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डाक्टर राही मासूम रज़ा साहित्य एकेडमी के तत्वावधान में कल दिनांक 02/फरवरी/2013 को प्रदेश के रचनाकारों, लोक कलाकारों,संस्कृति कर्मियों एवं बुद्धिजीवियों ने जी पी ओ पार्क,गांधी प्रतिमा पर अभिव्यक्ति की आज़ादी के समर्थन में धरना दिया। प्रदर्शनकारी हाथों में तख्तियाँ लिए हुए थे;जिन पर लिखा था “अभिव्यक्ति की आज़ादी हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है”, “देश किधर जा रहा है-आपातकाल की ओर”,हम हर कीमत पर अभिव्यक्ति की आज़ादी की रक्षा करेंगे,स्वतंत्र भारत में यह कैसी पाबंदी,सरकारों शर्म करो-शर्म करो इत्यादि।
धरने को संबोधित करते हुए डाक्टर राही मासूम रज़ा साहित्य एकेडमी के महामंत्री श्री राम किशोर ने कहा कि राही मासूम रज़ा ने लिखा है कि जहां भी और जब भी किसी भी प्रकार की सांप्रदायिकता सर उठाए उसका सर हमें कुचल देना चाहिए,बदले में चाहे हम दस चुनाव हार जाएँ परंतु आज राजनैतिक दल सत्ता के लालच में सांप्रदायिकता के आगे घुटने ही नहीं टेक रहे हैं बल्कि उसे आगे बढ़ा रहे हैं। एकेडमी की अध्यक्ष सुश्री वंदना मिश्र ने कहा कि सरकारें कानून व्यवस्था को बनाए रखने की आड़ में जनता की विशेषकर रचनाकारों,संस्कृति कर्मियों एवं बुद्धिजीवियों की आवाज़ को दबाने का निरंतर प्रयास कर रही हैं । जन कलाकार परिषद के साथी महेश चंद देवा ने कहा कि रचनाकारों,कलाकारों और संस्कृति कर्मियों पर जिस प्रकार बन्दिशें लगाई जा रही हैं तथा उनकी अभिव्यक्ति की आज़ादी पर थानेदारी की जा रही है उसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। जन संस्कृति मंच के प्रांतीय उपाध्यक्ष भगवान स्वरूप कटियार ने कहा कि अगर बन्दिशें इसी प्रकार लगती रहीं तो हम लोगों को विप्लवी रुख अख़्तियार करना पड़ेगा। इस अवसर पर जन कलाकार परिषद के श्री सुरेश लहरी ने ‘रुके न जो,झुके न जो,हम वो इंकलाब हैं --------‘, ‘नफस नफस कदम कदम----‘ , ‘अपने हक के खातिर दुनिया से हम को टकराना है ----‘ , ‘आज़ादी ही आज़ादी,बस आज़ादी ही आज़ादी---‘ इत्यादि गीतों से पूरे माहौल को क्रांतिकारी,जुझारू एवं विप्लवी बना दिया। जन संस्कृति मंच के प्रांतीय उपाध्यक्ष भगवान स्वरूप कटियार ने कहा कि अगर बन्दिशें इसी प्रकार लगती रहीं तो हम लोगों को विप्लवी रुख अख़्तियार करना पड़ेगा।
एकेडमी के महामंत्री श्री राम किशोर ने बताया कि बिहार के साहित्यकारों,रचना कर्मियों ने संदेश भेज कर इस धरने के प्रति समर्थन व्यक्त किया है।
धरने मे अन्य लोगों के अलावा नेताजी सुभाष चंद बोस फाउंडेशन के सचिव विजय राज बली माथुर ,ऑल इंडिया वर्कर्स काउंसिल के अध्यक्ष ओ पी सिन्हा, IPTA,उ प्र के मंत्री राकेश,नाट्य कर्मी राजेश कुमार, के के वत्स,महिला परिषद की महामंत्री सुश्री लता राय ,रचनाकर्मी विपिन त्रिपाठी इत्यादि प्रमुख थे।
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धरने के दौरान सिन्हा साहब ने प्रस्ताव रखा कि लखनऊ के स्तर पर हम सब विभिन्न संगठनों को एक सामूहिक मंच बना कर सतत अभियान चलाना चाहिए जिसका इप्टा के राकेश जी ने भी समर्थन कियाऔर उन्होने यह भी कहा कि हमें जन-साधारण तक जा कर उसे यह भी समझाना चाहिए कि ये प्रायास आम जन के ही हितमे हैं। वंदना मिश्रा जी के सुझाव पर इसे मूर्त रूप देने हेतु प्रयास करने के लिए राम किशोर जी को अधिकृत किया गया।
संकलन-विजय माथुर, फौर्मैटिंग-यशवन्त माथुर
ऊपर की पंक्ति मे बाएँ से दायें-एक युवा,अखिलेश सक्सेना,सिन्हा साहब,राम किशोर जी,विजय राजबली माथुर नीचे की पंक्ति मे-सुरेश लहरी,लता राय,कल्पना,वंदना मिश्रा,प्रिया ,महेश देवा |
