Sunday 28 January 2018

नारी - सम्मान हेतु मिथ्या मिथकों को त्यागना होगा ------ विजय राजबली माथुर

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परिवार नागरिकता की प्रथम पाठशाला होते हैं वहीं से भेदभाव रहित व्यवहार शुरू करने होंगे। पोंगापंथियों द्वारा गढ़े गए प्रक्षेपकों जैसे श्री कृष्ण गोपियों से रास रचाते थे उनके कपड़े ले भागे थे और राम ने स्वर्ण नखा (अपभ्रंश सूपनखा ) को लक्ष्मण के पास तथा लक्ष्मण ने राम के पास भेजा आदि को निषिद्ध करना होगा उनका प्रतिकार करना होगा। वस्तुतः श्री कृष्ण व राम दोनों तत्कालीन राजनीति में शोषित- उत्पीड़ित वर्ग के साथ शोषकों / साम्राज्यवादियों के विरुद्ध संघर्ष के अगुवा थे। इसलिए पुरोहित वर्ग से शोषक शासकों ने उनको बदनाम करने हेतु प्रक्षेपक डलवाए थे जिंनका समाज के पतन में व्यापक हाथ है। अपनी युवा पीढ़ी को सच्चाई से रू -ब - रू करवाकर समस्या का समाधान प्राप्त किया जा सकता है। 


संकलन-विजय माथुर, फौर्मैटिंग-यशवन्त यश

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