Monday, 25 May 2015

खबरों पर दबाव : पुरानी खबर

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·(02-06-2014)
आज जब हत्या और बलात्कार को लेकर मीडिया और राजनेताओं ने 'पीपली लाईव' का दृश्य  पुनर्प्रस्तुत कर दिया है  तब  बीते दिनों की एक घटना याद आ गयी.बात अगस्त 2007  के शुरुवाती दिनों की है .कथाकार मित्र शिवमूर्ति का फोन आया कि उनके एक सहकर्मी अधिकारी मित्र के प्रतापगढ़ (उ.प्र) जिले के गाँव के नज़दीक एक होनहार  दलित युवक, जिसका इलाहाबाद में बी टेक की पढ़ाई के लिए चयन हो गया था,  की गाँव के ही  दो ब्राह्मण युवकों द्वारा जघन्य ढंग से हत्या कर दी गयी है . और बसपा के ब्राह्मण एम् एल ए एवं अन्य प्रभावशाली लोगों की मदद से मामले को दबाया जा रहा है .संभव  हो तो इसे मीडिया में लाने की कोशिश की जानी चाहिए.  उन दिनों प्रदेश में  मायावती की सरकार थी और 'ब्राह्मण शंख बजायेगा ...' का नारा तेजी से चल रहा था .मैंने एनडीटीवी के अपने रिपोर्टर मित्र कमाल खान को इस बाबत बताया और आग्रह किया कि संभव हो तो इसे कवर करें .उन्होंने अपने स्रोतों द्वारा  इस सम्बन्ध में  पूछताछ की और  तीन चार दिन बाद मुझे बताया कि उन्हें जो सूचना प्रतापगढ़ के स्रोतों द्वारा मिली उसके अनुसार वह दलित युवक चोर था और कुछ प्रेमप्रसंग भी था . मैंने कमाल खान को दो टूक लहजे में बताया कि भले ही आप स्टोरी न कवर करें लेकिन अपने उन स्रोतों पर कतई विश्वास न करें जो इस बेगुनाह युवक को चोर बता रहे हैं .  खैर कमाल खान ने तुरंत प्रतापगढ़ जाने का निर्णय लिया और अगले दिन इसकी अच्छी कवरेज अखिल भारतीय स्तर पर की . फिर स्टार टीवी के उन दिनों के रिपोर्टर पंकज श्रीवास्तव ने भी इसे विस्तृत रूप से कवर किया . लेकिन यह सब महज एक दो दिन का किस्सा होकर रह गया . अंत में हुआ यह कि असली अपराधी जमानत करा कर बाहर हो गए  औरगाँव  के ही कुछ  दलित इस अपराध के मुलजिम के रूप में जेल की चहारदीवारी के पीछे आज भी कैद हैं . उनका 'पीपली  लाईव' होने से रह गया . Tehelka ने 22  अगस्त 2007  के अंक में इस बाबत शिवम् बिज ने  जो विस्तृत खबर लिखी वह यहाँ संग्लन है .


  • Sujit Ghosh घटना अगस्त के शुरु की है । हत्या पासिओं के वस्ति मे हुआ था । पाँच पासिओ के नाम FIR दर्ज हुआ था दो ब्रह्मण छूट्टा घुम रहा था । स्थानिय संगठन और लोग भागा दौड़ी करते रहे पर उन्हे गिरफ्तार नही किया गया । स्थानीय विघायक ब्रह्मण था,बासापा का था । फिर प्लान बना १४ अगस्त को गाँव मे काला झंडा फहराया गया । तबस्सुम इंडियन एक्सप्रेस से गई थी । १५ के सुबह एक्सप्रेस के मुख्य पेज पर खबर छपी । तहलका मच गया शाम को दोनो गिरफ्तार किया गया । दो साल जेल मे रहा फिर जमानत हुई । पिछले साल अदालत की राय मे पाँचो पासिओं को सजा हो गई, दोनो ब्रह्मण सुबुत के अभाव मे छुट गया । अभी फिर अपिल हुआ है । इस प्रकरण में परिवार ने जिस हिम्मत के साथ लड़ा और अन्ततः ब्रह्मणो को नैतिक रुप से हराया और डराया प्रंशसनीय और हिम्मत देने वाली है

  • Virendra Yadav Sujit Ghosh शुक्रिया सुजीत जी , इस अपडेट के लिए .

 संकलन-विजय माथुर, फौर्मैटिंग-यशवन्त यश

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