Thursday, 28 March 2019

टैक्सों के जरिये नौकरी पेशा मध्य वर्ग को निचोड़ा जाता है

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 संकलन-विजय माथुर, फौर्मैटिंग-यशवन्त यश

Wednesday, 27 March 2019

जनता की नब्ज पर नहीं है मोदी लहर का कंपन

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NBT रिपोर्टर  पूनम पाण्डे अभी भी मोदी लहर होने के प्रमाण  प्रस्तुत कर रही हैं तो द वायर  की सीनियर एडिटर  आरफा खानम शेरवानी और  न्यूज क्लिक की भाषा सिंह  धरातल की स्थितियों से परिचित करा रही हैं। धरातल पर कोई मोदी लहर नहीं है और मोदी की जनता की नब्ज पर कोई पकड़ भी नहीं है। 











 संकलन-विजय माथुर, फौर्मैटिंग-यशवन्त यश

Thursday, 21 March 2019

विश्व कठपुतली दिवस : 21 मार्च

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 संकलन-विजय माथुर, फौर्मैटिंग-यशवन्त यश

Tuesday, 19 March 2019

दुख से द्रवित होने वाले बेटे ------ मोनिका शर्मा

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 संकलन-विजय माथुर, फौर्मैटिंग-यशवन्त यश

Friday, 15 March 2019

‘छुओ ना मेरी हस्ती को, फूंक दूंगी तेरी बस्ती को ’ ------ बी चंद्रकला, IAS

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News Times 24
Published on Jan 13, 2019
अपने लिंक्ड-इन अकाउंट पर एक कविता पोस्ट की है, जिसके जरिए इस मामले पर उन्होंने तंज कसा है। चंद्रकला इसमें लिखती हैं, ‘छुओ ना मेरी हस्ती को, फूंक दूंगी तेरी बस्ती को’...

IAS चंद्रकला ने शेयर की कविता, लिखा- ‘छुओ ना मेरी हस्ती को, फूंक दूंगी तेरी बस्ती को ’
सीबीआई ने जनवरी के पहले हफ्ते में बी चंद्रकला के लखनऊ स्थित घर पर छापामेरी की। छापे के बाद सीबीआई ने दावा किया कि चंद्रकला के घर से अहम दस्तावेज जब्त हुए। इसके अलावा चंद्रकला पर हमीरपुर में कलेक्टर रहते अवैध खनन और साल 2012 में पहचान के लोगों को खनन पट्टे देने का आरोप लगाया। नियम के मुताबिक ये पट्टे ई-टेंडर के जरिए देने जाने चाहिए थे।
इसके मामले के बाद चंद्रकला ने अपने लिंक्ड-इन अकाउंट पर एक कविता पोस्ट की है, जिसके जरिए इस मामले पर उन्होंने तंज कसा है। चंद्रकला इसमें लिखती हैं, ‘छुओ ना मेरी हस्ती को, फूंक दूंगी तेरी बस्ती को’...
चंद्रकला लिखती हैं-







 संकलन-विजय माथुर, फौर्मैटिंग-यशवन्त यश

Thursday, 14 March 2019

चुनाव और फिक्स व्यवस्थाएँ ------ ज़ाहिदनामा


 · March 11 , 2019 
चुनाव और फिक्स व्यवस्थाएँ :-

देश में लोक सभा चुनाव की घोषणा हो गयी , और कल चुनाव आयोग ने "फिक्स घोषणा" करके "फिक्स चरणों" के साथ चुनाव के "फिक्स दिन और तारीख" का ऐलान कर दिया।

चुनाव अयोग की यह फिक्सिंग केन्द्र की मोदी और भाजपा के साथ है और उसी को चुनाव में लाभ पहुचाने के लिए उनके ही सलाह या निर्देश पर हर प्रदेश में कम या अधिक चरण निर्धारित किए गये।

