Jaya Singh
केरल की दलित मजदूर की बेटी राम्या हरिदास के बाद जिस महिला के संसद पहुँचने पर गर्व हो रहा है वे हैं कल चर्चा में आईं तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा।कल उन्होंने मोदी सरकार का संसद में खाल उधेड़कर रख दिया। उन्होंने जब बोलना शुरू किया तो बीजेपी के सैकड़ों सांसद सिर झुकाकर सुनते रहे जैसे एक जज अपराधी को सजा सुनाते हैं,और अपराधी कटघरे में चुप खड़ा रहता है।जेपी मॉर्गन में काम कर चुकीं बैंकर महुआ मोइत्रा न्यूयॉर्क में अपनी शान-ओ-शौकत भरी जिंदगी को छोड़कर राजनीति में आईं. पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर से TMC के टिकट पर उन्होंने 2019 का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की.उन्होंने देश में फांसीवाद का संकेत देते हुए 7 मुद्दों पर देश को झकझोर दिया।ये मुद्दे सभी को दिख रहे थे,लेकिन जिस नज़र से महुआ मोइत्रा ने देखा और अपने पहले ही संबोधन में अपनी बात रखी काबिलेतारीफ है।
पहला, देश में लोगों को अलग करने के लिए उन्मादी राष्ट्रवाद फैलाया जा रहा है. दशकों से देश में रह रहे लोगों को अपनी नागरिकता का सबूत देने को कहा जा रहा है.
उन्होंने प्रधानमंत्री और सरकार के कुछ मंत्रियों पर चुटकी लेते हुए कहा कि जहां सरकार के मंत्री ये तक नहीं दिखा पा रहे हैं कि उन्होंने किस कॉलेज या यूनीवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया है वहां सरकार ग़रीब लोगों से नागरिकता के सबूत देने को कह रही है.
दूसरा, सरकार के हर स्तर में मानवाधिकारों के ख़िलाफ़ घृणा पनपती जा रही है. दिन दहाड़े भीड़ के द्वारा की जा रही लिंचिंग पर चुप्पी है.
तीसरा, मीडिया पर नकेल कसी जा रही है. देश की सबसे बड़ी पांच मीडिया कंपनियों पर या तो सीधा या अप्रत्यक्ष तरीक़े से एक व्यक्ति का नियंत्रण है. फ़ेक न्यूज़ के ज़रिए लोगों को दिगभ्रमित किया जा रहा है.
चौथा, राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर दुशमन ढूंढे जा रहे हैं. जबकि पिछले पांच सालों में कश्मीर में सेना के जवानों की मौत में 106 फ़ीसदी का इज़ाफ़ा हुआ है.
पांचवा, सरकार और धर्म आपस में मिल गए हैं. 'नेशनल रेजिस्टर ऑफ़ सिटिज़न्स' और 'सिटिज़नशिप अमेंडमेंट बिल' के ज़रिए ये सुनिश्चित किया जा रहा है कि एक ही समुदाय को इस देश में रहने का हक़ रहे.
छठा, बुद्धीजीवियों और कला की उपेक्षा की जा रही है और असहमति की आवाज़ों को दबाया जा रहा है. और सातवां, चुनाव प्रक्रिया की स्वायत्ता कम हो रही है.
संसद में यदि आतंकी प्रज्ञा ठाकुर जैसे महिला पहुंची है तो महुआ मोइत्रा ,राम्या हरिदास,चंद्राणी मुर्मू जैसे भी महिला पहुंची है,जो अकेले विपक्ष की भूमिका निभाने में सक्षम है।हमें इन्हें साथ देना होगा।
(बीबीसी से कुछ अंश लिए गए हैं)
Vikram Singh Chauhan
https://www.facebook.com/permalink.php?story_fbid=698595650579919&id=100012884707896
Dainik Jagran
Published on Jun 27, 2019
महुआ मोइत्रा को टीएमसी में 9 साल हो गए... 2019 के चुनाव में ममता बनर्जी ने उन्हें कृष्णानगर से चुनावी मैदान में उतारा. ये पहली बार था, जब वे लोकसभा का चुनाव लड़ रही थीं. उनके सामने बीजेपी की चुनौती थी. बंगाल में बीजेपी एक मजबूत राजनीतिक ताकत बनकर उभरी हैं. लेकिन महुआ मोइत्रा ने ममता बनर्जी के विश्वास को टूटने नहीं दिया. 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने कृष्णानगर सीट से बीजेपी के कल्याण चौबे को 63 हजार से ज्यादा वोटों से हराया और संसद पहुंचीं... 25 जून को संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर महुआ का भाषण... उनके व्यक्तित्व, उनकी सोच और राजनीति का रिफ्लेक्शन है :
संकलन-विजय माथुर, फौर्मैटिंग-यशवन्त यश
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कौन हैं MP महुआ मोइत्रा, जो संसद में 10 मिनट का भाषण देकर छा गईं ?
