Tuesday, 27 December 2011

हाथ कंगन को आरसी क्या?पढे-लिखे को फारसी क्या?

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2712/2011-Hindustan 

आज हमारे देश के पढे-लिखे लोग पूरी तरह से दिग्भ्रमित हैं उन्हें 'देश-हित','जन-हित' की बिलकुल भी परवाह नहीं रह गई है। विदेशी षड्यंत्र का शिकार होकर अपने 'संसदीय-लोकतन्त्र' को नष्ट करने हेतु अन्ना के पीछे पागलों की भांति दौड़ रहे हैं। स्कैन मे आखिरी अनुच्छेद मे व्यक्त शब्दों पर अधिक ध्यान दें और इस लेख को भी पढ़ने का कष्ट करें-

http://krantiswar.blogspot.com/2011/12/blog-post_27.html







 संकलन-विजय माथुर, फौर्मैटिंग-यशवन्त माथुर

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