क्या हमारे वामपँथी मित्र इस पर कुछ जानकारी दे सकते हैँ -
1 - लोकताँत्रिक व्यवस्था की सँसदीय राजनीतिक प्रणाली को स्वीकार कर उसमेँ भागीदार बनने के बाद सर्वहारा वर्ग की सशस्त्र क्राँति के द्वारा व्यवस्था परिवर्तन और सर्वहारा वर्ग की तानाशाही के बारे मैं इस स्थिति मेँ उनकी पार्टी ( पार्टियोँ ) की क्या सोच है ?
2 - भारत मेँ वामपँथी पार्टी ( पार्टियाँ ) किसको सर्वहारा मान रही हैँ और प्रशिक्षित कर हरावल दस्ते के रूप मेँ तैयार कर रही हैँ ??
3 - या क्या वामपँथी पार्टी ( पार्टियोँ ) ने सैद्धाँतिक रूप से यह सुनिश्चित कर लिया है कि लोकताँत्रिक व्यवस्तथा मेँ चुनावोँ के जरिये ही सँसद और विधानसभाओँ मेँ बहुमत हासिल कर ही क्राँति को सँपन्न माना जाएगा और क्या यह माक्र्सवादी - लेनिन वादी क्राँति की अवधारणा के अनुरूप है ???
4 - अँत मेँ एक खास सवाल....भारत मेँ वामपँथी पार्टी ( पार्टियाँ ) इनमेँ से सर्वहारा वर्ग किसे मानती हैँ -
* औद्योगिक मजदूर
* औद्योगिक मजदूर + खेत मजदूर
* किसान ( सँदर्भ चीन मैं माओ के नेतृत्व वाली क्राँति 1949 )
* दलित वर्ग ( खास भारतीय परिप्रेक्ष्य )
वामपँथी मित्र अपनी पार्टी की सोच और नीति के आधार पर जवाब देँ अ-वामपँथी या निवर्तमान वामपँथी मित्र भी टिप्पणी कर सकते है...
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