Wednesday 17 February 2016

जोजीला दर्रे के नीचे छिपे 'प्लेटिनम' हड़पने हेतु जे एन यू को कश्मीर से जोड़ा गया है

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 http://delhincr.amarujala.com/photo-gallery/lawyers-again-beats-journalists-and-fought-with-each-other-in-patiala-house-court-on-jnu-issue/




आज न्यायालय में  जे एन यू  छात्रसंघ  के अध्यक्ष  पर  पुलिस की मौजूदगी  में जो हमला किया गया  और हिंदुस्तान के इस  सम्पादकीय के अंतिम अनुच्छेद  में  सरकारी हस्तक्षेप को पूरे प्रकरण के लिए जिम्मेदार माना गया है  उसकी पुष्टि  अमर उजाला में प्रकाशित व आन लाईन समाचारों से भी एवं वीडियो से भी होती है। 

फासिस्टों का उद्देश्य अफरा-तफरी मचा कर देश तोड़ना और जोजीला दर्रे के नीचे छिपे 'प्लेटिनम' जो 'यूरेनियम' निर्माण में सहायक होता है को यू एस ए को सौंपना है। अन्यथा गृह मंत्री के स्तर से गैर कानूनी काम न कराया जाता । 
यह सरकार संविधान के अनुच्छेद 370 हटाने की मांग करने वालों की है। यह अनुच्छेद कश्मीर से बाहर के लोगों पर वहाँ ज़मीन खरीदने पर प्रतिबंध लगाता है। यदि इसे हटा दिया जाये तो व्यापारी/उद्योगपति /देशी-विदेशी कारपोरेट घराने वहाँ की ज़मीन हथिया सकेंगे। तब श्रीनगर- कारगिल मार्ग पर 'द्रास' क्षेत्र में 'जोजीला दर्रा ' के नीचे पाया जाने वाला 'प्लेटिनम' खनन करके यू एस ए पहुंचाना सुगम हो जाएगा। प्लेटिनम धातु 'यूरेनियम' के निर्माण में सहायक है जो परमाणु ऊर्जा व बम में प्रयोग किया जा सकता है। यू एस ए इसे हस्तगत करके विश्व दमन का मजबूत हथियार अपने पास रखना चाहता है इसीलिए आज़ादी के तुरंत बाद 'कश्मीर' पर हमला करवाया गया था और इसीलिए 'जनसंघ' ने अपने घोषणा -पत्र में अनुच्छेद हटाने की मांग शामिल की थी। जैसे-तैसे यू एस ए भक्त पूर्व पी एम साहब की मेहरबानी से वर्तमान सरकार सत्तासीन हुई है तब बिना किसी सबूत के कश्मीरी अलगाव वादियों से  कामरेड कन्हैया को जोड़ कर सम्पूर्ण वामपंथ को देश-द्रोही घोषित करके कुचल डालना इस सरकार का ध्येय है। वरना पुलिस तथा खुफिया  एजेंसीज के सबूत न होने की घोषणा के बाद कामरेड कन्हैया को रिहा कर दिया जाता। ऐसा न करके उनको 14 दिनों के लिए जेल भेजा जा रहा है जिससे पूरे देश में विरोध प्रदर्शन हों और उन प्रदर्शनों को झारखंड की भांति हमले करके वामपंथ की शक्ति को क्षीण किया जा सके। लेकिन वामपंथ में बैठे ब्राह्मण व ब्राह्मण वादी भी पूंजीवादी फासिस्टों के नाजायज इरादों को कामयाब करा रहे हैं। अन्यथा निर्दोष कामरेड कन्हैया व कामरेड अमीक पर कोर्ट परिसर में प्राण घातक हमले न होते। 






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