Thursday 29 December 2011

अमरीका मे अन्ना -बढ़त और घटत

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हिंदुस्तान लखनऊ-12/12/2011 पेज -14

अमेरिका की शुरू से ही यह नीति रही है कि वह विभिन्न देशों के अंदरूनी मामलों मे दखलंदाजी करता है और कामयाबी हासिल करने की कोशिश करता है। संजय गांधी की विमान दुर्घटना मे मृत्यु के बाद उनकी विधवा मानेका गांधी को तब की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के विरुद्ध अमेरिकी सहयोग था और भाजपा उपाध्यक्षा विजय राजे सिंधिया का भी। किन्तु जनता ने मानेका गांधी का साथ नहीं दिया।

बाद मे कांशी राम पर भी अमेरिका ने दांव चला था वह भी विफल गया।

अभी हाल मे अन्ना हज़ारे को भी अमेरिका ने खूब उछाला किन्तु जनता का उन्हे समर्थन न मिल सका। NGOs तथा कार्पोरेटी  भीड़ जनता नहीं होती है (दुखद बात है कि एक अवकाश प्राप्त पत्रकार इसी भीड़ को जनता बताते नहीं थक रहे हैं) यह बात अब अमेरिका भी समझ गया है तभी तो अब CIA ने अपनी रिपोर्ट मे अन्ना को RSS,हुर्रियत के समक्ष तौला है-

http://www.bhaskar.com/article/INT-anna-hazare-makes-into-cias-factbook-2685985.html


 संकलन-विजय माथुर, फौर्मैटिंग-यशवन्त माथुर

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