Monday, 28 January 2013

'इंसाफ' सम्मेलन

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 हिंदुस्तान,लखनऊ,दिनांक 28 जनवरी 2013 ,पृष्ठ -10 पर प्रकाशित यह समाचार काबिले गौर है-
 (वस्तुतः ऐसा  है नहीं जो छापा गया है;इसके पीछे के छिपे रहस्य को समझने के लिए इस लेख का सूक्ष्म अध्यन वांछित है)---





कल दिनांक 27 जनवरी 2013 को बाराबंकी के गांधी भवन मे सम्पन्न 'तंजीम-ए-इंसाफ' के मंडलीय सम्मेलन मे बोलते हुये भाकपा,उत्तर प्रदेश के सचिव डॉ गिरीश ने कहा था कि,फैजाबाद मे हुये सांप्रदायिक दंगे ATS और पुलिस,पी ए सी द्वारा प्रायोजित थे। उन्होने बताया था कि केंद्र की यू पी ए सरकार गुजरात के मोदी को वहाँ जिताने के बाद उसका हौवा दिखा कर 2014 के चुनावों मे मुस्लिम वोट बैंक अपने पीछे खड़ा करना चाहती है ठीक उसी प्रकार यू पी की सपा सरकार भी फैजाबाद आदि ग्यारह स्थानों पर सांप्रदायिक दंगे करवा चुकी है,उद्देश्य मुस्लिमों को भयभीत करके सपा के पीछे लामबंद करना है।डॉ गिरीश ने अपने उद्बोधन मे उदाहरण देते हुये बताया कि जिस प्रकार 'हनुमान' ने सुरसा का 'वध' करके अपने ध्येय मे सफलता प्राप्त की थी उसी प्रकार आज 'इंसाफ' को भी बामपंथी शक्तियों के सहयोग से सांप्रदायिकता और साम्राज्यवाद का वध करने के लिए आगे आ कर 'पूंजीवाद' के विरुद्ध लामबंद होना चाहिए।

डॉ गिरीश के कथन की पुष्टि कल रविवार को ही फैजाबाद मे पूर्व सी एम पंडित नारायण दत्त तिवारी द्वारा गुजरात के मोदी की प्रशंसा करने से हो जाती है। श्री तिवारी यहाँ सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के बुलावे पर आए हुये हैं और उनको 2014 मे चुनाव बाद  प्रधानमंत्री के पद पर देखना चाहते हैं। इससे पूर्व सी एम अखिलेश भी दिल्ली मे मोदी से बड़ी आत्मीयता से मिले थे।

13 मार्च 1977 को आगरा के रामलीला मैदान मे चुनाव सभा को संबोधित करते हुये स्व.हेमवती नन्दन बहुगुणा ने तत्कालीन सी एम तिवारी जी की विशेषता बताते हुये कहा था कि जब वह सी एम थे तब तिवारी जी अपने विभाग के वरिष्ठत्तम मुस्लिम अधिकारी की उपेक्षा करके कनिष्ठ अपने चहेते अधिकारी को विभागीय सचिव बनाने की सिफ़ारिश लाये थे। उनकी सिफ़ारिश स्वीकार करते हुये बहुगुणा जी ने उन वरिष्ठ मुस्लिम अधिकारी को OSD-आफ़ीसर आन स्पेशल ड्यूटी नियुक्त कर दिया था।

उत्तर प्रदेश मे बहुगुणा जी के नेतृत्व मे रह कर मुलायम सिंह जी ने मुस्लिमों मे अपनी पैठ बना ली थी और फिर बहुगुणा जी से अलग हो गए थे। आज तिवारी जी उनके संरक्षक बन गए हैं और मोदी की प्रशंसा के पुल भी बांध रहे हैं । इससे सपा सरकार की आगे की रण-नीति को साफ समझा सकता है।

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के पूर्व राज्यसभा सदस्य कामरेड अज़ीज़ पाशा के नेतृत्व मे 'आल इंडिया तंजीमे इंसाफ' का गठन किया गया है जिसके उत्तर प्रदेश मे संयोजक पूर्व विधायक कामरेड इम्तियाज़ अहमद हैं ।



कामरेड अज़ीज़ पाशा,कामरेड इम्तियाज़ अहमद और डॉ गिरीश के अतिरिक्त इंसाफ सम्मेलन को संबोधित करने वाले अन्य वक्ता गण थे- कामरेड अरविंद राज स्वरूप,डॉ ए ए खान, एडवोकेट शुएब अहमद,मिर्ज़ा साहब और संचालक रण धीर सिंह'सुमन',एडवोकेट आदि। लखनऊ से जिलामंत्री कामरेड मोहम्मद ख़ालिक़ के नेतृत्व मे एक प्रतिनिधि मण्डल बाराबंकी सम्मेलन मे शामिल हुआ जिसके अन्य सदस्य थे-कामरेड ओ पी अवस्थी,पी एन दिवेदी, मोहम्मद अकरम एवं विजय माथुर। 

संकलन-विजय माथुर, फौर्मैटिंग-यशवन्त माथुर

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