Friday, 4 September 2015

कन्नड लेखक प्रो कालबुर्गी की हत्या के विरोध में लखनऊ में प्रतिरोध मार्च --- विजय राजबली माथुर

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आज साँय 5.30 बजे परिवर्तन चौक पर एकत्रित साहित्यकार, बुद्धिजीवी,राजनेता,महिला नेता, मजदूर नेता आदि वहाँ से एक जुलूस के रूप में  गांधी प्रतिमा, जी पी ओ , हज़रत गंज पहुंचे। मार्ग में जोशीले गीत गाते व नारे लगाते युवा कार्यकर्ता इस प्रतिरोध मार्च के औचित्य को बताते चल रहे थे। 
30 अगस्त 2015 को कर्नाटक के धारवाड़ शहर में कन्नड लेखक, शिक्षाविद, पूर्व वाईस चांसलर प्रो .एम एम कालबुर्गी की नृशंस हत्या के विरोध में इस मार्च का आयोजन संयुक्त रूप से इप्टा,प्रगतिशील लेखक संघ,जनवादी लेखक संघ,जन संस्कृति मंच,साझी दुनिया,एपवा,कलम विचार मंच,अलग दुनिया,नीपा रंग मंडली ,दस्तक,ए आई पी एफ, पी यू सी एल, राहुल फाउंडेशन, आल इंडिया वर्कर्स काउंसिल,कलम सांस्कृतिक मंच,महिला फ़ेडरेशन, कार्ड, जनवादी महिला समिति,एस एफ आई,जनवादी नौजवान सभा,सी आई टी यू  ने किया था। 

कार्यक्रम का संचालन राकेश जी व अध्यक्षता पूर्व उप कुलपति रूपरेखा वर्मा जी ने की। प्रारम्भ में कुलदीप और उनके साथियों ने एक क्रांतिकारी गीत प्रस्तुत किया। उसके बाद राकेश जी ने अपने उद्बोद्धन में बताया कि कट्टरता व असहिष्णुता की आज की हत्यारी संस्कृति हमारे रहन-सहन,संग-साथ,बोलने को भी 'धर्म और संस्कृति' की आड़ में नियंत्रित करना चाहती है। इन बेखौफ कट्टरपंथियों ने प्रो काल्बुर्गी की हत्या के  फौरन बाद एक और कन्नड लेखक और विद्वान प्रो के एस भगवान को अपना अगला शिकार घोषित कर दिया है। उनके प्रस्ताव पर सभा ने मांग की कि प्रो भगवान सहित अन्य संस्कृति कर्मियों व बौद्धिको की अभिव्यक्ति की आज़ादी और जानमाल की पूरी सुरक्षा सुनिश्चित की जाये। 
राकेश जी ने घोषणा की कि 27 सितंबर, रविवार को शहीद भगत सिंह की जयंती पर विभिन्न संगठन एकत्रित होकर आगामी कार्यक्रमों की रूपरेखा तय करेंगे। रूपरेखा वर्मा जी के अध्यक्षीय संबोद्धन के उपरांत सभा समाप्ति से पूर्व एक और क्रांतिकारी गीत प्रस्तुत करके उपस्थित लोगों से अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता और जंतान्त्रिक अधिकारों की रक्षा का आह्वान किया गया। 

प्रदर्शन व सभा में भाग लेने वाले लोगों में प्रमुख रूप से रूपरेखा वर्मा,ताहिरा हसन,मधु गर्ग,किरण सिंह,सीमा चंद्रा, सुशीला पुरी,आशा मिश्रा,कान्ति मिश्रा,कल्पना पांडे,शिव मूर्ति, वीरेंद्र यादव ,राकेश जी,प्रदीप घोष,जुगल किशोर,सूर्य मोहन कुलश्रेष्ठ,शकील अहमद सिद्दिकी,शोएब मोहम्मद, जन संदेश टाईम्स के प्रधान संपादक सुभाष राय,कौशल किशोर,कौशलेंन्द्र किशोर चतुर्वेदी,के के शुक्ला,वीर विनोद छाबड़ा,ओ पी सिन्हा,राजीव यादव,फूल चंद यादव, एस आर दारा पुरी,दिनकर कपूर,आदियोग,प्रदीप शर्मा , विजय राजबली माथुर के नाम उल्लेखनीय हैं। 

संकलन-विजय माथुर, फौर्मैटिंग-यशवन्त यश
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