दरअसल मोदी और भाजपा , देश की व्यवस्था का अपने पक्ष में प्रयोग करने के स्पेशलिस्ट हैं , और चुनाव आयोग की चुनाव कराने के लिए सुरक्षा बलों की नियुक्ति के कारण गृहमंत्रालय पर निर्भरता ही इस चुनाव फिक्सिंग का मुख्य आधार है जिस पर कोई सवाल भी नहीं उठा सकता और भाजपा को इसका सीधा लाभ भी पहुँच जाएगा।

बाकी मुख्य चुनाव आयुक्त हैं ही , कल उनकी प्रेस काँफ्रेन्स देख रहा था , हकीकत में उनको 1•5 घंटे देख कर मैं स्पष्ट रूप से कह सकता हूँ कि मैं उनको अपने आफिस में क्लर्क भी ना रखूँ , पर वह दुर्भाग्य से देश के मुख्य चुनाव आयुक्त हैं।

दरअसल ऐसे ही मेमने चुनाव आयोग की चुनाव की घोषणा , प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकारी पैसे से 100 वीं रैली के खत्म होने के 24 घंटे बाद की गयी , पहले हो जाती तो मोदी यह शतक ना बना पाते , हो सकता है कि यह संयोग हो , पयन्तु यह भी गज़ब का संयोग है कि हर संयोग मोदी और भाजपा के पक्ष में ही होता है।

यह संयोग नहीं "फिक्सिंग" है। देखिए उसके साक्ष्य : 

जिन प्रदेशों में भाजपा की स्पष्ट बढ़त है वहाँ चुनाव 1 चरण में ही निबटाए जाएँगे , जैसे गुजरात। परन्तु जिन प्रदेशों में विपक्षी गठबंधन के सामने भाजपा और मोदी के रथ का पहिया फस चुका है वहाँ 5-6 चरण में चुनाव होंगे जिससे भाजपा और मोदी को अपने पूरे संसाधनों को झोंकने का अवसर मिले और एक चरण में यदि भाजपा के विरुद्ध वोटिंग हुई तो दूसरे या आगे के चरण में कोई नया जुमला फेंक कर इससे बढ़त ली जा सके।

उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्य इसके स्पष्ट उदाहरण हैं , और मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा यह सब मोदी , मोदी सरकार और भाजपा के साथ साँठ गाँठ करके कर रहे हैं।

एक खेल मीडिया भी चुनाव की घोषणा होते ही करने लगी , कल एबीपी न्यूज़ पर सर्वे के नाम से भ्रम फैलाने और भाजपा को स्ट्रेटजिक लाभ पहुँचाने वाले आँकड़े प्रसारित होने लगे। उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा काँग्रेस के साथ ना आए इसलिए यहाँ गठबंधन को बढ़त दिखा दी गयी तो बिहार में तेजस्वी और राजद , काँग्रेस से दूर हो जाएँ इसलिए वहाँ काँग्रेस को शून्य सीट देकर निस्प्रभावी बना दिया।

विरोधी नेता मीडिया और चुनाव आयोग से सतर्क रहें क्युँकि अगले दो महीने यह दोनों खुला खेल खेलने वाले हैं।

एबीपी न्युज़ से निकाले जाने वाले पुण्य प्रसून बाजपेयी ने कई मंचों से कहा कि अमित शाह द्वारा फोन करके उनको धमकाया गया कि "तुम राजनीति में क्युँ नहीं आ जाते"

और फिर पुण्य प्रसून बाजपेयी , अभिसार शर्मा और मिलिंद खांडेकर का एबीपी न्यूज़ से इस्तीफा लेकर पैदल कर दिया और एबीवीपी मोदी भक्ति में लग गया। इनका सिस्टम को अपने पक्ष में करने का यही तरीका है , और फिर जस्टिस लोया सबके सामने उदाहरण तो हैं ही।


विपक्षी दल अब भी सावधान हो जाएँ और एक हो जाएँ क्युँकि रंगा बिल्ला कुछ भी कर सकते हैं।

https://www.facebook.com/ThesocialActivist1/photos/a.266709460447797/635494193569320/?type=3&permPage=1



