Thursday, 11 October 2012

सेफिल साहब काँटों के बीच गुलाब हैं

स्पष्ट रूप से पढ़ने के लिए इमेज पर डबल क्लिक करें (आप उसके बाद भी एक बार और क्लिक द्वारा ज़ूम करके पढ़ सकते हैं )

हिंदुस्तान,लखनऊ,दिनांक 11-10-2012


 संकलन-विजय माथुर, फौर्मैटिंग-यशवन्त माथुर

No comments:

Post a Comment

कुछ अनर्गल टिप्पणियों के प्राप्त होने के कारण इस ब्लॉग पर मोडरेशन सक्षम है.असुविधा के लिए खेद है.