Tuesday, 30 October 2012

मीठे जहर के खिलारी-राज्यसभा की तैयारी



IBN7के प्रतिनिधि (ज्योतिष को मीठा जहर लिखने वाले )और उनकी मन्त्र्दाता,विमान नगर,पूना मे पाँच घंटों के प्रवास मे   गुफ्तगू करते  हुये

कब मैं हिट होउंगी ... और राज्य सभा की सदस्य बनूँगी - आईला




  • आप जल्दी राज्यसभा में पहुंचें,
    मेरी भी शुभकामना है



  •  एक तीसरे ब्लाग पर पाखंड विरोधी लेख पर मेरी  टिप्पणी को ठुकराने का आग्रह इन महाशय ने पोस्ट लेखिका से किया था और मैंने इनके कुतर्क पर क्या कहा था एक नज़र उस पर भी---



     ज़ाहिर है कि कारपोरेट चेनल्स के दलाल/कारिंदे नहीं चाहते कि जनता को जागरूक किया जाये और ढोंग-पाखंड-आडंबर का पर्दाफाश करके उनको शोषण व उत्पीड़न से बचाया जाये। अतः अपने आकाओं के व्यापारिक हितों के संरक्षणार्थ ऐसे लोग सच्चाई को बर्दाश्त नहीं करते और उसका भोंडा विरोध करते हैं ।

    इस कारपोरेट दलाल की मन्त्र्दाता और उसकी शिष्य द्वारा  चार-चार जन्मपत्रियाँ निशुल्क विश्लेषण करवाने के बाद जिस प्रकार इस गंग ने 'ज्योतिष' और मेरे ज्ञान पर प्रहार किए उसी कारण 'जनहित मे' नमक ब्लाग को सार्वजनिक रूप से प्रतिबंधित कर रखा है जिसके माध्यम से उपयोगी 'स्तुतियाँ' प्रस्तुत की थीं। यदि ब्लागर्स /फेसबुक साथी इस गैंग  की निंदा करके  उस ब्लाग से सार्वजनिक लाभ उठाना चाहेंगे तो पुनः 'सार्वजनिक' किया जा सकता है। 
    http://janhitme-vijai-mathur.blogspot.in/?zx=a15232c1af410425 

     इसी प्रकार 14-10-2012 को ज्योतिष एक मीठा जहर शीर्षक से जो लेख इन महोदय ने लिखा था उस पर दो पत्रकारों की टिप्पणिया ये हैं---

    1. मुझे लगता है कि हमे उन्ही विषयो पर लिखना या टिपण्णी करनी चाहिये जिसके बारे मे कुछ समझ रखते हो। ज्योतिष सही है या गलत इस संबंध मे आपने किसी ज्योतिषी की राय नही ली कि आखिर आधार क्या है योटिश का। बेहतर होता आप राय लेकर के उसे तर्को के सहारे कातते । रह गई ग्रह नक्षत्रो की बाद तो ज्वार भाटा के आने का कारण चंद्र्मा की स्थिति मे परिवर्तन है। इन गर्हो के मुमवेंट का असर आदमी के मन और दिमाग पर भी पडता है जिससे बहुत सारे काम और काम करने की क्षमता भी प्रभावित होती है। क्षमा करे , परन्तु आपका यह लेख सतही है।





      1. मदन भाई साहब आप यहां आए स्वागत है।
        आप बताएं फिर तो सबसे पहले मीडिया हाउस को बंद कर दिया जाना चाहिए, क्योंकि हम मेडिकल के बारे में बारे में लिखते है, मैं एमबीबीएस तो है नहीं, रेलवे की इंजीनियरिंग सिस्टम पर हम लिखते हैं हमने इंजीनियरिंग भी नहीं की है। सेना को कवर करने जाते हैं किसी ने सैन्य प्रशिक्षण तो लिया नहीं।

        खैर लेख लिखने के पहले हमने ज्योतिष के बारे में पढने के बाद ही लिखा है। अच्छा होता कि आप लेख में जहां खामियां है उस पर मेरा ध्यान केंद्रित करते।
        फिर भी आपने वक्त दिया ब्लाग पर मैं आभारी हूं..
    2. महेंद्र जी, आप सन्दर्भ बिलकुल सही है और शायद हमें इसी तरह के लेख की जरुरत आज के समय में है. लेकिन एक शिकायत जो आप के साथ साथ सभी मीडिया के साथियों से है वो यह की आप कृपया अपने लेख के शीर्षक का ध्यान रखें. ज्योतिष यानि मीठा जहर का अर्थ एक सामान्य मनुष्य को येही आएगा की आप ज्योतिष को को गलत बता रहे हैं. पर आपने इसने नाम पे जो बुराइयाँ उजागर की हैं वो अति सुन्दर है. शेष अति सुन्दर...
    3. महेंद्र जी, आप सन्दर्भ बिलकुल सही है और शायद हमें इसी तरह के लेख की जरुरत आज के समय में है. लेकिन एक शिकायत जो आप के साथ साथ सभी मीडिया के साथियों से है वो यह की आप कृपया अपने लेख के शीर्षक का ध्यान रखें. ज्योतिष यानि मीठा जहर का अर्थ एक सामान्य मनुष्य को येही आएगा की आप ज्योतिष को को गलत बता रहे हैं. पर आपने इसने नाम पे जो बुराइयाँ उजागर की हैं वो अति सुन्दर है. शेष अति सुन्दर...







