Monday, 30 January 2017

बापू जन जन के हृदय में आज भी जीवित हैं ------ रजनीश कुमार श्रीवास्तव









#बापू का पुण्यतिथि पर नमन#
(2 अक्टूबर 1869 जन्म-- 30 जनवरी 1948 देहावसान)
राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की हत्या पर लार्ड माउंट बेटन की प्रतिक्रिया, " ब्रिटिश हुकूमत अपने काल पर्यन्त कलंक से बच गयी।आपकी(गाँधी) हत्या आपके देश,आपके राज्य,आपके लोगों ने की है।"......"यदि इतिहास आपका निष्पक्ष मूल्यांकन कर सका तो वो आपको ईसा और बुद्ध की कोटि में रखेगा।कोई कौम इतना कृत्ध्न और खुदगर्ज कैसे हो सकती है? जो अपने पिता तुल्य मार्गदर्शक और स्वतन्त्रता के अथक सेनानी की छाती छलनी कर दे।ये तो नृशंस बर्बर नरभक्षी कबीलों में भी नहीं होता है और उस पर निर्लज्जता ये कि हमें इस कृत्य का अफसोस तक नहीं।"
रोमां रोलां का कथन है कि ,"महात्मा गाँधी वो शख्सियत थे, जिन्होंने तीस करोड़ भारतीयों को जगा दिया,कँपा दिया ब्रिटिश साम्राज्य को और आरम्भ किया मानव राजनीति का एक ऐसा सशक्त आन्दोलन,जिसकी तुलना लगभग दो हजार वर्षों के इतिहास में नहीं है।"
मार्टिन लूथर किंग ने कहा था कि,"ईसामसीह ने हमें विचार दिए,लेकिन गाँधी जी ने उन्हें क्रियान्वित करने का मार्ग दिखाया।" 
संयुक्त राज्य अमेरिका के तत्कालीन सेकेट्री ऑफ स्टेट सर जान मार्शल ने कहा था कि,"महात्मा गाँधी सारी मानव जाति की अन्तरात्मा की आवाज थे।"
सर स्टैफर्ड क्रिप्स ने कहा था कि,"मैं किसी काल के और वास्तव में आधुनिक इतिहास के ऐसे किसी दूसरे व्यक्ति को नहीं जानता,जिसने भौतिक वस्तुओं पर आत्मा की शक्ति को इतने जोरदार और विश्वासपूर्ण तरीके से सिद्ध किया हो।"
लार्ड माउन्ट बेटेन ने कहा था कि,"यदि इतिहास महात्मा गाँधी का निष्पक्ष मुल्याँकन कर सका तो वे आपको ईसा और बुद्ध की कोटि में रखेगा।"
जिसे गुरूदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर ने "महात्मा" की उपाधि से विभूषित किया, जिसे लार्ड माउन्ट बेटेन ने "वन मैन आर्मी की उपाधि दी", जिसे सुभाषचंद्र बोस ने "राष्ट्रपिता" की उपाधि से नवाजा, जिसे समूचे भारत की जनता ने प्यार से "बापू" कह कर आत्मीयता दर्शाई, जिसके लिये राष्ट्रकवि मैथलीशरण गुप्त ने लिखा,"तुम बोल उठे युग बोल उठा", जिसके लिये अल्बर्ट आइन्सटिन ने कहा कि,"आने वाली पीढ़ियाँ ये विश्वास नहीं कर सकेंगी कि ऐसा हाड़ माँस का निःस्वार्थ मानव अंहिसा एवं मानवता का पुजारी इस पृथ्वी पर अवतरित हुआ था।" ऐसे भारत की आजादी के एक सम्पूर्ण महाकाव्य और अथक स्वतंत्रतता सेनानी महात्मा गाँधी की पुण्यतिथि पर उनका शत शत नमन।
"आप चले गये इस धरती से विचार आपका जीवित है
नफरत की भीषण आँधी में भी विश्वास आपका जीवित है।"
#शरीर मरता है विचारधारा नहीं#
# बापू जन जन के हृदय में आज भी जीवित हैं।#

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