Friday, 29 June 2012

घर मे नहीं दाने,अम्मा चली भुनाने

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हिंदुस्तान,लखनऊ,29 जून 2012

आज़ादी के 65 वर्ष बाद भी गुलामी की बू नहीं निकली है उसी का जीता जागता उदाहरण है यह दान। देश के गरीब आदिवासी अपने घर ज़मीन से उजाड़े जा रहे हैं उनकी मदद करने की बजाए उनके हिमायतियों को जेलों मे ठूँसा जा रहा है। जिन देशों ने दुनिया को लूटा और जनता का शोषण किया उनकी सहायता मे 'दान' दिया जा रहा है -यह है लोकतान्त्रिक रूप से  साम्राज्यवाद की गुलामी।


 संकलन-विजय माथुर, फौर्मैटिंग-यशवन्त माथुर

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