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रोज़ सुबह घर के सामने कुछ घरों मे लगे फूलों को चुराते लोगों को देखते थे और अनुमान था कि ये पाखंडी फूल चुरा कर ढोंग-पूजा मे चढ़ाते होंगे। परंतु आज के अखबार मे लखनऊ के जिलाधिकारी महोदय की श्रीमती जी के इस लेख से इस अनुमान की पुष्टि हो गई। ---
संकलन-विजय माथुर,
फौर्मैटिंग-यशवन्त माथुर
रोज़ सुबह घर के सामने कुछ घरों मे लगे फूलों को चुराते लोगों को देखते थे और अनुमान था कि ये पाखंडी फूल चुरा कर ढोंग-पूजा मे चढ़ाते होंगे। परंतु आज के अखबार मे लखनऊ के जिलाधिकारी महोदय की श्रीमती जी के इस लेख से इस अनुमान की पुष्टि हो गई। ---
हिंदुस्तान,लखनऊ,19-10-2012 ,पृष्ठ-04 |
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