Friday 14 February 2014

श्रम की प्रतिष्ठा का उत्सव :संत रविदास जयंती---सदानंद शाही/विजय राजबली माथुर

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वर्ण आधारित श्रेष्ठताक्रम को चुनौती :

सत्य की स्थापना हेतु वर्ण आधारित श्रेष्ठताक्रम को चुनौती देना संत रविदास का एक पुनीत 'कर्म' था। वर्णाश्रम-व्यवस्था को जन्मना बना देने से जातियों व उप-जातियों की उत्पत्ति  हुई जो आज तक पूरे देश को जकड़े हुये है और इसी वजह से देश लगभग 1100-1200 वर्ष पराधीन भी रहा है। 'सत्य' को नकारते हुये जहां कुछ लोग 'आर्य' शब्द को विदेशी आक्रांता वर्ग की एक जाति के रूप में निरूपित करते हैं वहीं दूसरी ओर कुछ लोग इसे देश की ही एक जाति बताते हैं। जबकि दोनों ही बातें पूर्ण रूप से असत्य हैं। 

वस्तुतः 'आर्य' कोई जाति,धर्म या नस्ल नहीं है। 'आर्य' शब्द 'आर्ष' से बना है जिसका अर्थ होता है श्रेष्ठ अर्थात जो मनुष्य श्रेष्ठ कर्म करते हैं वे सभी आर्य हैं चाहें वे किसी भी जाति,धर्म या नस्ल को मानने वाले हों और दुनिया के किसी भी कोने में रहते हों। विदेशी साम्राज्यवादियो ने अपनी दुर्नीति के चलते आर्य को विदेशी आक्रांता घोषित करके जो झगड़ा  खड़ा किया था उसका निर्मूलन करने में संत रविदास की सीख और साहित्य का काफी योगदान हो सकता है। 

योग्यतानुसार 'कर्म' और कर्मानुसार 'वर्ण' बनाए गए थे जो जन्म-जन्मांतर से जोड़ कर विकृत किए गए हैं मात्र आर्थिक -शोषण हेतु उनको पुनः अपने मूल स्वरूप कर्मानुसार वर्ण में परिवर्तित किया जाना ही  संत रविदास की शिक्षा को ग्रहण करना होगा। इसी से विद्वेष  मूलक 'जाति-व्यवस्था' को समाप्त किया जा सकेगा। आज फिर संत रविदास जैसे  सामाजिक आंदोलन को चलाये जाने की आवश्यकता है तभी श्रम की प्रतिष्ठा संभव हो सकेगी । और तभी मानव द्वारा मानव का शोषण समाप्त करके समाजवाद की दिशा में बढ़ा जा सकेगा। अन्यथा थोथे  नारों से समानता नहीं स्थापित की जा सकती। आर्थिक समानता हेतु जातीय असमानता का भी निर्मूलन करना ही होगा।   

 संकलन-विजय माथुर, फौर्मैटिंग-यशवन्त माथुर

2 comments:

  1. रैदास वाला लेख पोस्ट करने के लिए आभार .रैदास पर कुछ और टिप्पणियाँ हैं जिनका लिंक दे रहा हूँ .http://sadanandshahi.blogspot.in/2014/03/blog-post_8621.html#links
    http://sadanandshahi.blogspot.in/2014/03/blog-post_6054.html

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  2. ब्लॉग का नाम कलम और कुदाल व्यंजक है .

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कुछ अनर्गल टिप्पणियों के प्राप्त होने के कारण इस ब्लॉग पर मोडरेशन सक्षम है.असुविधा के लिए खेद है.