      1. आप यहां तक आए, यही काफी है।
        बाकी आप मीडिया के बारे में कितना जानते हैं, मुझे नहीं पता।


     http://krantiswar.blogspot.in/2012/04/blog-post_19.html

    इस लिंक पर मेरा लेख ---'

    बृहस्पतिवार, 19 अप्रैल 2012


    रेखा -राजनीति मे आने की सम्भावना





    और इत्तिफ़ाक से 26 अप्रैल 2012 को राष्ट्रपति महोदया प्रतिभा पाटील जी ने 'रेखा जी' को अन्य दो के साथ 'राज्यसभा' मे मनोनीत कर दिया। मेरा ज्योतिषीय विश्लेषण एक सप्ताह मे सही सिद्ध होने पर अब ज्योतिष को 'मीठा जहर'  बताने वाले कारपोरेट चेनल IBN7 के प्रतिनिधि ने अगले ही दिन 27 अप्रैल को इसकी आलोचना मे पोस्ट दी जिस पर उपरोक्त प्रथम दो टिप्पणिया उन दोनों की मनोदशा को उजागर करने हेतु पर्याप्त हैं।

    ज्योतिष को मीठा जहर बताने पर जहां चापलूसों की फौज ने उन दोनों का पुरजोर समर्थन किया वहीं 'बिहार मीडिया'के संचालक और एडवोकेट साहब ने विमत व्यक्त किया जिस पर इस गरूरी ब्लागर ने -''मदन भाई साहब आप यहां आए स्वागत है।
    आप बताएं फिर तो सबसे पहले मीडिया हाउस को बंद कर दिया जाना चाहिए, क्योंकि हम मेडिकल के बारे में बारे में लिखते है, मैं एमबीबीएस तो है नहीं, रेलवे की इंजीनियरिंग सिस्टम पर हम लिखते हैं हमने इंजीनियरिंग भी नहीं की है। सेना को कवर करने जाते हैं किसी ने सैन्य प्रशिक्षण तो लिया नहीं।''
    यह लिख कर ज़ाहिर भी कर दिया विषय-विशेष के ज्ञान के बगैर उसकी आलोचना करना उनके जाब का हिस्सा है।

    दूसरे पत्रकार जो 'सहारा समय' चेनल मे कार्य कर चुकने के बाद अब रायपुर,छत्तीसगढ़ मे एक  दैनिक अखबार बतौर सम्पादक निकाल रहे हैं  और उनका समर्थन भी कर रहे हैं,सिर्फ 'शीर्षक' पर आपत्ति थी उनको ,तो इस कारपोरेट दलाल ने यह कह कर लताड़ ही दिया-''


    1. आप यहां तक आए, यही काफी है।
      बाकी आप मीडिया के बारे में कितना जानते हैं, मुझे नहीं पता।''
      कितने मज़े की बात है कि,जिसे कुछ नहीं पता होता है वह कितनी अल्हड्ता से ब्लाग सुविधा का दुरुपयोग करता है। 


    पर्यावरण को शुद्ध रखना और ग्रह नक्षत्रों का शमन करना ज्योतिष विज्ञान सिखाता है.हम ज्योतिष के वैज्ञानिक नियमों का पालन कर के अनूठी दुनिया  का अधिक से अधिक लुत्फ़ उठा सकते हैं.आवश्यकता है सच को सच स्वीकार करने की और अपनी इस धरती को तीन लोक से न्यारी बनाने की. 
    http://krantiswar.blogspot.in/2012/10/blog-post_27.html

    चार-चार जन्म्पत्रियों का विश्लेषण पूना के ब्लागर व उनकी पटना की शिष्य ने निशुल्क प्राप्त करने के बाद जो ज्योतिष विरोधी मुहिम चला रखी है वह कितना वाजिब है?

    इस सम्बंध मे विस्तृत वर्णन दिया जा चुका है---

     मीठा जहर कौन? 

    http://vidrohiswar.blogspot.in/2012/10/blog-post_20.html 



     संकलन-विजय माथुर

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