,राज्यपाल महोदय से भी हस्तक्षेप करवाना पड़ा तब जाकर आज डॉ रज़ा का चित्र हिन्दी संस्थान मे अनावृत हो सका। निदेशक अदीब साहब ने डॉ रज़ा का चित्र हिन्दी संस्थान मे लगने पर खुशी ज़ाहिर की और समिति की अध्यक्षा और महामंत्री का आभार जताया।
दूसरे साहित्यकारों ने भी डॉ रज़ा के संबंध मे अपने विचार व्यक्त किए। डॉ रज़ा के भांजे साहब भी विशेष रूप से उपस्थित थे और उन्होने बहुत सी व्यतिगत जानकारिया भी डॉ रज़ा के साहित्य-लेखन के बारे मे दी। राम किशोर जी के आह्वान पर मुझे भी चित्र अनावरण तथा गोष्ठी मे भाग लेने का अवसर प्राप्त हुआ।
संकलन-विजय माथुर, फौर्मैटिंग-यशवन्त माथुर
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