क्विंट हिंदी
तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर पहली बार सांसद चुनी गईं महुआ मोइत्रा ने मंगलवार को लोकसभा में धुआंधार भाषण दिया. महुआ ने अपने 10 मिनट के भाषण से लोगों के जेहन पर अपनी छाप छोड़ दी. वे जेपी मॉर्गन में काम कर चुकी हैं और बैंकिंग के क्षेत्र में उन्हें महारत हासिल है.
लोकसभा में महुआ मोइत्रा ने हिंदी के कवि रामधारी सिंह दिनकर, उर्दू के शायर राहत इंदौरी और आजादी की लड़ाई लड़ने वाले सेनानी मौलाना आजाद का जिक्र करते हुए जो भाषण दिया, बीजेपी को जिस तरह घेरा, उसकी खूब चर्चा हो रही है.
दिनकर का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि ‘मतभेद इस देश का राष्ट्रीय चरित्र है. इसे खत्म नहीं किया जा सकता’
एनआरसी, बेरोजगारी, फेक न्यूज, मीडिया की स्वतंत्रता, किसान, राष्ट्रवाद समेत तमाम मुद्दों पर उन्होंने अपने तथ्यों और तर्कों से बीजेपी सरकार की जमकर आलोचना की.
2019 लोकसभा चुनाव के बारे में महुआ मोइत्रा ने कहा कि ये पूरा चुनाव वॉट्सऐप और फेक न्यूज पर लड़ गया. उन्होंने 7 बिंदुओं के जरिए बताने की कोशिश की कि कैसे बीजेपी सरकार का रवैया 'तानाशाही' है.
1 ---मजबूत और कट्टर राष्ट्रवाद से देश के सामाजिक ताने-बाने को आधात पहुंचा है. इस तरह के राष्ट्रवाद का नजरिया काफी संकीर्ण और डराने वाला है.
2 --- देश में मानव अधिकारों के हनन की कई घटनाएं घट चुकी हैं. सरकार के हर स्तर पर मानव अधिकारों का हनन हो रहा है. देश में ऐसा माहौल बनाया गया है जिसमें नफरत के आधार पर हिंसा की घटनाएं बढ़ रही हैं.
3 --- महुआ ने संसद में मीडिया के सरकारी नियंत्रण पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि मीडिया को उस हद तक नियंत्रित किए जाने की कोशिशें हो रही हैं जितना सोचा भी नहीं जा सकता.
4 --- देश में राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर शत्रु खड़ा करने की प्रवृत्ति बढ़ रही है. ‘हर कोई इस बेनामी ‘काले भूत’ से डर रहा है.
5 --- सरकार और धर्म के एक दूसरे से संबंधो पर भी उन्होंने सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि सिटिजन अमेंडमेंट बिल के जरिए एक खास समुदाय के लोगों को निशाना बनाया जा रहा है.
6 --- इस सरकार ने सभी बुद्धिजीवियों और कलाकारों का तिरस्कार किया है. मोदी सरकार ने विरोध को दबाने की सारी कोशिशें की हैं.
7 --- उन्होंने दावा किया 2019 के चुनावों में 60 हजार करोड़ खर्च हुए और सिर्फ एक पार्टी ने इसका 50% फीसदी खर्च किया.
कौन हैं महुआ मोइत्रा?