 संकलन-विजय माथुर, फौर्मैटिंग-यशवन्त यश

Thursday, 7 March 2019

पढ़ाई का असली मतलब ------ सन्नी कुमार

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 संकलन-विजय माथुर, फौर्मैटिंग-यशवन्त यश

Monday, 4 March 2019

राष्ट्रीय राजनीति का रिमोट रखने के ख़्वाहिशमंद : चन्द्रबाबू नायडू ------ नदीम

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 संकलन-विजय माथुर, फौर्मैटिंग-यशवन्त यश

Sunday, 3 March 2019

कुछ युद्ध बंदियों की कहानी ------ Er S D Ojha / सुधीर मिश्र

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NBT,lko॰03-03-2019,Page-1 
http://www.samachar4media.com/headlines/senior-journalist-santosh-bhartiya-spoke-about-release-of-wing-commander-abhinandan-50040.html





Er S D Ojha
02-03-2019 

आज अभिनंदन वर्धमान का अभिनंदन एक हीरो के रुप में हो रहा है । ज्ञातव्य हो कि अभिनंदन पाकिस्तान के लड़ाकू विमान एफ - 16 का पीछा करते हुए पाकिस्तान के इलाके में पहुँच गये थे । वहां इन्होंने पाक के उस विमान को मार गिराया , पर इस जद्दोजहद में उनके विमान में भी आग लग गयी थी । वे पैरा शूट की मदद से पाकिस्तान के इलाके में उतर गये , जहां उन्हें कैद कर लिया गया था । हर्ष का विषय है कि वहां पर उन्हें किसी तरह की प्रताड़ना नहीं दी गयी । उनकी रिहाई पाकिस्तान सरकार ने कर दी है । यह रिहाई इसलिए सम्भव हो सकी कि उस समय तक कोई युद्ध की घोषणा नहीं हुई थी । इसे अंतर्राष्ट्रीय सीमा का उल्लंघन माना गया , जो कि दोनों देशों ने किया था । अभिनंदन बंदी थे , पर युद्ध बंदी नहीं ।

इसी तरह नचिकेता को भी कारगिल वाॅर में बंदी बनाया गया था । नचिकेता युद्ध बंदी थे । इसलिए उनकी रिहाई जल्दी सम्भव नहीं हो पायी । नचिकेता को प्रताड़ित भी किया गया था । जब वे वापस आए तो उनके शरीर पर जगह जगह सिगरेट के दाग थे । उनके लिए मसीहा बनकर एक पाकिस्तानी कैप्टन सामने आया , जिसने नचिकेता को और प्रताड़ित होने से बचाया था । उस समय देश ने नचिकेता को हाथों हाथ लिया था । बहुत से जवान नचिकेता जैसा बनना चाह रहे थे । नचिकेता उनके आदर्श थे । बाद में नचिकेता की रिहाई हो गयी थी , पर उनके साथ के अजय आहूजा की क्षत विक्षत लाश हीं हमें मिल पायी थी ।

1965 की लड़ाई में फील्ड मार्शल जनरल के एम करिअप्पा के बेटे के सी नंदा करिअप्पा भी पकड़े गये थे उस समय अयूब खान पाकिस्तान के राष्ट्रपति थे । अयूब खान कभी फील्ड मार्शल जेनरल के एम करिअप्पा के जूनियर रह चुके थे । अयूब खान ने उन्हें फोन मिलाया और कहा कि वे उनके बेटे को छोड़ रहे हैं । करिअप्पा ने कहा अगर छोड़ना है तो सारे युद्ध बंदियों को छोड़ो , अन्यथा किसी को न छोड़ो । वे सभी भारत के बेटे हैं । उन्होंने अपने बेटे को किसी तरह की रियायत देने से भी मना किया था । बाद में अयूब की पत्नी और उनका बड़ा बेटा अख़्तर अयूब उनके बेटे से मिलने आए थे । वो उसके लिए स्टेट एक्सप्रेस सिगरेट का एक कार्टन और वुडहाउस का एक उपन्यास ले कर आए थे ।


