साभार : दैनिक हरिभूमि के सम्पादकीय पृष्ठ ४ पर प्रकाशित 'अरविंद विद्रोही' जी का लेख सरकार और जन आकांक्षा दिनांक १२ अगस्त ,१४https://www.facebook.com/photo.php?fbid=728525607183692&set=p.728525607183692&type=1&theater
अखिेलेश यादव जी आप एक असफल, नाकाम अैर बेबस से मुख्यमंत्री हैं, अब समय आ गया है कि नेताजी खुद उप्र की कमान संभालें, उप्र की हकीकत और विकास के वादे कितने खोखले हैं देखना हो ते जरा किसी भी दिन शाम को छह बजे के आसपास दिल्ली में दिलशाद गार्डन से जीटी रोड होते हुए गाजियाबाद की तरुफ आने की योजना बनाएं, जहां दिल्ली की सीमा खतम होती है वहीं से विक्रम आठ सीटर आटो की रेलमपेल, उनसे वसूली करते लंपट किस्म के लोग व दूर खडे मजा लेते पुलिस वाले 100 मीटर आगे बढने के लिए पंद्रह मिनट तक समय लगने पर निर्विकार मिलेगे आगे का रासत छह लेन रोड है लेकिन वहां ट्राफिक केवल एक ही लेन पर चलता है, बाकी पर ट्रकों की पार्किंग होती है जो हर दिन के हिसाब से थाने को पैसा देते हैं, धूल, गर्द, गलत दिशा से आते वाहन व 16 टन लदे ट्रक, मोहन नगर तक का चार किलोमीटर का रास्ता एक घंटे में पार कर लो ताे गनीमत है यह बानगी है, दिल्ली के दरवाजे पर हताश उप्र की व्यवस्थाओं की,कभी अपने किसी भरोसेमंद को शाम को इस सडक पर चला कर देख लें फिर पता चलेगा कि यह उत्तर प्रदेश नहीं मुंलायम सिंह जी का ''पुत्तर प्रदेश'' बन कर रह गया है , यह तो बानगी है इससे जैसे आगे बढेंगे सडक की अराजकता और बढती जाएगी।
*****************************
सातवें भाव (जो सहयोगियों,राजनीतिक साथियों एवं पार्टी नेतृत्व का है )का स्वामी मंगल चतुर्थ भाव (जो लोकप्रियता व मान-सम्मान का है )मे सूर्य की राशि मे स्थित है । यह स्थिति शत्रु बढ़ाने वाली है इसी के साथ-साथ सातवें भाव मे मंगल की राशि मे 'राहू' स्थित है जो कलह के योग उत्पन्न कर रहा है।ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार के मध्य काल तक पार्टी मे अंदरूनी कलह-क्लेश और टकराव बढ़ जाएँगे। ये परिस्थितियाँ पार्टी को दो-फाड़ करने और सरकार गिराने तक भी जा सकती हैं। निश्चय ही विरोधी दल तो ऐसा ही चाहेंगे भी।*****
http://krantiswar.blogspot.in/2012/03/blog-post_16.html
संकलन-विजय माथुर, फौर्मैटिंग-यशवन्त यश
No comments:
Post a Comment
कुछ अनर्गल टिप्पणियों के प्राप्त होने के कारण इस ब्लॉग पर मोडरेशन सक्षम है.असुविधा के लिए खेद है.