Friday 6 October 2017

जनता दीदउ के झांसे में न फंसे ------

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प्रोफेसर बलराज मधोक  ( DAV कालेज , जम्मू )  द्वारा आर एस एस की दीक्षा में दी जाने वाली दक्षिणा को प्रश्नांकित करने के कारण जब  हटाया गया तब पंडित दीन दयाल उपाध्याय को जनसंघ का अध्यक्ष बनाया गया था। विचारधारा के बारे में उपरोक्त वीडियोज़ में विस्तृत चर्चा है। परंतु वह निर्विवाद रूप से एक ईमानदार व सादगी पसंद व्यक्ति थे। लेकिन 1967 में बनी संविद ( ULP ) सरकारों में शामिल जनसंघी मंत्री भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे हुये थे। उनके संबंध में एक जांच रिपोर्ट लेकर उस पर विचार करने हेतु जब वह 1968 में  रेल यात्रा कर रहे थे ऐसे भ्रष्ट मंत्रियों की योजना के अंतर्गत उनकी हत्या कर मुगल सराय के रेलवे यार्ड में फेंक दिया गया था और  42 वर्षीय अटल बिहारी बाजपेयी को उनके स्थान पर नियुक्त कर दिया गया था। 
अब जब उत्तर प्रदेश और केंद्र दोनों जगह भाजपा ( पूर्ववर्ती जनसंघ ) की  पूर्ण बहुमत की सरकारें हैं उनकी जघन्य हत्याकांड की जांच करके दोषियों को दंड देने के बजाए उनको महिमामंडित करने के सरकारी उपाय किए जा रहे हैं जिसके लिए सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ - साथ सरकारी कोष ( जनता से वसूले गए कर ) का भी दुरुपयोग किया जा रहा है। न ही विपक्षी दल जनता को जागरूक कर रहे हैं और न ही खुद कोई आवाज़ उठा रहे हैं। प्रबुद्ध नागरिकों का कर्तव्य है कि, वे शासन - सत्ता के इस आलोकतांत्रिक दुरुपयोग के विरुद्ध आवाज़ उठाएँ। महिमामंडन करने के बजाए उनकी हत्या की जांच कर आज  50 वर्ष बाद जीवित बचे अपराधियों को कडा दंड दिया जाये। 





  संकलन-विजय माथुर, फौर्मैटिंग-यशवन्त यश

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