जेपी मॉर्गन में काम कर चुकीं बैंकर महुआ मोइत्रा न्यूयॉर्क में अपनी शान-ओ-शौकत भरी जिंदगी को छोड़कर राजनीति में आईं. पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर से TMC के टिकट पर उन्होंने 2019 का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. उन्होंने बीजेपी के कल्याण चौबे को करीब 63 हजार वोटों से हराया.
महुआ ने 2008 में पॉलिटिक्स में कदम रखा. उनकी शुरुआत तो कांग्रेस से हुई, लेकिन जल्द ही उनका कांग्रेस से मोह भंग हो गया. मोइत्रा ने 2010 में टीएमसी जॉइन की.
ममता की उम्मीदों पर खरी उतरीं महुआ
टीएमसी की सदस्य बनने के बाद ममता बजर्नी ने उन्हें पहली बार 2016 में करीमपुर से विधानसभा चुनाव लड़ाया और उन्होंने वहां जीत दर्ज की. उनके बैकग्राउंड और लाइफस्टाइल को देखते हुए टीएमसी के कुछ नेताओं का कहना था कि वो बंगाल की जमीनी पॉलिटिक्स के लिए फिट नहीं हैं. लेकिन करीमपुर की जीत ने ऐसे लोगों की बोलती बंद कर दी.
अपने चुनाव क्षेत्र को चमका कर बनाई जगह
करीमपुर से विधायक बनने के बाद महुआ मोइत्रा ने अपने बैंकिंग क्षेत्र से होने का फायदा उठाते हुए क्षेत्र में करीब 150 करोड़ रुपए का निवेश कराया. ममता बनर्जी ने महुआ का काम देखते हुए उन्हें 2019 के लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल की कृष्णा नगर सीट से टिकट दिया.
कई बार बीजेपी ने उन्हें बंगाल में ‘बाहरी’ बताने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने अपने पैतृक संबंधों का हवाला देते हुए कहा कि उन्हें बंगाल में काम करने में कोई दिक्कत नहीं है.
महुआ मोइत्रा सिर्फ पॉलिटिक्स तक सीमित नहीं है. उन्होंने इंटरनेट और सोशल मीडिया पर सरकारी सर्विलांस के खिलाफ याचिका लगाई थी.
https://hindi.thequint.com/news/politics/who-is-mahua-moitra-newly-elected-tmc-mp-profile
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Rajesh Rajesh
June 27 at 6:49 AM ·
महिला सांसद ,महुआ मोइत्रा ,पहली बार चुनी गई सदस्य लोकसभा की ,तूणमूल कांग्रेस के सौजन्य से ,
और अपनी पहली भाषण में ही संसद और सत्ता को झकझोर दिया ..
उन्होंने जो सात सवाल दागे सत्ता से ,
उसका जबाब मोदी सरकार आने वाले पांच सालों में भी न दे पायेगी । यह मेरा दावा है ।
सबसे सटीक और
बेहतरीन तात्कालिक सवाल और ज्वलंत और गंभीर मुद्दों को इस महिला सांसद ने उठाया ।
मित्र पढ़ें लिखे में और गवांर में बहुत अंतर होता हैं ,
इस तरह भी हम-सब गवांरो को ही
सुनने समझने के काबिल है ।
यानि भेड़ बनकर ही रहना चाहते हैं ।
अभी तक,नयी संसद चुनने के बाद ,सभी राजनीतिक दलों के सदस्यों में से किसी एक सदस्य ने भी ऐसा भाषण और आवाज नहीं दी है ,
खुद पीएम का भाषण भी धन्यवाद प्रस्ताव पे एक घिनौना भाषण ही था, जिसमें ,
अहम और कुंठा के साथ ,माखौलिया ,मजाक उपहास साफ झलकती थी ।
बंगाल से कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी की भाषण भी वाहवाही को छोड़कर और कुछ नहीं थी ।
लेकिन इस महिला सांसद ने संविधान,संसद,
लोकतंत्र का वाजिब आइना दिखा दिया ,संसद के पटल पर,
और ऐकला सत्ता की शासन शैली को रौंद डाला ।
बधाई हो
महुआ मोइत्रा को ।
राजेश
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