डाक्टर राही मासूम रज़ा साहित्य एकेडमी के तत्वावधान में कल दिनांक 02/फरवरी/2013 को प्रदेश के रचनाकारों, लोक कलाकारों,संस्कृति कर्मियों एवं बुद्धिजीवियों ने जी पी ओ पार्क,गांधी प्रतिमा पर अभिव्यक्ति की आज़ादी के समर्थन में धरना दिया। प्रदर्शनकारी हाथों में तख्तियाँ लिए हुए थे;जिन पर लिखा था “अभिव्यक्ति की आज़ादी हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है”, “देश किधर जा रहा है-आपातकाल की ओर”,हम हर कीमत पर अभिव्यक्ति की आज़ादी की रक्षा करेंगे,स्वतंत्र भारत में यह कैसी पाबंदी,सरकारों शर्म करो-शर्म करो इत्यादि।
धरने को संबोधित करते हुए डाक्टर राही मासूम रज़ा साहित्य एकेडमी के महामंत्री श्री राम किशोर ने कहा कि राही मासूम रज़ा ने लिखा है कि जहां भी और जब भी किसी भी प्रकार की सांप्रदायिकता सर उठाए उसका सर हमें कुचल देना चाहिए,बदले में चाहे हम दस चुनाव हार जाएँ परंतु आज राजनैतिक दल सत्ता के लालच में सांप्रदायिकता के आगे घुटने ही नहीं टेक रहे हैं बल्कि उसे आगे बढ़ा रहे हैं। एकेडमी की अध्यक्ष सुश्री वंदना मिश्र ने कहा कि सरकारें कानून व्यवस्था को बनाए रखने की आड़ में जनता की विशेषकर रचनाकारों,संस्कृति कर्मियों एवं बुद्धिजीवियों की आवाज़ को दबाने का निरंतर प्रयास कर रही हैं । जन कलाकार परिषद के साथी महेश चंद देवा ने कहा कि रचनाकारों,कलाकारों और संस्कृति कर्मियों पर जिस प्रकार बन्दिशें लगाई जा रही हैं तथा उनकी अभिव्यक्ति की आज़ादी पर थानेदारी की जा रही है उसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। जन संस्कृति मंच के प्रांतीय उपाध्यक्ष भगवान स्वरूप कटियार ने कहा कि अगर बन्दिशें इसी प्रकार लगती रहीं तो हम लोगों को विप्लवी रुख अख़्तियार करना पड़ेगा। इस अवसर पर जन कलाकार परिषद के श्री सुरेश लहरी ने ‘रुके न जो,झुके न जो,हम वो इंकलाब हैं --------‘, ‘नफस नफस कदम कदम----‘ , ‘अपने हक के खातिर दुनिया से हम को टकराना है ----‘ , ‘आज़ादी ही आज़ादी,बस आज़ादी ही आज़ादी---‘ इत्यादि गीतों से पूरे माहौल को क्रांतिकारी,जुझारू एवं विप्लवी बना दिया। जन संस्कृति मंच के प्रांतीय उपाध्यक्ष भगवान स्वरूप कटियार ने कहा कि अगर बन्दिशें इसी प्रकार लगती रहीं तो हम लोगों को विप्लवी रुख अख़्तियार करना पड़ेगा।
एकेडमी के महामंत्री श्री राम किशोर ने बताया कि बिहार के साहित्यकारों,रचना कर्मियों ने संदेश भेज कर इस धरने के प्रति समर्थन व्यक्त किया है।
धरने मे अन्य लोगों के अलावा नेताजी सुभाष चंद बोस फाउंडेशन के सचिव विजय राज बली माथुर ,ऑल इंडिया वर्कर्स काउंसिल के अध्यक्ष ओ पी सिन्हा, IPTA,उ प्र के मंत्री राकेश,नाट्य कर्मी राजेश कुमार, के के वत्स,महिला परिषद की महामंत्री सुश्री लता राय ,रचनाकर्मी विपिन त्रिपाठी इत्यादि प्रमुख थे।
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धरने के दौरान सिन्हा साहब ने प्रस्ताव रखा कि लखनऊ के स्तर पर हम सब विभिन्न संगठनों को एक सामूहिक मंच बना कर सतत अभियान चलाना चाहिए जिसका इप्टा के राकेश जी ने भी समर्थन कियाऔर उन्होने यह भी कहा कि हमें जन-साधारण तक जा कर उसे यह भी समझाना चाहिए कि ये प्रायास आम जन के ही हितमे हैं। वंदना मिश्रा जी के सुझाव पर इसे मूर्त रूप देने हेतु प्रयास करने के लिए राम किशोर जी को अधिकृत किया गया।
संकलन-विजय माथुर, फौर्मैटिंग-यशवन्त माथुर
फेसबुक पर प्राप्त टिप्पणी--
ReplyDeleteAnita Rathi---" Good initiative, aaj ke samay mein iska bahot mahatva hai, aise to wahi baat ho jay.......... ki sahi bhi na jaye ...to .... kahi bhi na jaye... sahe atyachar to .... apni antaraatma ke gunahgaar , aur kahe to Sarkari tantra ke gunahgar........"
फेसबुक 'जनहित'ग्रुप मे प्राप्त टिप्पणी---
ReplyDeleteNarendra Parihar ---"badhai ek achhe upkram ki jankari va aapke pradarashon me shamil hone ke liye "