Monday, 17 December 2012

हार्ट/डायबिटीज़ उपचार---विजय राजबली माथुर

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हिंदुस्तान,लखनऊ,28-11-2012


 आधुनिक चिकित्सा विज्ञान-एलोपेथी  पर नाज़ करने वाले उपरोक्त समाचार पर क्या प्रतिकृया देंगे?

आइये हम आपको सरल उपचार बताते हैं जो पूर्ण रूप से निरापद हैं। ---

हार्ट संबंधी रोगों से बचाव एवं हृदय की मजबूती के लिए भोजन करने के तुरंत बाद सबसे पहले 'मूत्र विसर्जन' करना चाहिए उसके कम से कम आधा घंटे बाद ही जल ग्रहण करना चाहिए।
यदि हार्ट रोगी पहले से हैं तो 'अर्जुनारिष्ट' दो-दो चम्मच दोनों वक्त भोजनोपरांत जल मिला कर सेवन करें। ज़्यादा पुरानी तकलीफ है तो 'मृग शृंग भस्म' को शहद के साथ सेवन करें।

लो ब्लड प्रेशर,हाई ब्लड प्रेशर,हार्ट,दमा,मानसिक चिंताओं के निवारण हेतु इस मंत्र का प्रयोग 9,18,27 या 108 बार आवश्यकतानुसार पश्चिम दिशा मे मुंह कर धरती से इंसुलेशन बना कर अर्थात ऊनी शाल/कंबल/लकड़ी का तख़्ता या पोलीथीन शीट पर बैठें। ---

ॐ भू :ॐ भुवा: ॐ स्व :ॐ तत्सवितुर्वरेण्यम भर्गो देवस्य धीमहि। ॐ धियों यो न : प्रचोदयात। ।

यदि एलोपेथी दवाओं के सेवन से डायबिटीज़ के शिकार हो गए हैं या अन्य किसी कारण से तब उपरोक्त मंत्र मे इस प्रयोग को करें---

ॐ .... भू :....... भुवा: ........    स्व :....  तत्सवितुर्वरेण्यम भर्गो देवस्य धीमहि। .....  धियों यो न : प्रचोदयात। ।

खाली स्थानो पर तालिया बजाएँ-3,9,18,27,108 के क्रम मे जैसी आवासयकता हो उतनी-उतनी तालियाँ खाली स्थान पर बजाएँ।
इन उपचारों से किसी प्रकार की हानि या रिएक्शन नहीं होगा।





 संकलन-विजय माथुर, फौर्मैटिंग-यशवन्त माथुर

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