फील्ड मार्शल के एम करिअप्पा के बेटे के सी नंदा करिअप्पा ने अपने संस्मरण में लिखा था कि उनके लिए वह दिन खुशी का दिन था जब फिल्म अभिनेत्री आशा पारिख ने सभी युद्ध बंदियो को सूखे मेवे भिजवाए थे । उनकी रिहाई सभी युद्ध बंदियों के साथ हुई थी । वर्तमान में नंदा अपने पैतृक निवास मदकीरी के रोशनारा में रह रहे हैं । वे कहते हैं कि पकड़े जाने पर केवल नाम , रैंक और सर्विस नम्बर हीं बताना चाहिए । उसके बाद गूंगा व बहरा हो जाना चाहिए । यही मानक प्रक्रिया है ।

https://www.facebook.com/photo.php?fbid=2273724219620118&set=a.1680408095618403&type=3

निम्नांकित फ़ोटोज़ से इस कारवाई के निहितार्थ स्पष्ट होते हैं :



 संकलन-विजय माथुर, फौर्मैटिंग-यशवन्त यश

Saturday, 2 March 2019

न मोदी न इमरान, ट्रंप ही शक्तिमान ! ------ ध्रुव गुप्त

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सबहि नचावत ट्रंप गुसाई !
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अब थोड़ा-थोड़ा समझ में आने लगा है। पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव और युद्ध की आशंकाओं के बीच डोनाल्ड ट्रंप ने अचानक घोषणा की कि भारत कुछ बड़ा करने वाला है। अगले ही दिन भारतीय वायु सेना के विमानों ने पाकिस्तान के भीतर घुसकर जैश के प्रशिक्षण केंद्र पर भीषण बमबारी की। जवाब में पाकिस्तानी विमानों ने भी भारत में घुसकर सेना के कैम्प के पास बम छोड़ा और अपना एक विमान के नष्ट हो जाने के बावजूद भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन को अपनी हिरासत में लेने में पाकिस्तानी सेना सफल रही। भारत द्वारा जवाबी हमले की आशंकाओं के बीच ट्रंप ने एक बार फिर कहा कि पाकिस्तान से कुछ अच्छी खबर आने वाली है। अगले ही दिन इमरान खान ने अपनी एसेंबली में अभिनंदन को बिना शर्त रिहा करने की घोषणा कर दी। अभिनंदन कल भारत को सौंप दिया गया और इस तरह भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध की आशंका फिलहाल टल गई।

कठपुतलियों के इस दिलचस्प खेल में जीता-हारा तो कोई नहीं, लेकिन सबको कुछ न कुछ हासिल जरूर हुआ। अपने पांच साल के कार्यकाल में लगभग कुछ नहीं करने के बावजूद हमारे मोदी सर और अमित शाह जी को प्रचंड राष्ट्रवाद की आंधी में 'अपना बूथ सबसे मजबूत' कर लेने में बहुत हद तक सफलता मिल गई। इमरान खान आतंक को प्रश्रय देने के तमाम आरोपों और सबूतों के बीच दुनिया में कुछ हद तक अपनी उदारवादी छवि गढ़ने में कामयाब हुए। तरह-तरह के अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंध झेल रहे पाकिस्तान के लिए एक बार फिर विदेशी सहायता और क़र्ज़ के दरवाज़े खुल जाएंगे। भारत को गर्व करने के लिए अरसे बाद आतंक के विरुद्ध देश की एक आक्रामक छवि और अभिनंदन के रूप में अपना नया हीरो मिला। और सबसे बड़ी बात यह कि मंदी की मार झेल रहे अमेरिका और उसके मित्र यूरोपीय देशों के हथियार उद्योग के लिए भारत-पाकिस्तान की भावी सामरिक तैयारियों के मद्देनज़र एक बार संभावनाओं के द्वार खुल गए।

तो पिछले पंद्रह दिनों तक चले इस 'हाई वोल्टेज' ड्रामे का सबक - न मोदी न इमरान, ट्रंप ही शक्तिमान !


-- Dhruv Gupt
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Friday, 1 March 2019

गैर जिम्मेदार मीडिया ------ ध्रुव गुप्त / उमेश चतुर्वेदी

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