न्यूयार्क
और वाशिंगटन में तय नीति के अंतर्गत भाजपा में मोदी को आगे बढ़ा कर इन्दिरा
कांग्रेस का मार्ग सुगम किया गया है। 'सांप्रदायिक ध्रुवीकरण'का लाभ
सीधा-सीधा कांग्रेस को मिलेगा और जनता फिर वैसे ही लूटी जाएगी। यही समय है
कि वामपंथियों को आगे आकर संसदीय राजनीति को मजबूत करना चाहिए। वरना तो
'चिड़ियाँ चुग गईं खेत'...ही होगा।
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- Sir, note karen, Bampanthi jab tak desh ki most oppressed classes- Dalit,Minorities and OBCs ko leadership tak nahi pahuchne dete, tab tak kabhi bhi in vargon ka biswas prapt nahi kar sakte. Marx oppressed classes ko leader dekhna chahate the, aap unko follower se aage nahi aane dete hen. Marxvad ko safal banana hai to Ambedkar se kuchh sikhiye. Shoshiton men Ab tak Ambedkar se unche kad ka kabil, samajhdar aur imandaar leader nahi hua.Apni soch me parivartan laiye. Aapki boddhik imandaari ka ye imtahan kaa samaya hai. Kripaya mujhe galat na samjha jaye. Meri sat pratishat bafadari Karl Marx aur desh ke sarvahara ke prati hai, Ismen Mujhe koi shak nahi hai.Is liye likha ki men bhi aapki tarah kranti ko safal dekhna chahate hun.( सर, नोट करें, बामपंथि जब तक देश की मोस्ट अप्रेस्ड क्लासेज - दलित,माइनोरिटीज़ एंड ओ बी सीज़ को लीडरशिप तक नही पहुचने देते, तब तक कभी भी इन वर्गों का विश्वास प्राप्त नही कर सकते। मार्क्स अप्रेस्ड क्लासेज़ को लीडर देखना चाहते थे, आप उनको फॉलोवर से आगे नही आने देते हें। मार्क्स वाद को सफल बनाना है तो अंबेडकर से कुछ सीखिए। शोषितों में अब तक अंबेडकर से उँचे कद का काबिल, समझदार और ईमानदार लीडर नही हुआ। अपनी सोच मे परिवर्तन लाइए. आपकी बोद्धिक ईमानदारी का ये इम्तहान का समय है। कृपया मुझे ग़लत ना समझा जाए। मेरी शत प्रतिशत बफादारी कार्ल मार्क्स और देश के सर्वहारा के प्रति है, इसमें मुझे कोई शक नही है। इस लिए लिखा की में भी आपकी तरह क्रांति को सफल देखना चाहते हूँ। )======================मैं भी बिजेन्द्र सिंह जी के दृष्टिकोण से शतशः सहमत हूँ किन्तु एक नज़र खुद को दलित वर्ग का विद्वान बताने वालों के परस्पर विवाद पर भी नज़र दाल लें:डॉ लालजी निर्मल