Friday 23 December 2011

संसद से ऊपर न हो लोकपाल

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हिंदुस्तान -22/12/2011
अफसोसनाक ढंग से अन्ना-केजरीवाल-बेदी एंड कंपनी 'जन लोकपाल' नामक सर्वाधिक भ्रष्ट तंत्र स्थापित करके भारतीय संसद को पंगु बनाना चाहते हैं। उतना ही अफसोसनाक है इस टीम के विरुद्ध जो लगातार राष्ट्रीय ध्वज का भी अपमान किए जा रही है मनमोहन सरकार द्वारा अभी तक कोई कारवाई न किया जाना। सर्वाधिक अफसोसनाक तथ्य यह है कि पढे-लिखे लोग भी इस साजिश को न समझ कर अंधे होकर अन्ना के पीछे भाग रहे हैं। कारपोरेट घरोनो के भ्रष्टाचार और उत्पीड़न-अत्याचार को छिपाने का हेतु है यह अन्ना आंदोलन जो संसदीय लोकतन्त्र को ध्वस्त करके अर्द्ध सैनिक तानाशाही स्थापित करने की कवायद से ज्यादा कुछ नाही है।

प्रत्येक राष्ट्र भक्त भारतीय का कर्तव्य है कि अन्ना टीम की कतुतम भर्त्सना करे।


संकलन-विजय माथुर, फौर्मैटिंग-यशवन्त माथुर

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