Saturday, 20 January 2018

उम्मीदों के दबाव में बच्चों द्वारा हिंसा का सहारा ------ नवीन जोशी / क्षमा शर्मा

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नवीन जोशी साहब ने इस तथ्य पर बल दिया है कि, माता - पिता बच्चों से ऊंची - ऊंची  उम्मीदें रखते हैं लेकिन उनके व्यक्तित्व विकास की ओर कोई ध्यान नहीं देते हैं इसलिए बच्चे आजकल उच्श्र्ङ्खल  हो रहे हैं और अपराध की ओर बढ़ रहे हैं। केरल में एक माँ  वस्तुतः जननी द्वारा अपने ही पुत्र की हत्या का भी समाचार आया है। उच्च व मध्यम वर्ग  की महिलाओं में पुरुषों से होड़ा- हाड़ी की भावना बढ़ती जा रही है और परिवार की प्राचीन धारणा टूट कर आर्थिक समानता की ओर बढ़ रही प्रवृति में बच्चे असहाय होते जा रहे हैं। 

क्षमा शर्मा जी ने कमला का जो दृष्टांत प्रस्तुत किया है उसमें  कमला ने गरीब वर्ग से आने के बावजूद खुद अपने  बजाय अपने बच्चों व वृद्ध सास- श्वसुर का ख्याल रखा है। 

जननी -माँ - माता के अंतर को अपने ब्लाग पोस्ट के  माध्यम से  2010 में स्पष्ट किया था : 



संकलन-विजय माथुर, फौर्मैटिंग-यशवन्त यश

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