Monday 6 June 2016

यूपी में वह कौन बड़ा साहेब है, जो नहीं चाहता था कि तीस्ता सीतलवाड़ लखनऊ में रहें? ------ हस्तक्षेप







क्या अखिलेश सरकार नहीं चाहती तीस्ता सीतलवाड़ लखनऊ में रहें? :
नई दिल्ली। क्या उत्तर प्रदेश की सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी और केंद्र की सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के बीच कोई गुपचुप समझौता हो चुका है? ऐसी कोई आधिकारिक सूचना तो नहीं है, लेकिन उप्र की अखिलेश सरकार की कार्यप्रणाली संकेत दे रही है कि सपा-भाजपाके बीच अंदरूनी तौर पर खिचड़ी पक चुकी है और अगर ऐसा नहीं है तो माना जा सकता है कि अफसरशाही पर संघी कब्जा हो चुका है और अखिलेश यादव केवल संवैधानिक तौर पर मुख्यमंत्री रह गए हैं व अफसरशाही नागपुर मुख्यालय से निर्देश ले रही है।

आतंकवाद के आरोपों से निचली अदालत द्वारा बरी किए गए मुस्लिम युवकों के मामले में सपा सरकार द्वारा उच्च अदालत में फैसले के खिलाफ अपील करने के बाद सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ को लखनऊ में न ठहरने देने का सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसने अखिलेश सरकार की कार्यप्रणाली को लेकर सवालिया निशान लगाए हैं। इस संबंध में वरिष्ठ पत्रकार दिलीप मंडल ने अपनी फेसबुक टाइमलाइन पर पूरी घटना का ब्यौरा प्रस्तुत किया है, जो निम्नवत् है।

अमित शाह और ऐसे ही लोग अगर चलकर कभी गुजरात दंगों के कारण जेल गए, तो तीस्ता सीतलवाड़ को शुक्रिया कहिएगा। संविधान और कानून की हिफाजत के लिए वे सारे खतरे उठा रही हैं। केस नतीजे तक पहुंचे, इसके लिए वे जुटी हैं।

अखिलेश यादव जी से भी एक निवेदन है। पिछले दिनों तीस्ता और मैं लखनऊ लिटरेचर फेस्टिवल में हिस्सा लेने लखनऊ गए थे। तीस्ता की सरकारी गेस्ट हाउस में बुकिंग थी। वहां अफसरों ने बताया कि हाई लेवल से बुकिंग कैंसिल कर दी गई है। इसके बाद तीस्ता को जिन बड़े होटलों में ठहराने की कोशिश की गई, सबने नाम सुनते ही कहा कि किसी बड़े साहब ने मना किया है।

तीस्ता को जान पर खतरे की वजह से सुप्रीम कोर्ट से सुरक्षा मिली हुई है। साथ में गार्ड चलते हैं। उन्हें सुरक्षित जगह पर रहना पड़ता है। लेकिन उस दिन उन्हें जोखिम उठाकर एक सामान्य होटल में ठहरना पड़ा।

तीस्ता सुरक्षा की हाई कैटेगरी में हैं। उनकी मूवमेंट राज्य सरकार और लोकल पुलिस के संज्ञान में होती है। राज्य सरकार आसानी से जांच करा सकती है।

यूपी में वह कौन बड़ा साहेब है, जो नहीं चाहता था कि तीस्ता सीतलवाड़ लखनऊ में रहें?
http://www.hastakshep.com/hindi-news/2016/06/05/do-akhilesh-government-not-want-to-stay-teesta-setalvad-in-lucknow#.V1O7UJF9601

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