प्रीति कुसुम
1 hr ( 14-06-2019 )
ये पोस्ट दो साल पहले लिखी थी अब तक हमारी सरकार इस ओर दुगुनी तेज़ी से क़दम बढ़ा चुकी है।
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मिडल क्लास से लेकर हाइअर क्लास को privatisation का समर्थन करते देखा है। ये लोग समझते हैं की इससे सरकारी ढिल-ढुल रवैये से निजात मिलेगी, सब कुछ पर्फ़ेक्ट होगा। ये मानसिकता स्वतः नही उपजी है बल्कि बनाई गई है, और अब आप ट्रैप में हैं।
अमेरिका के एक स्टेट California में लगातार पिछले कई सालों की रिपोर्ट ये बताती है की वहाँ "सूखे" की वजह से पानी की भारी क़िल्लत का सामना करना पड़ रहा। बहुत सी जगहों पर लोग पीने का पानी ख़रीदते हैं और नहाने के लिए उन्हें दूर टाउंज़ में जाना पड़ता है 5 डॉलर प्रति व्यक्ति। पानी टैंक में एकत्र करके उन्हें रेसायकल करते हैं जैसे हाथ धुले हुए पानी से बर्तन धोते हैं फिर उस बर्तन धुले पानी को पौधों में डालने के लिए इस्तेमाल करते हैं। लेकिन आपको ये जानकर हैरानी होगी की उसी California में हर साल बादाम, ऑलिव्स,संतरे आदि की सफल खेती हर साल नए रेकर्ड बना रही है! आख़िर कैसे? खेती के लिए भी तो पानी चाहिए। मतलब सूखे वाली रिपोर्ट छलावा है।
Kern नदी से California के बेकर्ज़्फ़ील्ड सिटी में पानी वितरित करने के लिए एक डिपार्टमेंट है "बेकर्ज़्फ़ील्ड डिपार्टमेंट ऑफ़ वॉटर रीसोर्स", लेकिन ये डिपार्टमेंट "पैरमाउंट फ़ार्मिंग कम्पनी" के अधीन है, मतलब प्राइवट कम्पनी के हाथ में है जो फ़ार्मिंग का बिज़्नेस करते हैं। पैरमाउंट कम्पनी California के नामी बिज़्निस्मन स्टूअर्ट और उनकी पत्नी लिंडा रिस्निक की "द वंडर्फ़ुल कम्पनी" की एक इकाई है। इन्हें आप California के अम्बानी-अडानी कह सकते हैं। इनका बॉटल्ड वॉटर का भी बिज़्नेस है।अब आपको खेल थोड़ा समझ आ रहा होगा।उद्योगपतियों के संसाधन पर क़ब्ज़ा होने की वजह से यहाँ की जनता जोकि टैक्स पेअर है वो पानी ख़रीद के पी रही और नहाने के लिए भी पैसे चुका रही।
पानी पैसा है और पैसा पॉवर है।इसलिए बिज़्नेसमायंडेड लोगों ने पहले बंजर ज़मीन थोक के भाव ख़रीदी फिर सरकारी विभाग जो की California के अधीन होना चाहिए था को ख़रीदा, फिर जो पानी लोगों के घर जाना चाहिए था वो इनके फ़ार्मिंग कम्पनीज़ की खेती में उपयोग हो रहा है। अंडर ग्राउंड वॉटर को सक करके सिर्फ़ खेती के लिए उपयोग किया जा रहा जबकि लोगों के घर में लगे नलों में पीने लायक पानी नहीं।लगातार अंडर ग्राउंड वॉटर को भारी मात्रा में निकाले जाने की वजह से वहाँ की ज़मीन अब तेज़ी से धँसना शुरू हो गई है।एक बादाम उगाने में तक़रीबन 3 से 3.5 ली. पानी लगता है और ये धड़ल्ले से लगाया जा रहा California Almonds इक्स्पॉर्ट करने के लिए! क्या पीने के पानी से ज़्यादा ज़रूरी बादाम उगाना है वो भी बाहर भेजने के लिए!इसे ऐसे समझिए की आपके घर के नल में जो पानी आ रहा उसे कोई आकर रोक ले,1 लीटर बॉटल में भर ले और कहे की 25 रुपए निकालो!!
हमारी सरकारें अमेरिका से बहुत प्रभावित हैं वो तो विकसित होने के बाद ये सब कर रहा हम बिना विकसित हुए तेज़ी से उस ओर अग्रसर हैं। बिना प्राइवट हुए सरकार कहती है की हमारा ही पैसा बैंकों से निकालने के लिए हमें चार्ज देना पड़ेगा। कैश मत निकालो तो कार्ड से पे करने पर भी चार्ज देना पड़ेगा!!
अगर रेल्वे आदि का जो निजीकरण तेज़ी से हो रहा उसे नहीं रोका गया तो बहुत जल्दी हम इससे भी बदतर हालत में होंगे।
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